” क्या वह लोग (इतना भी) नहीं देखते कि हर साल एक मरतबा या दो मरतबा बला (मुसीबत) में मुबितला किए जाते हैं फिर भी न तो ये लोग तौबा ही करते हैं और न नसीहत ही मानते हैं”
अल्लाह का सहारा मजबूती से पकड़ लो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "और अल्लाह का सहारा मजबूती से पकड़ लो, वही तुम्हारा काम बनाने वाला है और (जिस का काम बनाने वाला अल्लाह हो तो) अल्लाह तआला क्या ही अच्छा काम बनाने वाला है और क्या ही अच्छा मददगार है।" 📕 सूरह हज: ७६
आखिरत के मुकाबले में दुनिया से राज़ी होने का वबाल कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "क्या तुम लोग आख़िरत की जिन्दगी के मुकाबले में दुनिया की ज़िन्दगी पर राजी हो गए? दुनिया का माल व मताअ तो आखिरत के मुकाबले में कुछ भी नहीं।" 📕 सूरह तौबा: ३८ यानी मुसलमान के लिये मुनासिब नहीं है के वह दुनिया ही की जिन्दगी पर राजी हो जाए या दुनिया के थोड़ेसे साज़ व सामान की खातिर अपनी आखिरत को बरबाद कर दे।
आपस में झगड़ा न करो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम अल्लाह और उस के रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो, वरना तुम बुजदिल हो जाओगे और दुश्मन के मुकाबले में तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (मुसीबत के वक्त) सब्र करो, बेशक अल्लाह तआला सब्र करने वालों के साथ है।” 📕 सूर-ए-अन्फाल : 46
पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाते हैं, फिर अपने दावे पर चार गवाह न ला सकें, तो ऐसे लोगों को अस्सी कोड़े लगाओ और आइन्दा कभी उन की गवाही कबूल न करो और यह लोग (सख्त) गुनहगार हैं, मगर जो लोग इस तोहमत के बाद तौबा कर लें और अपनी इस्लाह कर लें, तो बेशक अल्लाह तआला बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।" 📕 सूरह नूर : ४ ता ५
कुफ्र की सज़ा जहन्नम है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग कुफ्र करते हैं तो अल्लाह तआला के मुकाबले में उन का माल और उन की औलाद कुछ काम नहीं आएगी और ऐसे लोग ही जहन्नम का इंधन होंगे।” 📕 सूरह आले इमरान : १०
तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा | Tawakkul meaning in Hindi तवक्कुल का मतलब: अल्लाह पर मुकम्मल भरोसा तवक्कुल (Tawakkul) का इस्लामी अक़ाइद में एक अहम तसव्वुर है, जो अल्लाह पर यकीन और भरोसे की अलामत है। हिंदी में, तवक्कुल का मतलब है "अल्लाह पर पूरा भरोसा और यकीन रखना।" ये यकीन की एक खास किस्म की हालत है, जो हमें हर हालात में पुरसुकून और साबित क़दम रहने की सीख देती है। तवक्कुल का मतलब और अहमियत तवक्कुल की तशरीह अरबी लफ्ज़ "तवक्कुल" का लफ़्ज़ी मतलब है "भरोसा करना" या "निर्भर करना।" इस्लामी अक़ाइद में, ये अल्लाह पर मुकम्मल यकीन और भरोसा रखने का जिक्र करता है, ये जानते हुए…
अच्छे और बुरे बराबर नहीं हो सकते कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "क्या वह लोग जो बुरे काम करते हैं, यह समझते हैं के हम उन्हें और उन लोगों को बराबर कर देंगे जो ईमान लाते हैं और नेक अमल करते हैं के उन का मरना और जीना बराबर हो जाए, उनका यह फैसला बहुत ही बुरा है।" 📕 सूरह जासिया : २१
जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये दुनिया और आखिरत में भलाई है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जो लोग परहेजगार हैं, जब उनसे पूछा जाता है के तुम्हारे रब ने क्या चीज़ नाजिल की है? तो जवाब में कहते हैं : बड़ी खैर व बरकत की चीज नाजिल फ़रमाई है। जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये इस दुनिया में भी भलाई है और बिला शुबा आखिरत का घर तो दुनिया के मुकाबले में बहुत ही बेहतर है और वाक़ई वह परहेजगार लोगों का बहुत ही अच्छा घर है।” 📕 सूरह नहल: ३०
दुनिया चाहने वालों का अन्जाम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जो कोई दुनिया ही चाहता है, तो हम उस को दुनिया में जितना चाहते हैं, जल्द देते हैं फिर हम उस के लिए दोजख मुकर्रर कर देते हैं, जिस में (ऐसे लोग कयामत के दिन) जिल्लत व रुसवाई के साथ ढकेल दिए जाएंगे।” 📕 सूर-ए-बनी इसराईलः १८
इस्लाम और हमारा घर ~ क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में १. घर सुकून की जगह है अल्लाह तआ़ला ने फ़रमाया: "और अल्लाह ने तुम्हारे घरों को तुम्हारे लिए सुकून की जगह बनाया।" (सूरह अल नहल 80) २. नेक बीवी का इंतिखाब अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:“औरत से चार चीज़ों की बुनियाद पर निकाह किया जाता है । उस के माल, हसब व नसब, खुबसूरती और उस के दीन की बुनियाद पर, तो तुम दीन वाली को चुनो तुम्हारे हाथ खाक आलूद हों । (मुत्तफकुन अलैह, अबू दाऊद, इब्ने माजा) रावी अबू हुरैराह(स़ही़ह़ अल जामे 3003) ३. घर वालों की तालीम और उनकी तरबियत, घर वालों को दीन सिखाना अल्लाह…
समुन्दर इन्सानों की गिजा का ज़रिया है Highlights • समुंदर का फ़ायदा: अल्लाह तआला ने समुंदर को इंसानों के लिए एक अहम ज़रिया बना दिया, जिससे ताजे गोश्त, मोती और अन्य जेवरात प्राप्त होते हैं।• कश्तियाँ और रोज़ी की तलाश: समुंदर में कश्तियाँ चलती हैं और लोग अपने रोज़गार के लिए समुंदर से लाभ उठाते हैं।• शुक्र अदा करना: यह सब अल्लाह की कृपा है, और इंसानों को इसका शुकर अदा करते रहना चाहिए। कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "अल्लाह तआला ही ने समुन्दर को तुम्हारे काम में लगा दिया है, ताके तुम उस में से ताज़ा गोश्त खाओ और उसमें से जेवरात (मोती वगैरह)…
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