कर्ज़ अदा करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "क़र्ज़ की अदायगी पर ताकत रखने के बावजूद टाल मटोल करना जुल्म है।" 📕 बुखारी : २४००, अन अबू हुरैरह (र.अ) फायदा: अगर किसी ने कर्ज़ ले रखा है और उस के पास कर्ज अदा करने के लिए माल है, तो फिर कर्ज, अदा करना ज़रूरी है, टाल मटोल करना जाइज नहीं है।
घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से कोई मस्जिद में (फ़र्ज़) नमाज़ अदा कर ले, तो अपनी नमाज़ में से कुछ हिस्सा घर के लिए भी छोड़ दे; क्योंकि अल्लाह तआला बन्दे की (नफ़्ल) नमाज़ की वजह से उस के घर में खैर नाज़िल करता हैं।" 📕 सही मुस्लिम : ७७८, अन जाबिर (र.अ) एक और रिवायत में, रसूलअल्लाह(ﷺ) ने फरमाया – “फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा (सुन्नत और नवाफ़िल नमाज़े) घर में पढ़ना मेरी इस मस्जिद (मस्जिद-ए-नबवी) में नमाज़ पढ़ने से भी अफ़ज़ल है।” 📕 सुनन अबू दाऊद: 1044, जैद इब्ने…
ज़कात मुस्तहिक को देना ज़रूरी है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “बेशक अल्लाह तआला ने ज़कात के मुस्तहिक को न किसी नबी की मर्जी पर छोड़ा है और न ही नबी के अलावा किसी और की मर्जी पर, बल्कि खुद ही फैसला फरमा दिया है और उस के आठ हिस्से मुतअय्यन कर दिये हैं।” 📕 अबू दाऊद: १६३०, अन जियाद बिन हारिस (र.अ) वजाहत: ज़कात का जो मुस्तहिक है, उसी को ज़कात देना ज़रुरी है और जो ज़कात का मुस्तहिक नहीं है, अगर उसको दे दिया तो ज़कात अदा नहीं होगी।
दिखावे के काम करने वाले का अंजाम दिखावे के काम करने वाले का अंजाम नबी करीम (ﷺ) ने फरमाया: ❝ जो लोगों को दिखलाने और शोहरत के लिए (खैर के) काम करेगा तो अल्लाह सुब्हानहु क़यामत के दिन उसकी रियाकारी का हाल लोगों को सुना देगा। ❞ 📕 सही बुखारी, हदीस 7152
बदन की हड्डी कुदरत की निशानी Highlights • हड्डियों की अद्भुत संरचना: करीब २४८ हड्डियाँ जिनकी संरचना अलग-अलग रूपों में है और ये शरीर के ढांचे को मजबूत करती हैं।• कुदरत की योजना: अल्लाह की कुदरत से हड्डियाँ न केवल शरीर को खड़ा रखने में मदद करती हैं, बल्कि हर हड्डी का अपना विशेष कार्य है।• अल्लाह की कारीगरी: इंसान के शरीर में इस तरह की विविधता और सही संरचना केवल अल्लाह की असीम कुदरत से ही संभव है। उस कादिरे मुतलक की कारीगरी को देखिये। उस ने एक कतरे से इंसानी जिस्म में क्या क्या कारीगरी की है। उस में अल्लाह तआला ने मुख्तलिफ किस्म…
औरत के लिये चंद आमाल रसुलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब औरत पाँच वक्त की नमाज पढती रहे और अपनी इज्जत की हिफाजत करती रहे और अपने शौहर की फरमाबरदारी करती रहे तो वह जन्नत के जिस दरवाजे से चाहे, दाखिल हो जाए।" 📕 सही इब्ने हिम्बान : ४२३७
देवर तो मौत है | शौहर के भाइयों से परदे का हुक्म रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "ना महरम) औरतों के पास आने जाने से बचो! एक अन्सारी सहाबी ने अर्ज किया : देवर के बारे में आप क्या फ़र्माते हैं ? तो आप (ﷺ) ने फर्माया: देवर तो मौत है।" 📕 बुखारी : ५२३२ वजाहत: शौहर के भाई वगैरह से परदा करना इन्तेहाई जरूरी है और उस से इस तरह बचना चाहिये। जिस तरह मौत से बचा जाता है।
खुम्बी (मशरूम) से आँखों का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "खुम्बी का पानी ऑखों के लिये शिफा है।" 📕 बुखारी: ५७०८ फायदा : हजरत अबू हुरैरह (र.अ) अपना वाकिआ बयान करते हैं, मैंने तीन या पाँच या सात खुम्बिया ली और उसका पानी निचोड़ कर एक शीशी में रख लिया, फिर वही पानी मैंने अपनी बाँदी की दूखती हुई आँख में डाला तो वह अच्छी हो गई। [तिर्मिजी: २०११] नोट : खुम्बी को हिन्दुस्तान के बाज इलाकों में साँप की छतरी और बाज दूसरे इलाकों में कुकरमत्ता कहते हैं, याद रहे के बाज खुम्बियाँ जहरीली भी होती हैं, लिहाजा तहकीक के बाद इस्तेमाल की जाये।
अपने अख़्लाक़ दुरूस्त करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कामयाब हो गया वह आदमी जिस ने अपने दिल को ईमान के लिये सफारिश कर दिया और उसे सही सालिम रखा और अपनी जबान को सच्चा बनाया, अपने नफ़्स को नफ्से मुतमइन्ना और अख़्लाक़ को दुरूस्त बनाया और कानों को हक़ बात सुनने का और आँखों को अच्छी चीजों को देखने का आदी बनाया।" 📕 मुस्नदे अहमद: २०८०३, अन अबी जर (र.अ)
दाढ़ी रखने की अहमियत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "मूंछों को कतरवाओ और दाढ़ी को बढ़ाओ।" 📕 बुखारी: ५८९३ वजाहत: दाढी रखना शरीअते इस्लाम में वाजिब और इस्लामी शिआर में से है इस लिये तमाम मुसलमानों के लिये उस पर अमल करना इन्तेहाई जरूरी है।
शहेद से पेट के दर्द का इलाज Highlights • एक शख्स ने अपने भाई की पेट की तकलीफ के लिए रसूलुल्लाह (ﷺ) से मदद मांगी, तो उन्होंने शहद पिलाने को कहा। • बार-बार शहद पिलाने के बावजूद आराम न मिलने पर भी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अल्लाह के वादे पर भरोसा करने को कहा। • आख़िरकार, शहद के लगातार इस्तेमाल से वह शख्स ठीक हो गया, साबित हुआ कि शहद में शिफा है। एक शख्स रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास आया और अर्ज़ किया : “ऐ अल्लाह के रसूल! मेरे भाई के पेट में तकलीफ है।” रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : ‘शहेद पिलाओ।’ वह शख्स गया और शहेद पिलाया,…
नमाज़ी पर जहन्नम की आग हराम है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स पाँचों नमाजों की इस तरह पाबंदी करे के वजू और औक़ात का एहतेमाम कर, और सज्दा अच्छी तरह करे और इस तरह नमाज पढने को अपने जिम्मे अल्लाह तआला का समझे, तो उस आदमी को जहन्नम की आग पर हराम कर दिया जाएगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : १८८२
नमाजे अस्र की अहमियत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जिस शख्स ने अस्र की नमाज़ छोड़ दी, तो उस का अमल जाया हो गया।" 📕 बुखारी : ५५३. अन बुरैया (र.अ) वजाहत: दिन और रात में तमाम मुसलमानों पर पाँचों नमाजों को अदा करना तो फर्ज है ही, लेकिन ख़ास तौर से अस्त्र की नमाज़ छोड़ने वालों के हक में रसूलल्लाह (ﷺ) का वईद बयान फर्माना इस की अहमियत को मजीद बढ़ा देता है, चुनान्चे हमारे लिए जरूरी है के हम अस्र की नमाज वक्त पर अदा करें और कजा न करें। अल्लाहतआला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफीक दे , अमीन।
मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम मुसाफिर को पानी न देने का अंजाम अबू हुरैरा (रज़ि) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया - 3 तरह के लोग वो होंगे जिनकी तरफ कयामत के दिन अल्लाह तआला नज़र (नज़र-ए-रहमत) भी नहीं उठाएगा और ना उन्हें पाक करेगा, बल्कि उनके लिए दर्दनाक अज़ाब होगा। एक वो शख़्स जिसके पास रास्ते में ज़रूरत से ज़्यादा पानी हो और उसने किसी मुसाफ़िर को उसके इस्तमाल से रोक दिया। दूसरा वो शख्स जो किसी हाकीम से बैत सिर्फ दुनिया के लिए करे, कि अगर वो हाकीम उसे कुछ दे तो वो राजी रहे वरना खफा हो जाए। तीसरा वो…
MD. Salim Shaikh
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