क़ज़ा नमाजों की अदायगी क़ज़ा नमाजों की अदायगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो कोई नमाज पढ़ना भूल गया या नमाज के वक्त सोता रह गया, तो (उसका कफ्फारा यह है के) जब याद आए उसी वक्त पढ़ ले।” 📕 तिर्मिज़ी: १७७ फायदा: अगर किसी शख्स की नमाज किसी उज्र की वजह से छूट जाए या सोने की हालत में नमाज़ का वक़्त गुज़र जाए, तो बाद में उसको पढ़ना फर्ज है।
दरवाज़े पर सलाम करने की सुन्नत रसूलुल्लाह (ﷺ) जब किसी के घर के दरवाज़े पर आते, तो बिल्कुल सामने खड़े ना होते, बल्क़ि दायीं तरफ या बायीं तरफ तशरीफ फ़रमा होते और "अस्सलामु अलैकुम" फ़रमाते। 📕 अबू दाऊद: 5986, अन अब्दुल्लाह बिन बुन (र.अ)
गुस्ल करने का सुन्नत तरीका रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते, तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते, फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के लिये वुजू किया जाता है उसी तरह वुजू करते, फिर पानी लेकर अपनी उंगलियों के जरिये सर के बालों की जड़ों में दाखिल करते, फिर तीन दफा दोनों हाथ भर कर यके बाद दीगर सर पर पानी डालते, फिर सारे बदन पर पानी बहाते और सबसे अखीर में दोनों पाँव धोते। 📕 मुस्लिमः १८
हर नमाज के बाद तस्बीह फातिमी अदा करना रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जो हर फ़र्ज नमाज़ के बाद ३३ मर्तबा “सुभानअल्लाह” ३३ मर्तबा “अलहम्दुलिल्लाह” और ३४ मर्तबा “अल्लाहु अकबर” कहता है, वह कभी नुकसान में नहीं रहता।” 📕 मुस्लिम : १३४९
हौज़े कौसर क्या है ? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "कौसर जन्नत में एक नहर है, जिस के दोनों किनारे सोने के हैं और वह मोती और याकूत पर बहती है, उस की मिट्टी मुश्क से जियादा खुशबूदार, उस का पानी शहेद से जियादा मीठा और बर्फ से जियादा सफेद है।" 📕 तिर्मिज़ी : ३३६१
शहेद से पेट के दर्द का इलाज Highlights • एक शख्स ने अपने भाई की पेट की तकलीफ के लिए रसूलुल्लाह (ﷺ) से मदद मांगी, तो उन्होंने शहद पिलाने को कहा। • बार-बार शहद पिलाने के बावजूद आराम न मिलने पर भी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अल्लाह के वादे पर भरोसा करने को कहा। • आख़िरकार, शहद के लगातार इस्तेमाल से वह शख्स ठीक हो गया, साबित हुआ कि शहद में शिफा है। एक शख्स रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास आया और अर्ज़ किया : “ऐ अल्लाह के रसूल! मेरे भाई के पेट में तकलीफ है।” रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : ‘शहेद पिलाओ।’ वह शख्स गया और शहेद पिलाया,…
खाना खाते वक्त टेक न लगाना रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "मैं टेक लगा कर नहीं खाता हूँ।” 📕 बुखारी: ५३९८ फायदा: बिला उज्र टेक लगा कर खाना सुन्नत के खिलाफ है।
मुसीबतें किस पर आसान होगी? हज़रत अली (र.अ) फर्माते हैं के, "जो शख्स दुनिया से बे रगबती इख्तियार करेगा, उस पर मुसीबतें आसान हो जाएँगी और जो मौत को याद करता रहेगा वह भलाई में जल्दी करेगा।" 📕 शोअबुल ईमान लिल बैहकी, हदीस : १०२२२
अहले जन्नत का लिबास कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “(अहले जन्नत) को सोने के कंगन पहनाए जाएंगे और सब्ज रंग के बारीक और मोटे रेशमी लिबास पहनेंगे।” 📕 सूरह कहफ़ : ३१
मेहमान का अच्छे अलफाज़ से इस्तिकबाल करना हज़रत इब्ने अब्बास फ़रमाते हैं के, जब रसूलुल्लाह (ﷺ) की ख़िदमत में क़बील-ए-बनू अबदुल कैस के लोग आए, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया "खुशामदीद" (यानी आपका आना मुबारक हो।) 📕 बुखारी: ५३ फायदा: जब कोई मेहमान आए, तो खुशामदीद, मरहबाया इस तरह के अल्फ़ाज़ कहना सुन्नत है।
अज़ान के बाद दुआ पढ़ना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "जो बन्दा अजान सुनते वक़्त अल्लाह से यूँ दुआ करे: Allahumma Rabba Hadhihi-D-Dawatit-Tammaa Was-Salatil Qaimah, Aati Muhammadan Al-Wasilata Wal-Fazilah, Wabaathhu Maqaman Mahmudan-Il-Ladhi Waadtah तो वह बन्दा क़यामत के दिन मेरी शफाअत का हकदार हो गया।" 📕 बुखारी : ६१४
सज्दा करने का सुन्नत का तरीका रसूलुल्लाह (ﷺ) जब सज्दा फरमाते तो अपनी नाक और पेशानी को जमीन पर रखते और अपने बाजुओं को पहलू से अलग रखते और अपनी हथेलियों को कांधे के बराबर रखते। 📕 तिर्मिज़ी : २७०
माफ़ करने की सुन्नत अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है हज़रत आयशा (र.अ) बयान करती हैं के : “रसूलुल्लाह (ﷺ) ने अपनी जात के लिए कभी किसी से कोई बदला नहीं लिया।” 📕 मुस्लिम: ६०४५
खुम्बी (मशरूम) से आँखों का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़ारमाया : "खुम्बी का पानी ऑखों के लिये शिफा है।" 📕 बुखारी: ५७०८ फायदा : हजरत अबू हुरैरह (र.अ) अपना वाकिआ बयान करते हैं, मैंने तीन या पाँच या सात खुम्बिया ली और उसका पानी निचोड़ कर एक शीशी में रख लिया, फिर वही पानी मैंने अपनी बाँदी की दूखती हुई आँख में डाला तो वह अच्छी हो गई। [तिर्मिजी: २०११] नोट : खुम्बी को हिन्दुस्तान के बाज इलाकों में साँप की छतरी और बाज दूसरे इलाकों में कुकरमत्ता कहते हैं, याद रहे के बाज खुम्बियाँ जहरीली भी होती हैं, लिहाजा तहकीक के बाद इस्तेमाल की जाये।
खाने के बाद उंगलियां चाटने का फ़ायदा रसूलुल्लाह (ﷺ) जब खाना खा लेते तो अपनी तीनों उंगलियों को चाटते। फायदा : अल्लामा इब्ने कय्यिम कहते हैं के खाना खाने के बाद उंगलियां चाटना हाज़मे के लिए इन्तेहाई मुफीद है। तफ्सील में जानकारी के लिए यह भी देखे» उंगलियों के पोरों पर कीटनाशक प्रोटीन 📕 मुस्लिम : ५२९६
MD. Salim Shaikh
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