“अल्लाह तआला रोज़े क़यामत 3 तरह के लोगो से न कलाम करेगा और न ही उनकी तरफ नज़रे रेहमत से देखेगा, और उनको दर्दनाक अजाब में मुब्तेला करेगा, और वो 3 ये लोग होंगे:
धोकेबाजी से सावधान रहें धोकेबाजी से सावधान रहें "झूठे वादे और चमक-धमक वाले उपहारों के द्वारा अनुचित कर्म करवाने का आह्वान करने वाले, दोस्त नहीं धोखेबाज हैं।" नकली संबंधों में अपनी गरिमा और जीवन का बलिदान न करें।
मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत : हदीस मौत के वक्त कलमा तय्यबा पढ़ने की फ़ज़ीलत ۞ हदीस: मुआद बिन जबल (र.अ.) से रिवायत है के, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जिस नफ्स को भी इस हाल में मौत आए की वो इस बात की गवाही देता हो की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मैं (मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम) अल्लाह का रसूल हूँ और ये गवाही दिल के यकीन से हो तो अल्लाह सुबहानहु उसकी मगफिरत फरमा देगा।" 📕 सुनन इब्न माजा, 3796 सुभान अल्लाह ! ۞ अल्लाह ताला हमे कहने सुनने से ज्यादा अमल की तौफ़ीक़ अता फरमाए। ۞ जबतक हमे ज़िंदा रखे इस्लाम और इमां…
शोहर के इजाजत की अहमियत: हदीस | Shohar ki ijazat Hadees शोहर के इजाजत की अहमियत: हदीस अबू हरैराह (रज़ी) से रिवायत है के, अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया: "शोहर की गैर हाजिरी मे इसकी इजाजत के बगैर कोई औरत रोज़ा ना रखे सिवाय रमज़ान के, और बगैर इस की इजाजत के इस की मौजूदगी में किसी को घर में आने की इजाजत न दे।" 📕 सुनन अबू दावूद, हदीस 2458
शराब से बचो वो हर बुराई की चाबी है: हदीस शराब हर बुराई की चाबी है अल्लाह के अंतिम पैगम्बर (ﷺ) ने फ़रमाया : "शराब से बचो इसलिए क्यूंकि वो हर बुराई की चाबी है।" 📕 मुस्तदरक, हदीस: ७३१३
जिसकी बुनियाद शरीयत मे नही ऐसा काम दीन मे ईजाद करना मरदूद है हजरते आयेशा (रज़ीअल्लाहु अन्हा) से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: “जिसने दीन मे कोई ऐसा काम किया जिसकी बुनियाद शरीअत में नहीं वो काम मरदूद है।” - (सुनन इब्न माजाह, हदीस 14) ✦ वजाहत: मसलन वो तमाम आमाल जिन्हे हम नेकी और सवाब की उम्मीद से करते है लेकिन जो सुन्नत से साबित न हो वो मरदूद है। यानि अल्लाह के नजदीक रद्द किया जाएगा रोज़े क़यामत। क्यूंकी ऐसे बिद्दत वाले आमाल करने से हम शरीयत पर, नबी-ए-करीम (ﷺ) की मुक़द्दस तालिमात पर और सहाबा की नबी से मोहब्बत पर वो इल्ज़ाम लगाते है के “उन्हे इस फलाह और फलाह नेकी…
रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey Hadees of the Day रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया - "अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।" 📕 सहिह बुखारी, खंड 3, हदीस 1903
माँ बाप की नाफरमानी से बचो : क़ुरान हदीस की रौशनी में | Maa Baap ki Nafarmani se bachey ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अपने माँ बाप को उफ्फ तक न कहो: "और तुम्हारे रब ने फ़रमाया है की, उसके सिवा किसी की ईबादत ना करो और अपने माँ बाप के साथ भलाई करते रहो और अगर तुम्हारे सामने उनमें से एक या दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाये तो उन्हे उफ़ भी न कहो और ना उन्हें झिड़को और उनसे अदब से बात करो और उनके सामने शफ़कत से आजज़ी के साथ झुके रहो और कहो की एह मेरे रब! जैसे उन्होंने मुझे बचपन से पाला है इसी तरह तू भी उन पर रहम फरमा।" 📕 सुरह बनी इसराईल 17:23-24 बाप…
नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी गन्दगी को नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी गन्दगी को ۞ हदीस: अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया: "नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी मैल-कुचैल (गन्दगी) को खत्म कर देता है।" 📕 सुनन इब्ने माजाह; हदीस 1397
बेचैनी की दुआ | Bechaini ki Dua 4 Bechaini ki Dua ❶ Allahu Allahu Rabbi laa ushriku bihi shai'an ❷ La ilaha illa anta subhanaka innee kuntu mina-zalimeen ...
दुनिया में लगे रहने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो शख्स (दुनिया की जेब व जीनत को देख कर और अपने अंजाम को सोचे बगैर) दुनिया में घुसता है, तो वह अपने आपको जहन्नम में डालता है।" 📕 शोअबुल ईमान : १०१२४
पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो पांच चीज़ों को 5 से पहले घनीमत समझो हदीस: अब्दुल्ला इब्न अब्बास (र.) से रिवायत है के,अल्लाह के नबी (ﷺ) ने फरमाया: “पांच (5) चीज़ों को पांच (5) चीज़ों से पहले घनीमत समझो। (1). अपनी जवानी को बुढ़ापे से पहले,(2). अपनी सेहत को बीमारी से पहले,(3). अपनी मालदारी को गुरबत (गरीबी) से पहले,(4). अपनी फरागत को मसरुफियत से पहले,(5). अपनी जिंदगी को मौत से पहले। 📕 शुआब अल-ईमान, हदीस 9575
मजलिस में जाये तो सलाम करे मजलिस में जाये तो सलाम करे ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जब तुम में से कोई आदमी मजलिस में जाए, तो सलाम करे और फिर जी चाहे, तो मजलिस में शरीक हो जाए, और फिर जाते वक्त भी सलाम कर के जाए।” 📕 तिर्मिज़ी, हदीस २७०६, अन अबी हुरैराह (र.अ)
दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरूरियात का कफील बन जाता है और उस को ऐसी जगह से रोज़ी पहुंचाता है जहाँ से उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। और जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ झुक जाता है, तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान: १०९०
Assalamu Alaikum – I am Mohammad Salim Shaikh, founder of Ummat-e-Nabi.com, sharing authentic Islamic knowledge since 2010. My mission is to present the beauty of Islam in a simple and clear way through Qur’an and Hadith. Alhamdulillah, our Facebook page fb.com/UENofficial
with 900,000+ followers continues to spread Islamic teachings, building a strong global community of learning and faith.