माल व औलाद दुनिया के लिए ज़ीनत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “माल और औलाद यह सिर्फ दुनिया की जिंदगी की एक रौनक है और (जो) नेक आमाल हमेशा बाकी रहने वाले हैं, वह आप के रब के नज़दीक सवाब और बदले के एतेबार से भी बेहतर हैं और उम्मीद के एतेबार से भी बेहतर…
झूठी कसम खा कर माल बेचना कैसा? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जो शख्स झूटी कसम खा कर माल फरोख्त करता है, कयामत में अल्लाह तआला उस की तरफ़ रहमत की नज़र से नहीं देखेगा।” 📕 बुखारी: २३६९, अन अबी हुरैरह (र.अ)
माल जमा करने का नुकसान रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम माल व दौलत जमा न करो, क्योंकि उस की वजह से तुम दुनिया ही की तरफ माइल हो जाओगे।" 📕 तिर्मिज़ी : २३२८. अन इब्ने मसऊद (र.अ)
बगैर वुजू के नमाज़ और हराम माल से सद्का… रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "बगैर वुजू के नमाज़ क़बूल नहीं होती, इसी तरह हराम माल से सद्का कबूल नहीं होता।" 📕 तिर्मिज़ी: १, अन इब्ने उमर (र.अ)
यतीमों का माल खाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "यतीमों के माल उन को देते रहा करो और पाक माल को नापाक माल से न बदलो और उन का माल अपने मालों के साथ मिला कर मत खाओ ऐसा करना यकीनन बहुत बड़ा गुनाह है।" 📕 सूरह निसा : २
काफ़िरों के माल से तअज्जुब न करना कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “तुम उन (काफ़िरों) के माल और औलाद से तअज्जुब में मत पड़ना, कयोंकि अल्लाह तआला दुनियाही की ज़िंदगी में उन काफ़िरों को अज़ाब में मुब्तला करना चाहता है और जब उनकी जान निकलेगी, तो कुफ्र की हालत में मरेंगे।” 📕 सूरह तौबा: ५५ खुलासा : काफ़िरों को…
क़यामत से पहले माल का ज़ियादा होना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इरशाद फर्माया : "उस वक़्त तक क़यामत नहीं आएगी जब तक तुम्हारे अन्दर माल की इतनी कसरत न हो जाए के वह बहने लगे, यहाँ तक के माल वाले आदमी को इस बात पर रंज व ग़म होगा के उस से कौन सदक़ा क़बूल करेगा? वह एक…
माल आरियत (उधार) है हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (अ.स) फ़रमाते हैं - "तुम में से हर एक मेहमान है और उस का माल आरियत (उधार) है और मेहमान यानी (इन्सान इस दुनिया से) जाने वाला है और आरियत की चीज़ उसके मालिक को लौटानी पड़ेगी।" 📕 शोअबुल ईमान: १०२४१
माल व औलाद की मुहब्बत कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "(माल व औलाद की) कसरत और (दुनिया के सामान पर) फख्र ने तुम को (अल्लाह की याद से) ग़ाफिल कर दिया है, यहाँ तक के तुम कब्रिस्तान जा पहुँचते हो, हरगिज़ ऐसा न करो, तुमको बहुत जल्द मालूम हो जाएगा।" 📕 सूरह तकासुरः…