“अगर तुम मुन्किर होगे, तो यकीन जानो के अल्लाह तआला तुम से बेनियाज हैऔर अपने बन्दों के लिये कुफ्र को पसन्द नहीं करताऔर अगर तुम शुक्र करोगे,तो तुम्हारे इस शुक्र को पसन्द करेगा।”
वसिय्यत के लिए दो इंसाफ पसंद लोग गवाह हो कूरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "ऐ ईमान वालो ! जब तुम में से किसी को मौत आने लगे वसीय्यत के वक्त शहादत के लिये तूम (मुसलमानों) में से दो इन्साफ पसन्द आदमी गवाह होने चाहिये या फिर तुम्हारे अलावा दूसरी कौम के लोग गवाह होने चाहिये। जैसे तुम सफर में गए हो, फिर तुम्हें मौत का हादसा आ जाए।" 📕 सूरह मायेदा: १०६
दीन के खिलाफ साजिश करने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “उन खयानत करने वाले लोगों की हालत यह है के लोगों से तो परदा करते है और अल्लाह ताआला से नही शरमाते, जब के अल्लाह तआला उस वक्त भी उन के पास होता है, जब यह रात को ऐसी बातों का मशवरा करते हैं जिनको अल्लाह पसंद नहीं करता और अल्लाह तआला उन की तमाम कार्रवाइयों को जानता है।” 📕 सूरह निसा: 108
अल्लाह तआला अद्ल व इंसाफ का हुक्म देता है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "अल्लाह तआला अद्ल व इंसाफ और अच्छा सुलूक करने का और रिश्तेदारों को माली मदद करने का हुक्म देता है और बेहयाई, नापसन्द कामों और जुल्म व ज़ियादती से मना करता है, वह तुम्हें ऐसी बातों की नसीहत करता है, ताके तुम याद रखो।" 📕 सूरह नहल : ९०
जो भी अपने से छोटों पर रहम नहीं करता वो हम में से नहीं अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमायाः "जो भी अपने छोटे (युवाओं-बच्चों) पर रहम नहीं करता और जो बड़ों के हक अदा नहीं करता वो हम (मोमिनों) में से नहीं है।" [ मुसनद अहमद - 7033 ]
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
लोगों की कंजूसी कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "सुन लो! तुम ऐसे हो के जब तुम को अल्लाह की राह में खर्च करने के लिये बुलाया जाता है, तो तुम में से बाज लोग बुख्ल करते हैं और जो कंजूसी करता है, तो हकीकत में अपने ही लिये कंजूसी करता है और अल्लाह तआला ग़नी है (किसी का मोहताज नहीं) और तुम सब उस के मोहताज हो।" 📕 सूरह मुहम्मद : ३८
नमाज़ छोड़ने पर वईद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "नमाज का छोड़ना मुसलमान को कुफ़ व शिर्क तक पहुँचाने वाला है।” 📕 मुस्लिम: २४७ "नमाज़ का छोड़ना आदमी को कुफ्र से मिला देता है।" 📕 मुस्लिम : २४६ "ईमान और कुफ्र के दरमियान फर्क करनेवाली चीज़ नमाज़ है।" 📕 इब्ने माजा : १०७८
ऐब लगाने और ताना देने वाले का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “हर ऐसे शख्स के लिए बड़ी खराबी है, जो ऐब लगाने वाला और ताना देने वाला हो, जो माल जमा करता हो और उस को गिन गिन कर रखता हो। वह ख्याल करता है के उस का माल हमेशा उस के पास रहेगा, हरगिज़ ऐसा नहीं है, (जबकि) उस को रौंदने वाली आग में फेंका जाएगा।” 📕 सूर-ए-हुमजह: १ ता ४
12. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत नूह (अ.स) की दावत, मुअजिजा : दरख्त का हुजूर (ﷺ) को इत्तेला देना, एक फ़र्ज़ : नमाजी पर जहन्नम की आग हराम है, अहेम अमल : नेअमत के मिलने पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना, अल्लाह के साथ शिर्क करने का गुनाह, दुनिया चाहने वालों का अन्जाम ...
Islam ki khubiyan : इस्लाम की विशेषताएं | इस्लाम धर्म की शिक्षाएं इस पोस्ट में हम जानेंगे "इस्लाम धर्म की शिक्षाएं, इस्लाम धर्म के सिद्धांत, इस्लाम की सच्चाई, इस्लाम के नियम, इस्लाम का उदय।" १. इस्लाम धर्म की बुनियादी शिक्षाएं हैं "शांति, प्रेम, सद्भाव व भाईचारा" २. इस्लाम की एक विशेषता यह भी है कि यह लोगों के ऊपर दया तथा कृपा करने वाला धर्म है। पैग़म्बर मुहम्मद ने फ़रमाया किः “अल्लाह रफ़ीक (नरम) है, नरमी को पसंद करता है तथा नरमी बरतने पर वह जो कुछ देता है सख़्ती बरतने पर नहीं देता।" [मुस्लिम] ३. इस्लाम तुम्हें आदेश देता है कि तुम लोगों के साथ न्याय करो और उनके लिए वही चीज़ पसंद करो जो अपने…
सिरका के फवाइद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "सिरका क्या ही बेहतरीन सालन है।" 📕 मुस्लिम: ५३५०, अन आयशा रज़ि० फायदा : मुहद्दिसीन हज़रात कहते हैं के सिरका तिल्ली के बढ़ने को रोकता है, जिस्म में वरम नहीं होने देता, खाने को हज़म करता है, खून को साफ करता है, फोड़े फुन्सियों को दूर करता है। [अलइलाजुन नबी]
कुफ्र की सज़ा जहन्नम है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग कुफ्र करते हैं तो अल्लाह तआला के मुकाबले में उन का माल और उन की औलाद कुछ काम नहीं आएगी और ऐसे लोग ही जहन्नम का इंधन होंगे।” 📕 सूरह आले इमरान : १०
हलाक करने वाली चीजें कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "हर ऐसे शख्स के लिये बड़ी ख़राबी है, जो ऐब लगाने वाला और ताना देने वाला हो, जो माल जमा करता हो और उस को गिन गिन कर रखता हो और ख़याल करता हो के उस का (यह) माल हमेशा उस के पास रहेगा। हरगिज़ ऐसा नहीं है, वह ऐसी आग में डाला। जाएगा जिसमें जो कुछ पड़ेगा वह उस को तोड़फोड़ कर रख देगी।" 📕 सूरह हुमज़ह : १ ता ४
रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey Hadees of the Day रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया - "अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।" 📕 सहिह बुखारी, खंड 3, हदीस 1903
अगर अल्लाह लोगों के साथ बुरा मामला करने में जल्दी करता तो ... आज का सबक ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ "अगर कहीं अल्लाह लोगों के साथ बुरा मामला करने में भी उतनी ही जल्दी करता जितनी वे दुनिया की भलाई माँगने में जल्दी करते हैं तो काम करने की उनकी मुहलत कभी की ख़त्म कर दी गई होती। (मगर हमारा यह तरीक़ा नहीं है) इसलिए हम उन लोगों को जो हमसे मिलने की उम्मीद नहीं रखते उनकी सरकशी में भटकने के लिए छूट दे देते हैं।" 📕 क़ुरआन - 10:11 And if Allāh was to hasten for the people the evil [they invoke] as He hastens for them the good, their term would have…
MD. Salim Shaikh
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