हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के:
“रसूलुल्लाह (ﷺ) किसी जगह कयाम करते
और फिर वहाँ से चलते तो दो रकात नमाज जरूर पढ़ते।”
हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के:
“रसूलुल्लाह (ﷺ) किसी जगह कयाम करते
और फिर वहाँ से चलते तो दो रकात नमाज जरूर पढ़ते।”
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