किसी मंजिल से चलते वक़्त नमाज़ पढ़ना

हज़रत अनस (र.अ) बयान करते हैं के:

“रसूलुल्लाह (ﷺ) किसी जगह कयाम करते
और फिर वहाँ से चलते तो दो रकात नमाज जरूर पढ़ते।”

📕 सुनन कुबरा लिल बैहकी: २५३/५

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