अमेरिका के तीन ईसाई पादरी आये इस्लाम की… एक साथ तीन पादरियो ने अपनाया ईस्लाम: अमेरिका के तीन ईसाई पादरी इस्लाम की शरण में आ गए। उन्हीं तीन पादरियों में से एक पूर्व ईसाई पादरी यूसुफ एस्टीज की जुबानी कि कैसे वे जुटे थे एक मिस्री मुसलमान को…
Shab-e-Barat : शबे बराअत की हकीकत | सुन्नी इस्लाम शबे बराअत / 15 शाबान की इबादतें ? क़ब्रिस्तान में चिरागाह ? रात की नमांजे ? हलवा पकाना ? रूहों की वापसी ? १५ Shaban | Shab e Barat ki hakikat Quran aur sunnat ki roshni mein ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞अल्लाह…
हज का सुन्नत तरीका ~ कुरआन व सुन्नत की रौशनी में हज का सुन्नत तरीका | हज का तारूफ , हज्ज के फ़र्ज़ होने की शर्तें, हज में एहतियात करने वाली बाते, एहराम की हालत में मना की हुई चीज़ें, हज्ज के तीन किस्मे, यौमूत्तर्वियह, अरफा का दिन , मुज़दलिफा में…
इस्लाम में पड़ोसी के अधिकार – लाला काशीराम चावला हजरत मुहम्मद (सल्ललाहो अलाही वसल्लम) ने पड़ोसियों की खोज खबर लेने की बड़ी ताकीद की है, और इस बात पर बहुत बल दिया है कि कोई मुसलमान अपने पड़ोसी के कष्ट और दुख से बेखबर ना रहे। एक अवसर पर…
मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से…
ईसा (अलैहिस्सलाम) के जीवन की कुछ झलकियां ... Isa (Alaihay Salam) (ईसा : उन पर अल्लाह की शान्ती हो) को अल्लाह ने कुरआन मजीद में जो स्थान दिया है जो आदर-सम्मान दिया है, बिल्कुल वह इसके अधिकार तथा ह़कदार हैं और इस बात की पुष्टि बाइबल भी करता…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 39 मुसलमानो के साथ धोका, दरिंदगी की इन्तिहा, सज्दे में ही शहीद कर दिया, हारिस का बच्चा, हजरत खुबैब और हजरत जैद शहादत ...
जानिए- क्यों मनाई जाती ही क़ुरबानी ईद ?… " कह दो कि मेरी नमाज़ मेरी क़ुरबानी 'यानि' मेरा जीना मेरा मरना अल्लाह के लिए है जो सब आलमों का रब है ।" [कुरआन 6:162] - बकरा ईद का असल नाम "ईदुल-अज़हा" है, मुसलमानों में साल में दो ही…
99 इल्म की बातें | कुरआन व हदीस की… हदीस की अच्छी-अच्छी बातें : अल्लाह की याद से अपने दिल को ताज़ा दम रखा कीजिए। इस लिए के खुदा की याद क़ुलूब के लिए इत्मिनान का जरिया है। (सूरह राअद 28)