“अहले ताल्लुक में से कोई शख्स अगर तीन दिन तक न आता (या उस से मुलाक़ात न होती) तो आप (ﷺ) उसके मुतअल्लिक़ मालूमात फरमाते,अगर वह बाहर (सफर में) होता तो उस के लिये दुआ करते,अगर यह मौजूद होता तो आप उससे मुलाकात फ़रमाते,अगर बीमार होता तो उसकी इयादत फरमाते।
गुनाहों को छोड़ देना बेहतरीन हिजरत है हज़रत अनस की वालिदा ने सरकारे दो आलम (ﷺ) कीखिदमत में हाज़िर हो कर अर्ज किया: मुझे कुछ वसिय्यत फर्माइये। आप (ﷺ) ने इर्शाद फ़ाया : "गुनाहों को छोड़ देना बेहतरीन हिजरत है, फ़राइज़ की हिफ़ाज़त करना बेहतरीन जिहाद है और ज़िक्रे इलाही ब कसरत करती रहो, इस लिए के तुम अल्लाह के यहाँ इस से जियादा महबूब चीज़ लेकर नहीं आ सकती हो।" 📕 तबरानी कबीर : २०८२१
मुसीबत या खतरे को टालने की दुआ जब किसी मुसीबत या बला का अंदेशा हो, तो इस दुआ को कसरत से पढ़े: “हमारे लिए अल्लाह काफ़ी है और वह बेहतरीन काम बनाने वाला है, हम उसी पर भरोसा करते हैं।” 📕 तिर्मिज़ी : २४३१, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
आबे ज़म ज़म से इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जमीन पर सबसे बेहतरीन पानी आबे जम जम है, यह खाने वाले के लिये खाना और बीमार के लिये शिफा है।" 📕 तबरानी औसत: ४०५९
आटे की छान से इलाज आटे की छान से इलाज ۞ हदीस: हजरत उम्मे ऐमन (र.अ) आटे को छान कररसूलुल्लाह (ﷺ) के लिये रोटी तय्यार कर रही थीं केआप (ﷺ) ने दरयाफ्त फ़रमाया: यह क्या है ? उन्होंने अर्ज किया: यह हमारे मुल्क का खाना है, जो आप के लिये तय्यार कर रही हूँ। तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "तुम ने आटे में से जो कुछ छान कर निकाला है उस को उसी में डाल दो और फिर गूंधो।" 📕 इब्ने माजा: ३३३६ फायदा : जदीद तहकीकात से मालूम हआ है के आटे की छान (भूसी) पुराने कब्जऔर ज़्याबेतीस के मरीजों के लिये बेहतरीन…
खुजली का इलाज हजरत अनस बिन मालिक (र.अ) फर्माते हैं के : रसूलल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ (र.अ) और जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) को खुजली की वजह से रेशमी कपड़े पहनने की इजाजत मरहमत फर्माई थी।" 📕 बुखारी: ५८३९ फायदा: आम हालात में मर्दो के लिये रेश्मी लिबास पहनना हराम है, मगर जरूरत की वजह से माहिर हकीम या डॉक्टर कहे तो गुंजाइश है।
मौत की आरज़ू कभी मत करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया - तकलीफ़ और बीमारी की वजह से मौत की आरज़ू मत करो अगर तुम यही चाहते हो तो इस तरह दुआ करो: ( اللهم أحيني ما كانت المميزة خيزاتی وتولي إذا كانت الوفاة خيراتي ) तर्जमा: ऐ अल्लाह! तू मुझे ज़िन्दा रख जब तक मेरा ज़िन्दा रहना मेरे हक़ में बेहतर हो और मुझे मौत दे अगर मरना मेरे हक़ में बेहतर हो। 📕 बुखारी: ५६७१, अन अनस बिन मालिक रज़ि०
मस्जिदे नबवी में चालीस नमाज़ों का सवाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जिस ने मेरी मस्जिद में चालीस नमाज़े अदा की और कोई नमाज़ कजा नहीं की, तो उस के लिए जहन्नम से बरात और अज़ाब से नजात लिख दी जाती है और निफ़ाक से बरी कर दिया जाता है।" 📕 मुसनदे अहमद : १२९४१, अन अनस (र.अ)
एक ही पानी से फल और फूल की पैदाइश Highlights • अल्लाह ने एक ही जमीन और पानी से विभिन्न प्रकार के पेड़, फल, और फूल पैदा किए। • हर फल और फूल का रंग, स्वाद, और खुशबू अलग है, जैसे मीठा, खट्टा, सुर्ख या सफेद। • यह अल्लाह की अजीम कुदरत का बेहतरीन नमूना है। अल्लाह तआला जबरदस्त कुदरत वाला है, उस ने एक ही जमीन और एक ही पानी से मुख्तलिफ किस्म के दरख्त, फल और फूल बनाए, हर एक का मज़ा और रंग अलग अलग है, कोई मीठा है तो कोई खट्टा है, कोई सुर्ख है, तो कोई सफेद है, हालांकि सब एक ही ज़मीन और…
बात ठहर ठहरकर और साफ साफ़ करना हजरत आयशा (रजि०) फरमाती है के, "हुजूर (ﷺ) की बात जुदा जुदा होती थी, जो सुनता समझ लेता था।" 📕 अबू दाऊदः हदीस 4839 फायदा: जब किसी से बात करे, तो साफ़ साफ़ बात करे, ताके सुनने वाले को समझने में कोई परेशानी ना हो, यह आप (ﷺ) की सुन्नत है।
काइनात की सबसे बड़ी मशीनरी Highlights • काइनात की सबसे बड़ी मशीनरी: इन्सान को अल्लाह तआला ने अजीब और बेहतरीन तरकीब से विकसित किया।• प्राकृतिक विकास: नुत्फे से खून, फिर गोश्त और हड्डियाँ, और अंततः हर अंग (नाक, कान, आँखें, दिल, दिमाग, हाथ, पैर) एक अनुशासन के साथ बनते हैं।• कुदरत का अद्भुत निजाम: यह सारा प्रक्रम एक अंधेरी कोठरी में चलता है, जहां माँ और पिता को इसका पता नहीं होता। यह अल्लाह की जबरदस्त कुदरत को दर्शाता है।• तख़्लीक़ की बधाई: "बाबरकत है वह अल्लाह की ज़ात जो बेहतरीन तख़्लीक़ करने वाली है।" इन्सान इस कायनात की सबसे बड़ी मशीनरी है, अल्लाह तआला…
किसी मंजिल से चलते वक़्त नमाज़ पढ़ना हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के: “रसूलुल्लाह (ﷺ) किसी जगह कयाम करते और फिर वहाँ से चलते तो दो रकात नमाज जरूर पढ़ते।” 📕 सुनन कुबरा लिल बैहकी: २५३/५
बिमारियों का इलाज हज़रत अनस (र.अ) के पास दो शख्स आए, जिन में से एक ने कहा: ऐ अबू हम्जा (यह हजरत अनस (र.अ) की कुन्नियत है) मुझे तकलीफ है, यानी मैं बीमार हूँ, तो हजरत अनस (र.अ) ने फ़रमाया: क्या मैं ! तुम को उस दुआ से दम न कर दूं जिस से रसूलुल्लाह (ﷺ) दम किया करते थे? उस ने कहा :जी हाँ जरूर , तो उन्होंने यह दुआ पढ़ी: तर्जुमा: ऐ अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ को दूर कर देने वाले, शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं, ऐसी शिफा अता…
पड़ोसी के साथ अच्छा सुलूक करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "अल्लाह के नज़दीक बेहतरीन साथी (दोस्त) वह है, जो अपने साथी के लिये बेहतर हो और अल्लाह के नज़दीक बेहतरीन पड़ोसी वह है जो अपने पड़ोसी के हक़ में अच्छा हो।" 📕 तिर्मिज़ी : १९४४
हर आने वाला ज़माना पहले ज़माने से बुरा होगा हजरत अनस (र.अ) से रिवायत है के, अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया: “हर आने वाला ज़माना पहले ज़माने से बुरा होगा। “ [ बुखारी #हदीस 7068 ]
MD. Salim Shaikh
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