हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "हर शख्स मौत के बाद अफसोस करेगा, सहाबा ने अर्ज किया: या रसूलअल्लाह (ﷺ) ! किस बात का अफसोस करेगा? आप (ﷺ) ने फ़र्माया : अगर नेक है, तो जियादा नेकी न करने का अफसोस करेगा और अगर गुनहगार है तो गुनाह से न रूकने पर अफसोस करेगा।" 📕 तिर्मिज़ी : २४०३
मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत : हदीस मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत ۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँ और ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।" 📕 सुनन इब्न माजा, 3796 सुभान अल्लाह ! ۞ अल्लाह ताला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए। ۞ जबतक हमे ज़िंदा रखे इस्लाम और इमां…
जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा तो... ۞ हदीस: अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन उसको उसके महबूब लोगो से जुदा कर देगा।" 📕 जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 1, 1291-हसन
रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey Hadees of the Day रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया - "अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।" 📕 सहिह बुखारी, खंड 3, हदीस 1903
पछना के जरिये दर्द का इलाज हजरत इब्ने अब्बास (र.अ) बयान करते हैं के : “रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एहराम की हालत में दर्द की वजह से सर में पछना लगवाया।” 📕 बुखारी: ५७०१ फायदा: पछना लगाने से बदन से फ़ासिद खून निकल जाता है जिस की वजह से दर्द वगैरह खत्म हो जाता है और आँख की रोशनी तेज़ हो जाती है।
ईमान की बरकत से जहन्नम से छुटकारा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा: "जिस के दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान हो उसे भी जहन्नम से निकाल लो, चुनान्चे उन लोगों को भी निकाल लिया जाएगा, जिनकी यह हालत होगी के वह जल कर काले सियाह हो गए होंगे। उसके बाद उन को “नहरे हयात” में डाला जाएगा, तो इस तरह निकल आएंगे जैसे दाना सैलाब के कड़े में (खाद और पानी मिलने की वजह से) उग आता है।” 📕 बुखारी: २२, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)
दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "दिलों को भी जंग लग जाता है, जैसे लोहे में पानी पहुँचने के बाद जंग लग जाता है।" अर्ज किया गया : या रसूलअल्लाह! वह कौन सी चीज़ है जिस से दिलों की सफाई हो जाए। आप (ﷺ) ने फर्माया: "मौत को कसरत से याद करना और कुरआन का पढ़ना।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान, हदीस : १९५८
क़यामत के दिन लोगों की हालत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "क़यामत के रोज़ सूरज एक मील के फासले पर होगा और उसकी गर्मी में भी इज़ाफा कर दिया जाएगा, जिस की वजह से लोगों की खोपड़ियों में दिमाग़ इस तरह उबल रहा होगा जिस तरह हाँड़ियाँ जोश मारती हैं, लोग अपने गुनाहों के बक़द्र पसीने में डूबे हुए होंगे, बाज टखनों तक, बाज़ पिंडलियों तक, बाज कमर तक और बाज़ के मुंह में लगाम की तरह होगा।" 📕 मुस्नदे अहमद : २१६८२
बदन में एक गोश का टुकड़ा है जब वो दुरुस्त होगा तो सारा बदन दुरुस्त होगा: हदीस हदिस: दिल के कैफ़ीयत की अहमियत नुमान बिन बशीर (र.अ.) से रिवायत है के, मैंने रसूलअल्लाह (ﷺ) से सुना की, "सुन लो ! बदन में एक गोश का टुकड़ा है जब वो दुरुस्त होगा तो सारा बदन दुरुस्त होगा और अगर वो बिगड़ गया तो सारा बदन बिगड़ गया और वो तुम्हारा दिल है।" 📕 सहीह अल बुखारी, हदीस: 52
खजूर से इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "जचगी की हालत में तुम अपनी औरतों को तर खजूर खिलाओ और अगर वह न मिलें तो सूखी खजूर खिलाओ।" 📕 मुस्नदे अबी याला; ४३४ खुलासा : बच्चे की पैदाइश के बाद खजूर खाने से औरत के जिस्म का फासिद खून निकल जाता है। और बदन की कमजोरी खत्म हो जाती है।
ठंडे पानी से बुखार का इलाज अन अनस बिन मालिक (र.अ) से रिवायत है, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम में से किसी को जब बुखार आए, तो सहरी के वक़्त ठंडा पानी (उसके बदन पर) तीन रात तक छिड़का जाए।" 📕 मुस्तदरक, हदीस: ८२२६ फायदा: आज जदीद तरीक़-ए-इलाज के मुताबिक डॉक्टर हजरात भी बुखार के मरीज के सर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने का मश्वरा देते हैं।
आबे जमजम के फवाइद हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह (र.अ.) कहते के मैंने रसूलअल्लाह (ﷺ) को फरमाते हुए सुना: "जमजम का पानी जिस निय्यत से पिया जाए, उस से वही फायदा हासिल होता है।" 📕 इब्ने माजाह ३०६२
जन्नत का मौसम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “उन (अहले ईमान) के सब्र के बदले में (उन्हें) जन्नत और रेशमी लिबास अता किया जाएगा, उन की यह हालत होगी के जन्नत में मसेहरियों पर तकिये लगाए बैठे होंगे, वहाँ उन्हें न गर्मी का एहसास होगा और न वह सर्दी महसूस करेंगे।” 📕 सूरह दहर : १२ ता १३
MD. Salim Shaikh
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