हवा में उड़ान भरनेवाला दुनिया का सबसे पहला… विमान से उड़ने का सपना कौन नहीं देखता लेकिन एक शख्स ऐसा भी हुआ जिसने चिड़ियों की तरह उड़ने की कोशिश की। यह वाकया किसी परीकथा का नहीं है। अगर आप से कोई यह कहे कि मैंने आज एक इन्सान हवा में उड़ते हुए देखा है तो शायद आप उस…
दुनिया मोमिन के लिये कैदख़ाना है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "दुनिया मोमिन के लिये कैदखाना है और काफिर के लिये जन्नत है।" 📕 मुस्लिम : ७४१७ वजाहत: शरीअत के अहकाम पर अमल करना, नफसानी ख्वाहिशों को छोड़ना, अल्लाह और उसके रसूल के हुक्मों पर चलना नफ्स के लिये कैद है और काफिर अपने नफ्स की हर…
मुस्लिम औरत | दुनिया की सबसे बेहतरीन पूंजी इस पोस्ट में हम मुस्लिम औरत की पहचान और खूबियाँ, उसकी जिम्मेदारियां, और उसको मिलने वाले हुकूक, उसकी नादानियों और शर्र की वजह से होने वाले हश्र पर गौर करेंगे। मुस्लिम ख़्वातीन से मुताअ़ल्लिक़ मोअ्तबर अह़ादीस़ का एक मुख़्तसर मजूमुआ औरत / माँ की रह़मत उमर बिन ख़त्ताब रजिअल्लाहु अ़न्हु…
दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? दुनिया में इतने धर्म कैसे बने ? (इसे पढने में आपके 2 मिनट ज़रूर लगेगे लेकिन इंशाअल्लाह “आपको बहुत सारी बातें स्पष्ट” हो जाएँगी) ईश्वर द्वारा एक ही मानव से सारे संसार की रचना: मानव इतिहास का अध्ययन करने से पता चलता है कि इस धरती पर ईश्वर ने अलग…
दुनिया के पीछे भागने का वबाल रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स दुनिया के पीछे पड़ जाए, उस का अल्लाह तआला से कोई तअल्लुक़ नहीं और जो (दुनियावी मक्सद के लिये) अपने आप को खुशी से जलील करे, उस का हम से कोई तअल्लुक़ नहीं।" 📕 मोअजमे औसत लित तबरानी: ४७८
जो कुछ खर्च करना है दुनिया ही में कर लो कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “हमने तुमको जो कुछ दिया है, उसमें से खर्च करो इससे पहले के तुम में से किसी को मौत आ जाए और फिर (मौत को देख कर ) कहने लगे के ऐ मेरे रब ! तूने मुझ को और थोड़े दिनों की मोहलत…
मुस्लिम महिला ने क़ायम की थी दुनिया की… फ़ातिमा अल फ़िहरी, ये नाम शायद आपने नहीं सुना होगा लेकिन ये नाम उतनी ही एहमियत रखता है जितना कि गाँधी, लूथर जूनियर, मंडेला, एडिसन या टेस्ला या फिर न्यूटन का नाम। “लेडी ऑफ़ फ़ेज़” के नाम से मशहूर फ़ातिमा वो पहली इंसान हैं जिन्होनें इस दुनिया को यूनिवर्सिटी दी.…
मस्जिद में दुनिया की बातें करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “एक जमाना ऐसा आएगा के लोग मस्जिद में हलके लगाकर दुनियावी बातें करेंगे, तुमको चाहिये के उन लोगों के पास बिल्कुल न बैठो, अल्लाह को उन लोगों से कोई वास्ता नहीं।" 📕 मुस्तदरक : ७९१६
दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरूरियात का कफील बन जाता है और उस को ऐसी जगह से रोज़ी पहुंचाता है जहाँ से उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। और जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की…