लोगों के साथ नर्मी से पेश आने की फ़ज़ीलत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :
“क्या मैं तुम को ऐसे शख्स की खबर न दूँ जो दोजख के लिये हराम है और दोज़ख की आग उस पर हराम है? हर ऐसे शख्स पर जो तेज़ मिजाज न हो बल्के नर्म हो, लोगों से क़रीब होने वाला हो, नर्म मिजाज हो।”