ईद के बाद शव्वाल के 6 रोजे की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जो शख्स रमजान के रोजों को रखने के बाद शव्वाल के छ: (६) रोजे भी रखे, तो वह पूरे साल के रोजे रखने के बराबर है। 📕 मुस्लिम : २७५८ फायदा: जो शख्स शव्वाल के पूरे महीने में कभी भी इन 6 रोजों को रखेगा तो वह इस फजीलत का मुस्तहिक होगा।
अरफा के दिन की दुआ सबसे बेहतरीन है अरफा के दिन की दुआ सबसे बेहतरीन है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: सबसे बेहतर दुआ अरफा (9 ज़िल-हिज्जा) वाले दिन की दुआ है और मैंने अब तक जो कुछ (बतौर ज़िक्र) कहा है और मुझसे पहले जो दुसरे नबियों ने कहा उसमें सबसे बेहतर दुआ है - "ला इलाहा इल्लल्लाहू, वाहदहू ला शरीका लहू, लहूल मुल्क वल-हूल हम्द, व-हूवा अला कुल्ली शैइन क़दीर" अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा माबूद) नहीं, वो अकेला है और उसका कोई शरीक नहीं, उसी के लिए सारी बादशाही है और उसी के लिए सारी तारीफ है और वो हर चीज़ पर ख़ूब क़ुदरत रखता है।…
खाने के बाद शुक्र अदा करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “खाना खा कर जो (अल्लाह का) शुक्र अदा करता है, वह रोजा रख कर सब्र करने वालों के बराबर है।” 📕 मुस्तदरक, हदीस १५३७
10. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत इदरीस (अ.स) की दावत, मुअजिजा : अबू जहल पर खौफ, एक फ़र्ज़ : पर्दा करना फर्ज है, अहेम अमल : नमाज़े चाश्त की फ़ज़ीलत, कुफ्र व शिर्क का नतीजा तिलावत ऐ कुरआन और जिक्रे इलाही की फ़ज़ीलत ...
11. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत नूह (अ.स), अल्लाह की कुदरत : बादल, एक फ़र्ज़: बीवी की विरासत में शौहर का हिस्सा, अहेम अमल : शुक्रिया अदा करने की दुआ, एक गुनाह: झूटी गवाही शिर्क के बराबर ...
एक दिन के नफ़ली रोजे का सवाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "अगर कोई शख्स अल्लाह के वास्ते एक दिन का नफ़ली रोजा रखे और उसके बदले में उस को सारी जमीन भरकर सोना (रोजाना) दिया जाए, तो कयामत के दिन तक भी इस रोजे के सवाब का बदला अदा नहीं हो सकता।" 📕 कंजुल उम्माल:४१५१, अन अनस (र.अ)
7. जिल हिज्जा | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा सीरत - इमाम नसई (रहमतुल्लाहि अलैहि), मुखतलिफ तरीके से पानी का उतरना, एक फर्ज : आप (ﷺ) की आखरी वसिय्यत, एक अहेम अमल: अरफ़ा के दिन रोजा रखना, नमाज़ दिखलावे के लिये पढ़ने का गुनाह, कुरआन की नसीहत: गवाही मत छुपाया करो …
अहले ईमान और क़यामत का दिन ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) से पचास हज़ार साल के बराबर दिन (यानी क़यामत) के बारे में पूछा गया के वह कितना लम्बा होगा? तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "उस ज़ात की कसम जिस के कब्जे में मेरी जान है ! वह दिन मोमिन के लिये इतना मुख्तसर कर दिया जाएगा, जितनी देर में यह दुनिया में फर्ज़ नमाज अदा त किया करता था।" 📕 मुस्नदे अहमद : ११३२०
हर महीने के तीन दिन रोजे रखने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "हर महीने तीन दिन के रोजे रखना उम्र भर रोजा रखने जैसा है।" 📕 नसाई : २४१०, अन अबी हुरैरह (र.अ)
8 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा इस्लामी तारीख: हजरत शीस (अ.), हुजूर (ﷺ) का मुअजीजा: बैतुल मुक़द्दिस के बारे में खबर, एक सुन्नत: तक्बीरे तहरीमा के बाद दुआ, एक अहेम अमल: आशूरा का रोज़ा ...
इल्म की फजीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "इल्म की फजीलत इबादत की फजीलत से बेहतर है और दीन में बेहतरीन चीज़ तक़वा व परहेजगारी है।" 📕 तबरानी औसत: ४१०७
6 Muharram | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हज़रत आदम (अ.स) का दुनिया में आना, मुअजिजा : चाँद के दो टुकड़े होना, एक सुन्नत: मेजबान को दुआ देना, अहेम अमल : माहे मुहर्रम में रोजा रखना, यतीमों का माल खाने का गुनाह ...
कयामत का हौलनाक मंजर ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ क़यामत का मालूम हो जाये तो हसना कम और रोना बहुत बढ़ जाए रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।" 📕 बुखारी : ६४८६ कयामत के दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा? जिस दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा और सूरज व चाँद (दोनों बेनूर हो कर) एक…
दुनिया का सामान चंद रोज़ा हैं कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "दुनिया का सामान कुछ ही दिन रहने वाला है और उस शख्स के लिये आखिरत हर तरह से बेहतर है, जो अल्लाह तआला से डरता हो और (कयामत) में तुम पर ज़र्रा बराबर भी जुल्म न किया जाएगा।" 📕 सूरह निसा : ७७
जानिए - रोज़ा क्या और क्यों ? इंसान के बुनियादी सवाल !!! इस सम्पूर्ण विश्व और इंसान का अल्लाह (ईश्वर) एक है। ईश्वर ने इंसान को बनाया और उसकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रबंध किया। इंसान को इस ग्रह पर जीवित रहने के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम दिया। इंसान को उसके मूल प्रश्नों का उत्तर भी बताया। इंसान को क्या कोई बनाने वाला है? अगर है, तो वह क्या चाहता है? इंसान को पैदा क्यों किया गया? इंसान के जीवन का उद्देश्य क्या है? अगर है, तो उस उद्देश्य को पाने का तरीक़ा क्या है? इंसान को आज़ाद पैदा किया गया या मजबूर ? अच्छी…
MD. Salim Shaikh
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