“मेरे सहाबा के बारे में अल्लाह से डरते रहना, मेरे बाद उनको निशाना मत बनाना। जो उनसे मुहब्बत करेगा वह मुझसे मुहब्बत की बिना पर उन से मुहब्बत करेगा और जो उनसे बुग्ज रखेगा वह मुझसे बुग्ज की बिना पर उन से बुग्ज रखेगा
और जिसने उन को तकलीफ दी उसने मुझ को तकलीफ दी और जिसने मुझ को तकलीफ दी गोया उस ने अल्लाह को तकलीफ पहुँचाई
और जिसने अल्लाह को तक्लीफ पहुँचाई करीब है के अल्लाह तआला उसको अजाब में पकड़ ले।”
11. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 11 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख मुसलमानों की हिजरते हबशा जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 46 ✦ बनी कुरेजा की लड़ाई, ✦ किये को भुगतना पड़ा ✦ क़िले को घेर लेने का हुक्म ✦ अहदनामा तोड़ने की सजा...
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 1 ✦ अजीब रोशनी ✦ सीरीज सीरत-उन-नबी ﷺ की शुरूआत ✦ अरबों की ईद ✦ जमजम के करीब नाइला और आसफ का बूत ✦ बुतों का रुस्वा होकर गिर पड़ना ✦ मक्के पर अल्लाह का कहर ✦ काहिन अबरश ✦ दुनिया…
मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से…
10. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा मुसलमानों पर कुफ्फार का जुल्म व सितम, मोजज़ा: दरख्त का आप (ﷺ) की खिदमत में आना, एक फर्ज: अमानत का वापस करना, एक सुन्नत: मोहताजगी व जिल्लत से पनाह माँगना, एक अहेम अमल: हलाल रोज़ी हासिल करना, किसी के वालिदैन…
ग़ज़व-ए-खन्दक | खंदक की लड़ाई ग़ज़व-ए-खन्दक की वजह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने यहूद की बद अहदी और साजिशों की वजह से मदीना से निकल जाने का हुक्म दिया, तो वह खैबर और वादियुलकुरा में जा बसे, मगर वहाँ पहुँच कर भी उन की अदावत और दुश्मनी…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 40 ✦ बनू नज़ीर की लड़ाई ✦ नबी (ﷺ) और सहाबा के क़त्ल की साजिश ✦ आमिर बिन तुफ़ैल के कहने से बनू सलीम ने सत्तर मुसलमानों को बेगुनाह नमाज पढ़ते हुए बड़ी बेदर्दी से शहीद कर दिया था ...
99 इल्म की बातें | कुरआन व हदीस की… हदीस की अच्छी-अच्छी बातें : अल्लाह की याद से अपने दिल को ताज़ा दम रखा कीजिए। इस लिए के खुदा की याद क़ुलूब के लिए इत्मिनान का जरिया है। (सूरह राअद 28)