“पाँच लोग शहीद हैं।ताऊन में मरने वाला,पेट की बीमारी में मरने वाला,डूब कर मरने वाला,दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वालाऔर राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।”
क़यामत के दिन लोगों की हालत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "क़यामत के रोज़ सूरज एक मील के फासले पर होगा और उसकी गर्मी में भी इज़ाफा कर दिया जाएगा, जिस की वजह से लोगों की खोपड़ियों में दिमाग़ इस तरह उबल रहा होगा जिस तरह हाँड़ियाँ जोश मारती हैं, लोग अपने गुनाहों के बक़द्र पसीने में डूबे हुए होंगे, बाज टखनों तक, बाज़ पिंडलियों तक, बाज कमर तक और बाज़ के मुंह में लगाम की तरह होगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : २१६८२
बदन की हड्डी कुदरत की निशानी Highlights • हड्डियों की अद्भुत संरचना: करीब २४८ हड्डियाँ जिनकी संरचना अलग-अलग रूपों में है और ये शरीर के ढांचे को मजबूत करती हैं।• कुदरत की योजना: अल्लाह की कुदरत से हड्डियाँ न केवल शरीर को खड़ा रखने में मदद करती हैं, बल्कि हर हड्डी का अपना विशेष कार्य है।• अल्लाह की कारीगरी: इंसान के शरीर में इस तरह की विविधता और सही संरचना केवल अल्लाह की असीम कुदरत से ही संभव है। उस कादिरे मुतलक की कारीगरी को देखिये। उस ने एक कतरे से इंसानी जिस्म में क्या क्या कारीगरी की है। उस में अल्लाह तआला ने मुख्तलिफ किस्म…
समुन्दर इन्सानों की गिजा का ज़रिया है Highlights • समुंदर का फ़ायदा: अल्लाह तआला ने समुंदर को इंसानों के लिए एक अहम ज़रिया बना दिया, जिससे ताजे गोश्त, मोती और अन्य जेवरात प्राप्त होते हैं।• कश्तियाँ और रोज़ी की तलाश: समुंदर में कश्तियाँ चलती हैं और लोग अपने रोज़गार के लिए समुंदर से लाभ उठाते हैं।• शुक्र अदा करना: यह सब अल्लाह की कृपा है, और इंसानों को इसका शुकर अदा करते रहना चाहिए। कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "अल्लाह तआला ही ने समुन्दर को तुम्हारे काम में लगा दिया है, ताके तुम उस में से ताज़ा गोश्त खाओ और उसमें से जेवरात (मोती वगैरह)…
सुन्नत पर अमल करने पर शहीद का सवाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो मेरी उम्मत में बिगाड़ के वक्त मेरी सुन्नत को मजबूती से थामे रहेगा, उसके लिये एक शहीद का सवाब है।" 📕 तबरानी औसत: ५५७२
अल्लाह के लिये मुहब्बत का बदला रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: अल्लाह तआला क़यामत के दिन फरमाएगा। "मेरी अजमत की वजह से आपस में मुहब्बत करने वाले लोग आज कहाँ हैं ? मैं आज उन को अपने साए में जगह दूँगा जब के मेरे साए के अलावा कोई साया न होगा।" 📕 मुस्लिम: ६५४८
ज़िना की कसरत और नाप तौल में कमी करने का वबाल रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जिस कौम में ज़िना आम होता है, उस में ताऊन और ऐसी बीमारियां फ़ैल जाती हैं जो पहले नहीं थीं और जो लोग नाप तौल में कमी करते हैं, तो वह लोग कहत साली, परेशानियों और बादशाह (हुकुमरानों) के जुल्म के शिकार हो जाते हैं।” 📕 इब्ने माजा: ४०१९
वसिय्यत के लिए दो इंसाफ पसंद लोग गवाह हो कूरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "ऐ ईमान वालो ! जब तुम में से किसी को मौत आने लगे वसीय्यत के वक्त शहादत के लिये तूम (मुसलमानों) में से दो इन्साफ पसन्द आदमी गवाह होने चाहिये या फिर तुम्हारे अलावा दूसरी कौम के लोग गवाह होने चाहिये। जैसे तुम सफर में गए हो, फिर तुम्हें मौत का हादसा आ जाए।" 📕 सूरह मायेदा: १०६
इन्कार करने वालो का अजाब कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जो लोग हमारी आयतों का इन्कार करते रहे हैं, तो वही बडबख्त हैं, (जिन को बाएँ हाथ में नाम-ए-आमाल दिया जाएगा) उन पर चारों तरफ से बंद की हुई आग को मुसल्लत कर दिया जाएगा।" 📕 सूरह बलद: १९ ता २०
नेक बंदों की नेअमतों का बयान कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "परहेज़गार लोग बागों और ऐश व राहत में होंगे। उन को जो चीजें ऐश व आराम की उन के रब ने अता की होगी उस को खा रहे होंगे और उन का रब उन को दोज़ख के अज़ाब से महफूज रखेगा, (और कहा जाएगा) तुम खूब मज़े के साथ खाओ पियो (यह) तुम्हारे नेक आमाल के बदले में है, जो तुम (दुनिया) में किया करते थे (और वह लोग) बराबर बिछे हुए तख्तों पर तकिये लगाए हुए होंगे और हम बड़ी बड़ी आँखों वाली हूरों से उनका निकाह कर देंगे।" 📕 सूरह तूर :…
अच्छे और बुरे बराबर नहीं हो सकते कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "क्या वह लोग जो बुरे काम करते हैं, यह समझते हैं के हम उन्हें और उन लोगों को बराबर कर देंगे जो ईमान लाते हैं और नेक अमल करते हैं के उन का मरना और जीना बराबर हो जाए, उनका यह फैसला बहुत ही बुरा है।" 📕 सूरह जासिया : २१
रसूल (ﷺ) के हुक्म को न मानने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जो लोग रसूलुल्लाह (ﷺ) के हुक्म की खिलाफ वरजी करते हैं, उनको इस से डरना चाहिये के कोई आफत उन पर आ पड़े या कोई दर्दनाक अज़ाब उन पर आ जाए।" 📕 सूरह नूर : ६३
जहन्नम का जोश कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग (दूर ही से) उस का जोश व खरोश सुनेंगे और जब वह दोज़ख़ की किसी तंग जगह में हाथ पाँव जकड़ कर डाल दिये जाएंगे, तो वहाँ मौत ही मौत पुकारेंगे। (जैसा के मुसीबत में लोग मौत की तमन्ना करते हैं)।" 📕 सूर-ए-फुरकान : १२ ता १३
शहेद से पेट के दर्द का इलाज Highlights • एक शख्स ने अपने भाई की पेट की तकलीफ के लिए रसूलुल्लाह (ﷺ) से मदद मांगी, तो उन्होंने शहद पिलाने को कहा। • बार-बार शहद पिलाने के बावजूद आराम न मिलने पर भी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अल्लाह के वादे पर भरोसा करने को कहा। • आख़िरकार, शहद के लगातार इस्तेमाल से वह शख्स ठीक हो गया, साबित हुआ कि शहद में शिफा है। एक शख्स रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास आया और अर्ज़ किया : “ऐ अल्लाह के रसूल! मेरे भाई के पेट में तकलीफ है।” रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : ‘शहेद पिलाओ।’ वह शख्स गया और शहेद पिलाया,…
खुम्बी (मशरूम) से आँखों का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "खुम्बी का पानी ऑखों के लिये शिफा है।" 📕 बुखारी: ५७०८ फायदा : हजरत अबू हुरैरह (र.अ) अपना वाकिआ बयान करते हैं, मैंने तीन या पाँच या सात खुम्बिया ली और उसका पानी निचोड़ कर एक शीशी में रख लिया, फिर वही पानी मैंने अपनी बाँदी की दूखती हुई आँख में डाला तो वह अच्छी हो गई। [तिर्मिजी: २०११] नोट : खुम्बी को हिन्दुस्तान के बाज इलाकों में साँप की छतरी और बाज दूसरे इलाकों में कुकरमत्ता कहते हैं, याद रहे के बाज खुम्बियाँ जहरीली भी होती हैं, लिहाजा तहकीक के बाद इस्तेमाल की जाये।
दुनिया के लालची अल्लाह की रहमत से दूर होंगे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "क़यामत करीब आ चुकी है और लोग दुनिया की हिर्स व लालच और अल्लाह तआला की रहमत से दूरी में बढ़ते ही जा रहे हैं।" खुलासा : कयामत के करीब आने की वजह से लोगों को नेकी कमाने की जियादा से जियादा फ़िक्र करनी चाहिये, लेकिन ऐसा करने के बजाए वह दुनिया की लालच में पड़ कर अल्लाह की रहमत से दूर होते जा रहे है। 📕 मुस्तदरक : ७९१७
MD. Salim Shaikh
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