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“इस्लाम और हमारा घर”
गाने और मौसीकी मुमानियत
इमरान बिन हुसैन रज़िअल्लाहु अ़न्हु फ़रमाते हैं:
अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:“इस उम्मत में ज़मीन का धंसना, लोगों के चेहरों का बदलना और पत्थरों की बारिश होने का अ़ज़ाब होगा । मुसलामानों में से एक आदमी ने कहा: ए अल्लाह के रसूल ! वो कब होगा ? आप ﷺ ने फ़रमाया: जब गाने वालिया और गाने बाजे के आलात ज़्यादा हो जाएं और शराब पीना आम हो जाएं।”
( तिर्मिज़ी ) रावी: इमरान बिन हुसैन
( स़ही़ह़ अल जामे 4273 ) ( स़ही़ह़ )सिरीज » इस्लाम और हमारा घर
——J,Salafy✒——
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जिस शख़्स ने किसी नेकी का पता बताया, उसके लिए (भी) नेकी करने वाले के जैसा अजर हैं।
(स़ही़ह़ मुस्लिम: ज़ी. 3, हदीस 4665)
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