۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) से पचास हज़ार साल के बराबर दिन
(यानी क़यामत) के बारे में पूछा गया के वह कितना लम्बा होगा?
तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “उस ज़ात की कसम जिस के कब्जे में मेरी जान है !
वह दिन मोमिन के लिये इतना मुख्तसर कर दिया जाएगा,
जितनी देर में यह दुनिया में फर्ज़ नमाज अदा त किया करता था।”