“तुम में से जिस शख्स को सेहत व तन्दुरुस्ती हासिल होऔर अपने घर वालों की तरफ से उस का दिल मुतमइन होऔर एक दिन का खाना उस के पास मौजूद हो,तो समझलो के दुनिया की तमाम नेअमत उसके पास मौजूद है।”
गुस्ल में पूरे बदन पर पानी बहाना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "(जिस्म) के हर बाल के नीचे नापाकी होती है, लिहाजा तुम बालों को धोओ और बदन को अच्छी तरह साफ करो।" 📕 तिर्मिज़ी: १०६ खुलासा: गुस्ल में पूरे बदन पर पानी पहुँचाना फर्ज है।
कयामत किन लोगों पर आएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।" 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला जिंदा रहेगा, उस वक्त तक दुनिया का निजाम चलता रहेगा, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेने वाला कोई न रहेगा और सिर्फ बदतरीन और बुरे लोग ही रह जाएँगे, तो उस वक़्त क़यामत कायम की जाएगी।
दुनिया का कोई भरोसा नहीं रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “इस दुनिया की मिसाल उस कपड़े की सी है, जिस को शुरू से काट दिया जाए और आखीर में एक धागे पर लटका हुआ रह जाए, तो वह धागा कभी भी टूट सकता है। (इसी तरह इस दुनिया का कोई ठिकाना नहीं, कभी भी खत्म हो जाएगी)।” 📕 शोअबुल ईमान: १८७५
दुनिया की ज़िन्दगी खेल तमाशा है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "दुनिया की ज़िन्दगी खेलकूद के सिवा कुछ भी नहीं है और आखिरत की जिन्दगी ही हकीकी जिन्दगी है, काश यह लोग इतनी सी बात समझ लेते।" 📕 सूरह अनकबूत : ६४ कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता: “यह दुनिया की जिंदगी तो सिर्फ़ खेल तमाशा है, अगर तुम अल्लाह पर ईमान लाओ और तक़वा इख्तियार करो तो वह तूम को तूम्हारा अज्र व सवाब अता फरमाएगा और तुम से तुम्हारा माल तलब नहीं करेगा (और) अगर वह तुम से तुम्हारा माल तलब करने लगे और आखरी हद तक तलब करता रहे तो तुम कंजूसी…
जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये दुनिया और आखिरत में भलाई है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जो लोग परहेजगार हैं, जब उनसे पूछा जाता है के तुम्हारे रब ने क्या चीज़ नाजिल की है? तो जवाब में कहते हैं : बड़ी खैर व बरकत की चीज नाजिल फ़रमाई है। जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये इस दुनिया में भी भलाई है और बिला शुबा आखिरत का घर तो दुनिया के मुकाबले में बहुत ही बेहतर है और वाक़ई वह परहेजगार लोगों का बहुत ही अच्छा घर है।” 📕 सूरह नहल: ३०
अनकरीब दुनिया खोल दी जाएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अनकरीब दुनिया की दौलत तुम पर खोल दी जाएगी, यहाँ तक के तुम अपने घरों को इस तरह आरास्ता करोगे जैसे काबा शरीफ़ को आरास्ता किया जाता है।” 📕 तिबरानी कबीर : ४०३५
दुनिया के लालची अल्लाह की रहमत से दूर होंगे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "क़यामत करीब आ चुकी है और लोग दुनिया की हिर्स व लालच और अल्लाह तआला की रहमत से दूरी में बढ़ते ही जा रहे हैं।" खुलासा : कयामत के करीब आने की वजह से लोगों को नेकी कमाने की जियादा से जियादा फ़िक्र करनी चाहिये, लेकिन ऐसा करने के बजाए वह दुनिया की लालच में पड़ कर अल्लाह की रहमत से दूर होते जा रहे है। 📕 मुस्तदरक : ७९१७
दुनिया में लगे रहने का वबाल दुनिया में लगे रहने का वबाल रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो शख्स अल्लाह का हो जाता है तो अल्लाह तआला उस की हर जरूरत पूरी करता हैं और उस को ऐसी जगह से रिज्क देता हैं के उस को गुमान भी नहीं होता। और जो शख्स पूरे तौर पर दुनिया की तरफ लग जाता है, तो अल्लाह तआला उस को दुनिया के हवाले कर देते हैं।" 📕 कन्जुल उम्माल: ६२७०
बुराई से न रोकने का वबाल कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो क़ौमें तुम से पहले हलाक हो चुकी हैं, उन में ऐसे समझदार लोग न हुए, जो लोगों को मुल्क में फसाद फैलाने से मना करते, सिवाए चन्द लोगों के जिन को हमने अज़ाब से बचा लिया।" 📕 सूरह हूद: ११६ खुलासा: मतलब यह है के हर एक के लिये भलाई का हुक्म और बुराई से रोकना ज़रूरी है वरना अज़ाब में मुब्तला कर दिया जाएगा।
पूरी कायनात का मालिक कौन है ? अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “सुन लो ! अल्लाह तआला ही का काम है पैदा करना और हुक्म चलाना, वह बड़े कमालात वाला अल्लाह है, जो तमाम आलम का पर्वरदिगार है।” 📕 सूर-ए-आराफ़ : ५४ खुलासा: पूरी दुनिया का रब अल्लाह तआला के अलावा कोई नहीं है। लिहाजा हमारे लिए जरूरी है के हम उस पर ईमान लाएँ और उस का हुक्म मानें।
दुनियादार का घर और माल रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "दुनिया उस शख्स का घर है, जिसका (आखिरत में) कोई घर नहीं हो और (दुनिया) उस शख्स का माल है जिस का आखिरत में कोई माल नहीं और दुनिया के लिये वह शख्स (माल) जमा करता है जो नासमझ है।" 📕 मुस्नदे अहमद: २३८९८, अन आयशा (र.अ)
दुनिया से ज्यादा आखिरत अहेम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “तुम तो दुनिया का माल व असबाब चाहते हो और अल्लाह तआला तुमसे आखिरत को चाहता हैं।” 📕 सूर-ए-अन्फाल: ६५ वजाहत: इन्सान हर वक्त दुनियावी फायदे में मुन्हमिक रहता है और इसी को हासिल करने की फिक्र करता रहता है; हालांके अल्लाह तआला चाहता हैं के दुनिया के मुकाबले में आखिरत की फिक्र जियादा की जाए; क्योंकि आखिरत की फ़िक्र करना ज्यादा अहेम है।
दुनिया चाहने वालों का अन्जाम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जो कोई दुनिया ही चाहता है, तो हम उस को दुनिया में जितना चाहते हैं, जल्द देते हैं फिर हम उस के लिए दोजख मुकर्रर कर देते हैं, जिस में (ऐसे लोग कयामत के दिन) जिल्लत व रुसवाई के साथ ढकेल दिए जाएंगे।” 📕 सूर-ए-बनी इसराईलः १८
माँगी हुई चीज़ का लौटाना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "(वापसी की शर्त पर) माँगी हुई चीज़ को वापस किया जाएगा।" 📕 इब्ने माजा : २३९८ खुलासा : अगर किसी शख्स ने कोई सामान यह कह कर माँगा के वापस कर दूंगा, तो उस का मुक़र्रर वक्त पर लौटाना वाजिब है, उसको अपने पास रख लेना और बहाना बनाना जाइज नही है।
दुनिया मोमिन के लिये कैदख़ाना है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "दुनिया मोमिन के लिये कैदखाना है और काफिर के लिये जन्नत है।" 📕 मुस्लिम : ७४१७ वजाहत: शरीअत के अहकाम पर अमल करना, नफसानी ख्वाहिशों को छोड़ना, अल्लाह और उसके रसूल के हुक्मों पर चलना नफ्स के लिये कैद है और काफिर अपने नफ्स की हर ख्वाहिश को पूरी करने में आज़ाद है, इस लिये गोया दुनिया ही उसके लिये जन्नत का दर्जा रखती है। अगरचे के आख़िरत में उसके लिए रुस्वाई है और मोमिन के लिए जन्नत।
MD. Salim Shaikh
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