۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
“जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो कीअल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीऔर मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँऔर ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।”
141+ हदीस की अच्छी-अच्छी बातें | पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हदीस की अच्छी-अच्छी बातें अल्लाह के आखरी पैगंबर मुहम्मद साहब (ﷺ) की शिक्षाओं की एक झलक हिंदी में। हदीस की अच्छी-अच्छी बातें संसार के विषय में | Best Islamic Quotes 1-10 1. समस्त संसार को बनाने वाला एक ही मालिक अल्लाह हैं। वह निहायत मेहरबान और रहम करने वाला है। उसी की ईबादत (पूजा) करो और उसी का हुक्म मानो। 2. मैं अल्लाह की ओर से संसार का मार्गदर्शक नियुक्त किया गया हूॅ। मार्ग दर्शन का कोई बदला तुमसे नही चाहता। मेरी बातें सुनों और मेरी आज्ञा का पालन करो। 3. अल्लाह ने इन्सान पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती…
घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से कोई मस्जिद में (फ़र्ज़) नमाज़ अदा कर ले, तो अपनी नमाज़ में से कुछ हिस्सा घर के लिए भी छोड़ दे; क्योंकि अल्लाह तआला बन्दे की (नफ़्ल) नमाज़ की वजह से उस के घर में खैर नाज़िल करता हैं।" 📕 सही मुस्लिम : ७७८, अन जाबिर (र.अ) एक और रिवायत में, रसूलअल्लाह(ﷺ) ने फरमाया – “फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा (सुन्नत और नवाफ़िल नमाज़े) घर में पढ़ना मेरी इस मस्जिद (मस्जिद-ए-नबवी) में नमाज़ पढ़ने से भी अफ़ज़ल है।” 📕 सुनन अबू दाऊद: 1044, जैद इब्ने…
अकीदा क्या होता है ? और इसका महत्त्व 1- प्रश्नः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है क्या है और उसका अर्थ क्या होता है ? उत्तरः वह कलमा जिसे बोलकर एक आदमी मुसलमान बनता है कलमा शहादत ( अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्न मोहम्मदन रसूलुल्लाह) है। जिसका अर्थ होता है में गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा और कोई सही इबादत (पूजा) के योग्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के रसूल हैं। इस मे दो सवालों का जवाब दिया गया है इबादत किसकी? और इबादत किस प्रकार? इबादत किसकी, का जवाब कलमा शहादत के पहले…
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस Hadees of the Day ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस अबु बक्र सिद्दीक (रजी) से रिवायत है की,रसुलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "अगर लोग जालीम को जुल्म करते हुए देखे और उसे न रोके तो करीब है की अल्लाह तआला उन सबको अजाब मे मुब्तला कर देगा।" 📕 रियाद अस-सलीहिन, हदीस, 197
Shab-e-Barat : शबे बराअत की हकीकत | सुन्नी इस्लाम शबे बराअत / 15 शाबान की इबादतें ? क़ब्रिस्तान में चिरागाह ? रात की नमांजे ? हलवा पकाना ? रूहों की वापसी ? १५ Shaban | Shab e Barat ki hakikat Quran aur sunnat ki roshni mein ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है। अल्लाह के नाम से जो सब तअरीफे अल्लाह तअला के लिए हैं हम उसी की तअरीफ करते है और उसी से मदद चाहते हैं। अल्लाह की बेशुमार रहमतें, बरकतें और सलामती नाज़िल हो मुहम्मद सल्लललाहु अलैहि वसल्लम पर और आप की आल व औलाद व असहाब रज़ि. पर। अम्मा बअद! आज…
ईद की नमाज का तरीका: Eid ki Namaz ka tarika | How to Pray Eid Prayer in Hindi दो रकात ईद की नमाज का तरीका तकबीरे ऊला से सलाम तक तफसील के साथ👇 नोट- नमाज का ये तरीका मर्द और औरत दोनों के लिए है क्योंकि एक भी सहीह हदीस से औरतों का तरीका अलग साबित नहीं है बल्कि नबी (ﷺ) का वाजेह हुक्म है- "नमाज़ उस तरह पढ़ो जिस तरह मुझे पढ़ते हुए देखते हो.” [सहीह बुख़ारी हदीस- 631] ईद की नमाज का तरीका:Eid ki Namaz ka tarika in Hindi ईद के नमाज़ की नियत 👉 पहले नियत करें लेकिन याद रहे कि नियत दिल के इरादा को कहते है।जुबान से नियत करना बिद्अत है। नियत के…
रिश्तेदारों के हुकूक : कुरआन हदीस की रौशनी में | Rishtedaro ke Huqooq Quran Hadees ki roshni mein रिश्तेदारों के हुकूक अदा करने का हुक्म: क़ुरआन: “बेशक! अल्लाह तआला इंसाफ का और अहसान करने का और रिश्तेदारों को उनके हुकुक देने का हुक्म देता है” 1 हदीस : रसूलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जो शख्स रिश्तेदारों का हक अदा करने के लिए सदके का दरवाज़ा खोलता है तो अल्लाह तआला उस की दौलत को बढ़ा देता है। 2 हदीस : सबसे अफजल सदका वो है जो ऐसे रिश्तेदार पर किया जाए जिसने दिल में दुश्मनी छुपा रखी हो। 3 हदीस : रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो ये चाहे कि उसकी रोज़ी बढ़ जाए और उसकी उमर लंबी…
कुरआन अपने पढ़ने वालो की शफाअत करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "कुरआन पढ़ा करो, क्योंकि कुरआन कयामत के रोज अपने पढ़ने वालों की शफाअत करेगा।" 📕 मुस्लिम: १८७४,अन अबी उमामा (र.अ)
तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा | Tawakkul meaning in Hindi तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा तवक्कुल (Tawakkul) का इस्लामी अक़ाइद में एक अहम तसव्वुर है, जो अल्लाह पर यकीन और भरोसे की अलामत है। हिंदी में, तवक्कुल का मतलब है "अल्लाह पर पूरा भरोसा और यकीन रखना।" ये यकीन की एक खास किस्म की हालत है, जो हमें हर हालात में पुरसुकून और साबित क़दम रहने की सीख देती है। तवक्कुल का मतलब और अहमियत तवक्कुल की तशरीह अरबी लफ्ज़ "तवक्कुल" का लफ़्ज़ी मतलब है "भरोसा करना" या "निर्भर करना।" इस्लामी अक़ाइद में, ये अल्लाह पर मुकम्मल यकीन और भरोसा रखने का जिक्र करता है, ये जानते हुए…
शबे क़द्र और इस की रात का महत्वः (शबे क़द्र की फ़ज़ीलत हिंदी में) शबे क़द्र का अर्थ: रमज़ान महीने में एक रात ऐसी भी आती है, जो हज़ार महीने की रात से बेहतर है। जिसे शबे क़द्र कहा जाता है। शबे क़द्र का अर्थ होता हैः "सर्वश्रेष्ट रात", ऊंचे स्थान वाली रात”, लोगों के नसीब लिखी जानी वाली रात। शबे क़द्र बहुत ही महत्वपूर्ण रात है, जिस के एक रात की इबादत हज़ार महीनों (83 वर्ष 4 महीने) की इबादतों से बेहतर और अच्छा है। इसी लिए इस रात की फज़ीलत क़ुरआन मजीद और प्रिय रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की हदीसों से प्रमाणित है। ♪ Shabe Qadr ki Fazilat Audio me…
मन्नत (Mannat/Wish/Votive) की हकीकत हदीस: हजरते अनस और अबू हुरैरा (रजिअल्लाहु अन्हु) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने एक बूढ़े को देखा जो अपने दोनों बेटों के बीच में टेक लगाये (सहारा लिए) चल रहा था,आप (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : इसको क्या हुआ है ?उसके बेटों ने कहा की 'इसने मन्नत ली है (पैदल हज्ज पर जाने की)'तो आप (सलल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया : ऐ बूढ़े सवारी पर बैठ जा क्यूंकि अल्लाह तआला मोहताज़ नहीं है तेरा और तेरी मन्नत का |- (सहीह मुस्लिम : हदीस न. : 4029, 4030) हदीस: हजरते इब्ने उमर (रजिअल्लाहु अन्हु) से रिवायत…
MD. Salim Shaikh
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