Category Archives: फर्ज अमल
फराइज़ की अदायगी का सवाब
एक आदमी रसूलुल्लाह (ﷺ) की खिदमत में हाजिर हुआ और अर्ज़ किया: “या रसूलल्लाह !... [Read More]
अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “सुन लो ! अल्लाह तआला ही का काम... [Read More]
तक़दीर पर ईमान लाना
हर चीज़ तकदीर से है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “हर चीज़ तकदीर से है,... [Read More]
दाढ़ी रखने की अहमियत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “मूंछों को कतरवाओ और दाढ़ी को बढ़ाओ।” 📕 बुखारी: ५८९३... [Read More]
गुस्ल में पूरे बदन पर पानी बहाना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “(जिस्म) के हर बाल के नीचे नापाकी होती है, लिहाजा... [Read More]
नमाज़ छोड़ने पर वईद
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “नमाज का छोड़ना मुसलमान को कुफ़ व शिर्क तक पहुँचाने... [Read More]
रुकू व सज्दा अच्छी तरह न करने पर वईद
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “बदतरीन चोरी करने वाला शख्स वह है जो नमाज़ में... [Read More]
बीवी को उस का महर देना
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम लोग अपनी बीवियों को उन का महर खुश... [Read More]
माँगी हुई चीज़ का लौटाना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “(वापसी की शर्त पर) माँगी हुई चीज़ को वापस किया... [Read More]
दीन-ऐ-इस्लाम में नमाज़ की अहमियत
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “दीन बगैर नमाज़ के नहीं है, नमाज़ दीन के लिये... [Read More]
नमाज़ में खामोश रहना (एक फर्ज अमल)
हज़रत जैद बिन अरकम (र.अ) फर्माते हैं : (शुरू इस्लाम में) हम में से बाज़... [Read More]
जन्नत में दाखले के लिये ईमान शर्त है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जिस शख्स की मौत इस हाल में आए, के वह... [Read More]
मय्यित का कर्ज अदा करना
हजरत अली (र.अ) फ़र्माते हैं के: रसुलअल्लाह (ﷺ) ने कर्ज को वसिय्यत से पहले अदा... [Read More]
देवर तो मौत है | शौहर के भाइयों से परदे का हुक्म
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “ना महरम) औरतों के पास आने जाने से बचो! एक... [Read More]
नमाज़ी पर जहन्नम की आग हराम है
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जो शख्स पाँचों नमाजों की इस तरह पाबंदी करे के... [Read More]
नमाज के लिये मस्जिद जाना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “जो शख्स सुबह व शाम मस्जिद जाता है अल्लाह तआला... [Read More]
अमानत का वापस करना
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “अल्लाह तआला तुम को हुक्म देता है के जिन... [Read More]
खड़े हो कर नमाज़ पढ़ना
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “नमाज़ में अल्लाह के सामने आजिज़ बने हुए... [Read More]
नमाज़ में भूल चूक हो जाए तो सज्दा-ए-सहव करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब तुम में से किसी को (नमाज़ में) भूल चूक... [Read More]
जमात से नमाज़ अदा करना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जिस ने तक्बीरे ऊला के साथ चालीस दिन तक अल्लाह की... [Read More]