फायदा: अल्लामा इब्ने कय्यिम फर्माते हैं : इस के इस्तेमाल से उफारा (पेट फूलना) खत्म हो जाता है, बलगमी बुखार के लिए नफ़ा बख्श है, अगर इस को पीस कर शहद के साथ माजून बना लिया जाए और गर्म पानी के साथ इस्तेमाल किया जाए, तो गुर्दे और मसाने की पथरी को गला कर निकाल देती है।
सब से बेहतरीन दवा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “सबसे बेहतरीन दवा कुरआन है।” 📕 इब्ने माजा, हदीस: ३५३३ फायदा : उलमाए किराम फर्माते हैं के क़ुरआनी आयात के मफ़हूम के मुताबिक जिस बीमारी के लिए जो आयत मुनासिब हो, उस आयत को पढ़ने से इन्शा अल्लाह शिफा होगी और यह सहाब-ए-किराम का मामूल था।
खजूर से इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "जचगी की हालत में तुम अपनी औरतों को तर खजूर खिलाओ और अगर वह न मिलें तो सूखी खजूर खिलाओ।" 📕 मुस्नदे अबी याला; ४३४ खुलासा : बच्चे की पैदाइश के बाद खजूर खाने से औरत के जिस्म का फासिद खून निकल जाता है। और बदन की कमजोरी खत्म हो जाती है।
बिमारियों का इलाज हज़रत अनस (र.अ) के पास दो शख्स आए, जिन में से एक ने कहा: ऐ अबू हम्जा (यह हजरत अनस (र.अ) की कुन्नियत है) मुझे तकलीफ है, यानी मैं बीमार हूँ, तो हजरत अनस (र.अ) ने फ़रमाया: क्या मैं ! तुम को उस दुआ से दम न कर दूं जिस से रसूलुल्लाह (ﷺ) दम किया करते थे? उस ने कहा :जी हाँ जरूर , तो उन्होंने यह दुआ पढ़ी: तर्जुमा: ऐ अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ को दूर कर देने वाले, शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं, ऐसी शिफा अता…
मुनक्का से पट्टे वगैरह का इलाज हजरत अबू हिन्ददारी (र.अ) कहते हैं के - रसूलुल्लाह (ﷺ) की खिदमत में मुनक्का का तोहफा एक बन्द थाल में पेश किया गया। आप (ﷺ) ने उसे खोल कर इर्शाद फर्माया: “बिस्मिल्लाह” कह कर खाओ! मुनक्का बेहतरीन खाना है जो पेटों को मजबूत करता है, पुराने दर्द को खत्म करता है, गुस्से को ठंडा करता है और मुंह की बदबू को जाइल करता है, बलगम को निकालता है और रंग को निखारता है।” 📕 तारीखे दिमश्क लि इब्ने असाकिर : ६०/२१
गुर्दे की बीमारियों का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया - "पहलू के दर्द का सबब गुर्दे की नस है, जब वह हरकत करती है, तो इन्सान को तकलीफ होती है लिहाज़ा उसका इलाज गर्म पानी और शहद से करो।" 📕 मुस्तदरक हाकिम : ८२३७, अन आयशा रज़ि० फाएदा: गुर्दे में जब पथरी वगैरह हो जाती है, तो कूल्हों में दर्द होता है, अकसर इसी दर्द ही की वजह से बीमारी का पता चलता है, उसका इलाज आप ने यह बतलाया के गर्म पानी और शहद मिला कर पियो।
पागलपन का इलाज तिब्बे नबवी से रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अजवा (खजूर) जन्नत का फल है और जुनून (पागलपन) का इलाज है।" 📕 इब्ने माजा: ३४५३
शहीद कौन कौन लोग हैं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "पाँच लोग शहीद हैं। ताऊन में मरने वाला, पेट की बीमारी में मरने वाला, डूब कर मरने वाला, दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वाला और राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।" 📕 बुखारी: ६५३ अन अबी हुरैरा (र.अ)
कै (उल्टी) के जरिये इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने कै (Vomit) की और फिर वुजू फ़रमाया। 📕 तिर्मिजी : ८७ वजाहत : अल्लामा इब्ने कय्यिम (रह.) लिखते हैं : कै(उलटी) से मेअदे की सफाई होती है और उस में ताकत आती है, आँखों की रौशनी तेज होती है, सर का भारी पन खत्म हो जाता है। इस के अलावा और भी बहुत से फवायद हैं।
बदन की हड्डी कुदरत की निशानी Highlights • हड्डियों की अद्भुत संरचना: करीब २४८ हड्डियाँ जिनकी संरचना अलग-अलग रूपों में है और ये शरीर के ढांचे को मजबूत करती हैं।• कुदरत की योजना: अल्लाह की कुदरत से हड्डियाँ न केवल शरीर को खड़ा रखने में मदद करती हैं, बल्कि हर हड्डी का अपना विशेष कार्य है।• अल्लाह की कारीगरी: इंसान के शरीर में इस तरह की विविधता और सही संरचना केवल अल्लाह की असीम कुदरत से ही संभव है। उस कादिरे मुतलक की कारीगरी को देखिये। उस ने एक कतरे से इंसानी जिस्म में क्या क्या कारीगरी की है। उस में अल्लाह तआला ने मुख्तलिफ किस्म…
दुनिया की मुहब्बत बीमारी है हज़रत अबू दर्दा (र.अ) फ़र्माते थे के क्या मैं तुम को तुम्हारी बीमारी और दवा न बताऊं ? तुम्हारी बीमारी दुनिया की मुहब्बत है और तुम्हारी दवा अल्लाह तआला का जिक्र है। 📕 शोअबुल ईमान: १०२४४
कलौंजी में मौत के सिवा हर बीमारी का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम इस कलौंजी (मंगरैला) को इस्तेमाल करो, क्योंकि इस में मौत के अलावा हर बीमारी से शिफ़ा मौजूद है।" 📕 बुखारी: 5687, अन आयशा (र.अ) एक और रिवायत में आप (ﷺ) ने फ़रमाया : "बीमारियों में मौत के सिवा ऐसी कोई बीमारी नहीं, जिस के लिये कलौंजी में शिफा नहो।" 📕 मुस्लिम ५७६८
दुआए जिब्रईल से इलाज हजरत आयशा (र.अ) बयान करती है के जब रसूलुल्लाह (ﷺ) बीमार हुए, तो जिब्रईल ने इस दुआ को पढ़ कर दम किया: [ " اللہ کے نام سے ، وہ آپ کو بچائے اور ہر بیماری سے شفا دے اور حسد کرنے والے کے شر سے جب وہ حسد کرے اورنظر لگانے والی ہر آنکھ کے شرسے ( آپ کومحفوظ رکھے ۔ ) " ] तर्जुमा: "अल्लाह के नाम पर, वह आपको बचाये और आपको हर बीमारी और हसद की बुराई से, जब वह हसद करता है और हर आंख की बुराई से (जो आपको महफूज़ रखे)।" 📕 मुस्लिम: ५६९९
दिल की कमज़ोरी का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "तुम लोग सन्तरे का इस्तेमाल किया करो, क्योंकि यह दिल को मज़बूत बनाता है।" 📕 कंजुल उम्माल : २८२५३ फायदा : मुहद्दिसीन तहरीर फ़रमाते हैं के सन्तरे का जूस पेट की गन्दगी को दूर करता है, क़े और मतली को खत्म करता है और भूक बढ़ाता है।
मौत की आरज़ू कभी मत करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया - तकलीफ़ और बीमारी की वजह से मौत की आरज़ू मत करो अगर तुम यही चाहते हो तो इस तरह दुआ करो: ( اللهم أحيني ما كانت المميزة خيزاتی وتولي إذا كانت الوفاة خيراتي ) तर्जमा: ऐ अल्लाह! तू मुझे ज़िन्दा रख जब तक मेरा ज़िन्दा रहना मेरे हक़ में बेहतर हो और मुझे मौत दे अगर मरना मेरे हक़ में बेहतर हो। 📕 बुखारी: ५६७१, अन अनस बिन मालिक रज़ि०
इलाज करने वालों के लिये अहम हिदायत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “अगर किसी ने बगैर इल्म और तजुर्बे के इलाज किया तो कयामत के दिन उस के बारे में पूछा जाएगा।” 📕 अबू दाऊद: ४५८६ फायदा: मतलब यह है के अगर हकीम या डॉक्टर की ना तजरबा कारी और अनाड़ीपन की वजह से मरीज को तकलीफ पहुँचती है या वह मर जाता है तो ऐसे हकीम और डॉक्टर की कयामत के दिन गिरिफ्त होगी।
MD. Salim Shaikh
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