17. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत सालेह (अ.स) की दावत और कौम का हाल, अल्लाह की कुदरत : दीमक, एक फर्ज : इल्म हासिल करना फ़र्ज़ है, अहेम अमल : आफत व बला दूर होने की दुआ, सिफारिश पर बतौरे हदिया माल लेने का गुनाह ...
झूठ बोलना कब और कहाँ जायज़ है | 3 ऐसी जगह जहां झूठ बोलना जायज है ... झूठ बोलना कैसा है ? झूठ बहुत बड़ा गुनाह है, झूठे इंसान पर अल्लाह तालाह की लानत होती है। अल्लाह ताला कुराने करीम में फरमाता है “बेशक झूठ बोलने वाले पर अल्लाह की लानत है।” ३:६१ लेकिन आज हम आप को यहाँ पर झूठ के बारे में ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जो शायद आप न जानते हों। झूठ बोलने के लिए इस्लाम में सख्ती से मना किया गया है, लेकिन कहा जाता है कि तीन मौके पर झूठ बोलना जायज़ है। अगर इंसान इन तीन मौके पर झूठ बोलता है तो उसे गुनाह नहीं मिलता है। झूठ बोलना…
19 Zil Hijjah | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत मौलाना जलालुद्दीन रूमी (रह.), सितारे, तकदीर पर ईमान लाना, खूशबू को रद नहीं करना चाहिए, हाजी से मुलाकात करना, मुसलमानों के क़त्ल में मदद करने की सज़ा , दुनिया से बे रग़बती पैदा करना ...
दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, कहाँ है और कब निकलेगा? Dajjal ki Hakikat in Hindi दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, दज्जाल कहाँ है, और वह कब निकलेगा? ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है। सब तारीफें अल्लाह तआला के लिए हैं जो सारे जहान का पालनहार है। हम उसी से मदद व माफी चाहते हैं,अल्लाह की ला’तादाद सलामती, रहमते व बरकतें नाज़िल हों मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि. पर। व बअद - दज्जाल की हकीकत | दज्जाल कौन है, दज्जाल कहाँ है, और वह कब निकलेगा? दज्जाल का कैद से निकलना भी कयामत से पहले की दस…
ईद की नमाज़ से पहले क़ुरबानी कबुल नहीं: हदिस | Eid ki Namaz se pehle Qurbani Qabool nahi -… ईद की नमाज़ से पहले क़ुरबानी कबुल नहीं: हदिस जुन्दब (र.अ) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने ईद उल अजहा की नमाज़ पढ़ने के बाद खुत्बा दिया फिर क़ुरबानी की और फ़रमाया - "जिसने (ईद की) नमाज़ से पहले क़ुरबानी कर दी हो, उसे दूसरा जानवर बदले में क़ुरबानी करना चाहिए और जिसने नमाज़ से पहले क़ुरबानी न की हो वो अल्लाह के नाम से क़ुरबानी करे।" 📕 सहीह अल-बुखारी, हदिस 985
8 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हजरत शीस (अ.), हुजूर (ﷺ) का मुअजीजा: बैतुल मुक़द्दिस के बारे में खबर, एक सुन्नत: तक्बीरे तहरीमा के बाद दुआ, एक अहेम अमल: आशूरा का रोज़ा ...
न्याय - इन्सान का हक़: # न्याय: - यह एक बहुत अहम अधिकार है, जो इस्लाम ने इन्सान को इन्सान होने की हैसियत से दिया है। कु़रआन में आया है कि: ♥ अल-कुरान: ‘‘किसी गिरोह की दुश्मनी तुम्हें इतना न भड़का दे कि तुम नामुनासिब ज़्यादती करने लगो’’ - [सुरह(5)माइदा:आयत:8] *आगे चलकर इसी सिलसिले में फिर फ़रमाया: ♥ अल-कुरान: ‘‘और किसी गिरोह की दुश्मनी तुम को इतना उत्तेजित न कर दे कि तुम इन्साफ़ से हट जाओ, (जबकि) इन्साफ़ करो, यही धर्म परायणता से क़रीबतर है’’ - [सुरह(5)माइदा:आयत:8] - मालूम हुआ कि आम इन्सान ही नहीं दुश्मनों तक से इन्साफ़ करना चाहिए। दूसरे शब्दों में…
बेचैनी की दुआ | Bechaini ki Dua 4 Bechaini ki Dua ❶ Allahu Allahu Rabbi laa ushriku bihi shai'an ❷ La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu mina-zalimeen ...
क़सस उल अंबिया | 25+ नबियों के किस्से और वाक़ियात हिंदी में क़सस उल अंबिया अम्बिया अलैहि सलाम के वाक़ियात हिंदी में | आदम अलैहि सलाम से लेकर नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम तक तफ्सीली जानकारी। क़सस उल अंबिया ~ Qasas ul Anbiya in Hindi कायनात की पैदाइश और पहला इंसान 1 तम्हीद 2 पहला इंसान 3 इल्मी बहसों से मुतालिक इस्लामी नुक्ता-ए-नज़र (दृष्टिकोण): हज़रत आदम अलैहि सलाम 1 आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश, फ़रिश्तों को सज्दे का हुक्म, शैतान का इंकार: 2 सज्दे से इन्कार करने पर इब्लीस का मुनाज़रा: 3 इब्लीस ने मोहलत तलब की: 4 आदम अलैहिस्सलाम और दूसरे फ़रिश्ते: 5 आदम अलैहिस्सलाम की खिलाफत – 6 आदम अलैहिस्सलाम की तालीम (इल्म का सिखाना) और फ़रिश्तों का इज्ज़ का इक़रार:…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah) ki Pehchan aur Sifat औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते हैं और उसी से मदद और माफी चाहते हैं। अल्लाह की ला तादाद सलामती, रहमतें और बरकतें नाजिल हो मुहम्मद सल्ल. पर, आप की आल व औलाद और असहाब रजि पर। व बअद! वली का मतलब वलायत अदावत की जिद है। वलायत मुहब्बत और कुर्ब को कहा जाता है और अदावत गुस्से और दूरी को। यानि वलायत के मआनी दोस्ती के…
माँ की नाफरमानी की सजा! अल्लाह के वली का इबरतनाक वाकिआ | Story of Juraij (Rh.) and his Mother वालिदैन की इता'अत क्या दर्ज़ा रखती है और इनकी नाफ़रमानी का नातीज़ा क्या होता है चाहे इंसान कितना ही नेक हो। आइये इसके ताल्लुक से एक वाकिये पर गौर करते हैं। माँ की नाफरमानी की सजा! अल्लाह के वली का इबरतनाक वाकिआ रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) फरमाते हैं के:“हमसे पिछली उम्मत में एक नेक शख़्स थे जो अल्लाह के वली थे, जिनका नाम जुरैज़ था। उन्होन एक गिरजा तामीर किया था और उसमें वो अल्लाह की इबादत किया करते थे, नमाज अदा करते थे। एक मरतबा हुआ यूं कि जुरैज अपनी नमाज में थे तब उनकी वालिदा (माँ) आई और…
MD. Salim Shaikh
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