सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 4 https://www.youtube.com/watch?v=sW2f3P3NcV0 Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 4 पेज: 36 ख़ास तब्लीग हजरत मुहम्मद सल्ल० एक मुद्दत से तन्हाई में रहना पसन्द करने लगे थे। ज्यादातर हिरा के गार में वक्त गुजारते, हफ्तों घर न आतें, ऐसा लगता था, गोया…
24. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). नबी (ﷺ) को शहीद करने की नाकाम साजिश, (2). बकरी का दूध देना, (3). सज्द-ए-सहु करना, (4). बारिश के लिए यह दुआ मांगे, (5). घर से वुजू कर के मस्जिद जाना, (6). काफ़िर नाकाम होंगे, (7). लोगों की कंजूसी,…
23 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: ग़ज़व-ए-दौमतुल जन्दल, च्यूंटी की दूर अन्देशी में अल्लाह की कुदरत, एक फर्ज: बीमार की नमाज़, गुनाहों की मगफिरत का वजीफा, क़यामत के दिन लोगों की हालत, जोड़ों के दर्द का इलाज ...
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 33 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 33 पेज: 282 कुरैश की भारी फौज जब बद्र में मक्का वालों को हार का मुंह देखना पड़ा और उसकी खबर मक्का पहुंची, तो तमाम शहर में उदासी की घटा छा गयी। हर…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 5 https://www.youtube.com/watch?v=bI1OfptF0UQ Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 5 पेज: 43 आम तब्लीग हुजूर सल्ल० ने चुपके-चुपके तब्लीग शुरू की थी, लेकिन चूंकि हर आदमी के सामने, जो आप के पास आता, अल्लाह का हुक्म बयान फ़रमाते। एक खुदा को सबका…
मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें… मुस्लिम बेहनों के लिए कुरआन सुन्नत से 50 नसीहतें बिस्मिल्लाहिरहमानिर्रहीम! अल्हम्दुलिल्लाह वस्सलातु वसल्लामु अला रसूलिल्लाहि (ﷺ) ऐ मुस्लिम बहन! मुस्लिम का मतलब होता है, अल्लाह का फर्माबरदार (आज्ञाकारी) होना. इस्लाम में यह ज़िम्मेदारी मर्द व औरत दोनों पर एक समान रूप से…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 15 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 15 पेज: 125 मेराज का सफर मुसलमान सन ०७ नबवी में शोबे अबी तालिब में कैद कर दिए गए थे। सन् १० नबवी में बाईकाट खत्म हुआ। पूरे तीन साल दर्रे में पड़े…
हर नमाज़ के लिये वुजू करना हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के, आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर नमाज के लिये ताज़ा वुजू फरमाते और हम लोग कई नमाजें एक ही वुजू से पढ़ते थे। 📕 अबू दाऊद…