“जो किसी जगह बैठे और उसमें वो अल्लाह का जिक्र ना करे, तो यह बैठक अल्लाह की तरफ से उसके लिए बाइसे हसरत व नुकसान होगी और जो किसी जगह लेटे और उसमें अल्लाह को याद ना करे तो लेटना उसके लिए अल्लाह की तरफ से बाइसे हसरत व नुकसान होगा.”
मज़दूर की मज़दूरी पसीना सुखने से पहले दिया करो मज़दूर को पसीना सुखने से पहले मज़दूरी दो ۞ हदीस: अब्दुल्ला इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है की,रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मज़दूर को उसकी मज़दूरी उसका पसीना सुखने से पहले दे दो।" 📕सुनन इब्न माजाह, हदीस:600 मज़दूर को पूरी मजदूरी देना ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी।" 📕 इब्ने माजाह : २४४२ खुलासा: मज़दूर को मुकम्मल मज़दूरी देना वाजिब है।
माँ बाप की नाफरमानी से बचो : क़ुरान हदीस की रौशनी में | Maa Baap ki Nafarmani se bachey ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ अपने माँ बाप को उफ्फ तक न कहो: "और तुम्हारे रब ने फ़रमाया है की, उसके सिवा किसी की ईबादत ना करो और अपने माँ बाप के साथ भलाई करते रहो और अगर तुम्हारे सामने उनमें से एक या दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाये तो उन्हे उफ़ भी न कहो और ना उन्हें झिड़को और उनसे अदब से बात करो और उनके सामने शफ़कत से आजज़ी के साथ झुके रहो और कहो की एह मेरे रब! जैसे उन्होंने मुझे बचपन से पाला है इसी तरह तू भी उन पर रहम फरमा।" 📕 सुरह बनी इसराईल 17:23-24 बाप…
इस्लाम और हमारा घर ~ क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में १. घर सुकून की जगह है अल्लाह तआ़ला ने फ़रमाया: "और अल्लाह ने तुम्हारे घरों को तुम्हारे लिए सुकून की जगह बनाया।" (सूरह अल नहल 80) २. नेक बीवी का इंतिखाब अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:“औरत से चार चीज़ों की बुनियाद पर निकाह किया जाता है । उस के माल, हसब व नसब, खुबसूरती और उस के दीन की बुनियाद पर, तो तुम दीन वाली को चुनो तुम्हारे हाथ खाक आलूद हों । (मुत्तफकुन अलैह, अबू दाऊद, इब्ने माजा) रावी अबू हुरैराह(स़ही़ह़ अल जामे 3003) ३. घर वालों की तालीम और उनकी तरबियत, घर वालों को दीन सिखाना अल्लाह…
ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस Hadees of the Day ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना: हदीस अबु बक्र सिद्दीक (रजी) से रिवायत है की,रसुलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "अगर लोग जालीम को जुल्म करते हुए देखे और उसे न रोके तो करीब है की अल्लाह तआला उन सबको अजाब मे मुब्तला कर देगा।" 📕 रियाद अस-सलीहिन, हदीस, 197
19. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत इब्राहीम (अ.स) की कौम की हालत, अल्लाह की कुदरत : ज़बानों का मुख्तलिफ होना, एक फर्ज : कुरआन मजीद पर ईमान लाना, शतरंज खेलने का गुनाह, आख़िरत: अहले जन्नत का शुक्र अदा करना ...
21. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत इब्राहीम (अ.स) को सज़ा देने की तजवीज़, अल्लाह की कुदरत : मोती की पैदाइश, एक फर्ज : माँ बाप के साथ अच्छ सुलूक करना, ईमान वालों को तकलीफ देने का गुनाह, आख़िरत: अहले जहन्नम की फरियाद ...
शोहर के इजाजत की अहमियत: हदीस | Shohar ki ijazat Hadees शोहर के इजाजत की अहमियत: हदीस अबू हरैराह (रज़ी) से रिवायत है के, अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया: "शोहर की गैर हाजिरी मे इसकी इजाजत के बगैर कोई औरत रोज़ा ना रखे सिवाय रमज़ान के, और बगैर इस की इजाजत के इस की मौजूदगी में किसी को घर में आने की इजाजत न दे।" 📕 सुनन अबू दावूद, हदीस 2458
8 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हजरत शीस (अ.), हुजूर (ﷺ) का मुअजीजा: बैतुल मुक़द्दिस के बारे में खबर, एक सुन्नत: तक्बीरे तहरीमा के बाद दुआ, एक अहेम अमल: आशूरा का रोज़ा ...
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
23. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हज़रत दाऊद (अ.स) की नुबुव्वत व हुकूमत, अल्लाह की कुदरत : इन्सानी अक्ल, एक फ़र्ज़: वालिदैन के साथ अच्छा सुलूक करना, कुरआने करीम की तिलावत करने की फ़ज़ीलत, बीवियों के दर्मियान इन्साफ न करने का गुनाह ...
Munafiq Meaning in Hindi (मुनाफिक का अर्थ) – कुरान और हदीस की रौशनी में Munafiq किसे कहते हैं? मुनाफिक (Munafiq) एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है: ऐसा व्यक्ति जो बाहर से मुसलमान दिखे लेकिन दिल से ईमान न रखे। हिंदी में इसे पाखंडी या कपट करने वाला कहा जा सकता है। यह एक बहुत गंभीर इस्लामी संज्ञा है जिसका उल्लेख कुरान और हदीस में बार-बार हुआ है। 📖 मुनाफिक की पहचान – कुरान के अनुसार कुरान शरीफ मुनाफिकों को उन लोगों के रूप में पेश करता है जो जुबान से "हम ईमान लाए" कहते हैं, लेकिन उनके दिलों में ईमान नहीं होता। 🔹 आयत: “जब मुनाफिक तुम्हारे पास आते हैं, तो कहते…
10. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत, मुअजिजा : अबू जहल पर खौफ, एक फ़र्ज़ : पर्दा करना फर्ज है, अहेम अमल : नमाज़े चाश्त की फ़ज़ीलत, कुफ्र व शिर्क का नतीजा तिलावत ऐ कुरआन और जिक्रे इलाही की फ़ज़ीलत ...
3 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हज़रत मरयम (अ.स) की आज़माइश, अल्लाह की कुदरत: जिस्म में गुर्दे की अहमियत (Kidney), दरवाज़े पर सलाम करने की सुन्नत, अल्लाह के ज़िक्र की फ़ज़ीलत, मेहर अदा ना करने का गुनाह, मुत्तक़ी और परहेज़गारों का इनाम …
MD. Salim Shaikh
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