सिफारिश पर बतौरे हदिया माल लेना एक गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“किसी ने अपने (मुसलमान) भाई की किसी चीज़ में सिफारिश की और सिफारिश करने पर सामने वाले ने उस को कोई चीज बतौरे हदिया पेश की और उस ने कुबूल कर ली, तो वह सूद के बहुत बड़े दरवाजे पर आ पहुँचा।”

📕 अबू दाऊद: ३५४१

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