बेजा ज़ीनत से बचना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“आदमी के लिए मुनासिब नहीं के वह नक्श व निगार वाले घर में दाखिल हो।”

📕 बैहकी शोअबुल ईमानः १०३२६




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