22. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इब्राहीम (अ.स) की आज़माइश, मुअजिजा : एक प्याला दूध सब के लिये काफी हो गया, एक फ़र्ज़ : दाढ़ी रखना, एक सुन्नत : कपड़े पहनने की दुआ, अहेम अमल : अल्लाह के वास्ते मुहब्बत करना, अल्लाह और रसूल…
24 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हुजूर (ﷺ) की पैदाइश के वक़्त दुनिया पर असर, एक फर्ज: सब से पहले नमाज़ का हिसाब होगा, एक सुन्नत: अच्छी मौत की दुआ, अल्लाह की दी हुई रोज़ी पर राज़ी रहने की फ़ज़ीलत, लड़की की पैदाइश को बुरा समझने…
30. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). मदीना में हुजूर (ﷺ) का इस्तिकबाल, (2). किला फतह होना, (3). वालिदैन के साथ एहसान का मामला करो, (4). घरवालों पर सवाब की नियत से खर्च करना भी सदक़ा है, (5). कुरआन का मजाक उड़ाना, (6). माल की मुहब्बत…
9. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा कुफ्फार का हुजूर (ﷺ) को तकलीफें पहुंचाना, पत्तों में अल्लाह की कुदरत, इल्म हासिल करना जरूरी है, अमल : तहज्जुद की निय्यत कर के सोना, हराम माल से सदक़ा करने का गुनाह, दुनियावी ख्वाहिशों को पूरा करने का अंजाम ...
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 8 https://www.youtube.com/watch?v=UnBm3khmrvY Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 8 पेज: 66 समझौते की बात ईमान लाने पर मुसलमानों पर बड़े से बड़ा जुल्म किया गया, इतना जुल्म किया गया कि आज हम में से कोई आदमी सोच भी नहीं सकता। यह…
जानिए : कब क्या कहें | Kab Kya Kahein in Hindi जानिए : हर काम शुरु करने से पहले, कुरआन पढ़ने से पहले, जब कोई काम आइन्दह करना हो तो, ख़ुशी और ख़ैरियत के वक़्त, किसी को हंसता देखें तो कहें , मुसीबत के वक्त, गुनाह (बुरी बात) से डर कर,…
हज का सुन्नत तरीका ~ कुरआन व सुन्नत की रौशनी में हज का सुन्नत तरीका | हज का तारूफ , हज्ज के फ़र्ज़ होने की शर्तें, हज में एहतियात करने वाली बाते, एहराम की हालत में मना की हुई चीज़ें, हज्ज के तीन किस्मे, यौमूत्तर्वियह, अरफा का दिन , मुज़दलिफा में…
16 Rajjab | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत सईद बिन जैद (र.अ), टूटे हुए पैर का ठीक हो जाना, नमाज़ में किबला की तरफ रुख करना, खाने के बाद की दुआ, हर नमाज के बाद तसबीहे फातिमी पढ़ना, किसी पर तोहमत लगाना गुनाहे अज़ीम है, नेक आमाल…
11. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 11 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख मुसलमानों की हिजरते हबशा जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान…