रबीआ बिन अकसम (र.अ.) फ़रमाते हैं के:
“रसूलुल्लाह (ﷺ) दांतों की चौड़ाई में (यानी दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ) मिस्वाक फरमाते थे।”
रबीआ बिन अकसम (र.अ.) फ़रमाते हैं के:
“रसूलुल्लाह (ﷺ) दांतों की चौड़ाई में (यानी दाएँ से बाएँ और बाएँ से दाएँ) मिस्वाक फरमाते थे।”
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