Agar Shohar ke Piche koi Gair Aurat Padi hai tou kya kare ?
Agar koi NaMehram aurat shohar ke piche pad jaye tou kya karna chahiye? us ke Sharr se kaise Shohar ko bachaya jaye, Funny but ilmi – must watch & share this more than more …
हमबिस्तरी का तरीका जवानी की दहलीज़ और फ़ितरी सुकून निकाह, हमबिस्तरी / जिमा / Sex हमबिस्तरी के चंद आदाब व मसाइल हमबिस्तरी की निय्यत …
✦ Hadees: Biwiyon ke Huqooq ✦ Muawiyah al-Qushayri (R.A.) se riwayat hai ki,Main RasoolAllah (ﷺ) ki khidmat me hazir hua …
!!! Bismillah-Hirrahman-Nirrahim !!! Allah Rabbul Izzat Quran-e-Kareem me farmata hai: ❝ Aur Biwiyo ke saath Acchi tarah raho saho. – …
Agar koi NaMehram aurat shohar ke piche pad jaye tou kya karna chahiye? us ke Sharr se kaise Shohar ko bachaya jaye, Funny but ilmi – must watch & share this more than more …
इस्लामी तारीख: हज्जतुल विदाअ, अल्लाह की कुदरत: इन्सान का सर, एक फर्ज: बीवी की विरासत में शौहर का हिस्सा, सोने से पहले बिस्तर झाड़ लेना, जन्नत में दाखिल करने वाली चीज़, इजार या पैन्ट टखने से नीचे पहनने का गुनाह …
मक्का में बुत परस्ती की इब्तेदा, शौहर का हक अदा करना, डर और घबराहट की दुआ, दोस्तों और पड़ोसियों से अच्छा सुलूक करना, कम दर्जे वाले जन्नती का इनाम, दुनिया से बेरग़बती और आखिरत की रगबत के लिये …
✦ Shohar ki Nashukri karna ek tarha ka Kufr hai ۞ Hadees: Abdullah Ibne Abbas (R.A.) se riwayat hai ki, …
Hadees Of The Day | 5 October
Umme Salma (R.A.) se riwayat hai ke,
Allah ke Rasool (ﷺ) ne farmaya:-
“Jo Aurat Dunia se is haal me chali jaye ke
uska Shohar us se raazi tha,
tou wo Jannat me dakhil hogi.“
Aam taur pe ek baat muashre me paayi jaati hai ke agar 4 mahine tak miya biwi ek dusre se alag rehe to unka nikah khatm ho jata hai. tou aayiye is mukhtasar se video clip me is unwan ke bare me tafsil me jankari lete hai, baraye mehabani isey jyada se jyada share kare.
Read MoreKitne Din Biwi se Door Rehne par Nikah toot jata hai by Adv. Faiz Syed
Nek, Deendar, Behtareen, Acchi Farmabardar Muslim Biwi aur Shohar ki Pehchan
Hadees Of The Day | 9 September Allah ne Tumhare liye Tumhare jins se hi jodey banaye Allah Ta’ala farmata …
۞ Bismillah-Hirrahman-Nirrahim ۞
‟Aur un Aurto (Apni Biwiyoun) ke Sath
📕 Surah An-Nisa 4:19
bhale andaaz me Zindagi basar karo.’
सीरत – इमाम बुखारी (रहमतुल्लाहि अलैहि), अल्लाह की कुदरत – हीरा और कोयला, एक फर्ज – शौहर के भाइयों से पर्दा करना, जमीन नाहक लेने का अज़ाब, सब से ज़ियादा खौफ़ की चीज़ …
۞ HADEES ۞ Shohar ki Nashukri Karne wali Biwi ka Anjaam Abdullah bin umro (R.A) se riwayat hai ke Rasool’Allah …
✦ Hadith: Roman Urdu Abdullah-bin-Mas’ud (R.A) se riwayat hai ke, Allah ke Rasool (ﷺ) ne farmaya: “Koi Aurat kisi Aurat …
Read MoreKoi Aurat Apne Shohar se kisi bhi Aurat ka huliya bayan na kare
[tabs] [tab title=”Roman Urdu”]♥ Mafhoom-e-Hadees: Abu Dharr (RaziAllahu Anhu) se riwayat hai ki kuch (Gareeb) Sahabi Allah ke Rasool (Sallallahu Alaihi …
Read MoreHar acchi baat sikhana aur har buri baat se rokna Sadqa hai
✲ Hadith: Muaz bin jabal (RaziAllahu Anhu) se riwayat hai ke, Rasool’Allah (ﷺ) ne farmaya: ❝ Dunia mein jab koi …
Halala aise Nikah ko kehte hai jisme koi aadmi 3 Talaq waali aurat se sirf Talaq ki niyat se Nikah …
Read MoreHalala ka Nikah karne wale ka Gunaah (Halala karne wale par Allah ki Lanat)
पति पत्नी में अगर किसी तरह भी निबाह नहीं हो पा रहा है तो अपनी ज़िदगी जहन्नम बनाने से बहतर है कि वो अलग हो कर अपनी ज़िन्दगी का सफ़र अपनी मर्ज़ी से पूरा करें इसी को तलाक कहते है जो कि इंसान होने के नाते उनका हक है, इसी लिए दुनियां भर के कानून में तलाक़ की गुंजाइश मौजूद है। और इसी लिए पैगम्बरों के दीन (धर्म) में भी तलाक़ की गुंजाइश हमेशा से रही है।
यूं तो तलाक़ कोई अच्छी चीज़ नहीं है और सभी लोग इसको ना पसंद करते हैं इस्लाम में भी यह एक बुरी बात समझी जाती है लेकिन इसका मतलब यह हरगिज़ नहीं कि तलाक़ का हक ही इंसानों से छीन लिया जाए।
• दीने इब्राहीम की रिवायात के मुताबिक अरब जाहिलियत के दौर में भी तलाक़ से अनजान नहीं थे, उनका इतिहास बताता है कि तलाक़ का कानून उनके यहाँ भी लगभग वही था जो अब इस्लाम में है लेकिन कुछ बिदअतें उन्होंने इसमें भी दाखिल कर दी थी. किसी जोड़े में तलाक की नौबत आने से पहले हर किसी की यह कोशिश होनी चाहिए कि जो रिश्ते की डोर एक बार बन्ध गई है उसे मुमकिन हद तक टूटने से बचाया जाए,
जब किसी पति-पत्नी का झगड़ा बढ़ता दिखाई दे तो अल्लाह ने कुरआन में उनके करीबी रिश्तेदारों और उनका भला चाहने वालों को यह हिदायत दी है कि वो आगे बढ़ें और मामले को सुधारने की कोशिश करें इसका तरीका कुरआन ने यह बतलाया है कि “एक फैसला करने वाला शोहर के खानदान में से मुकर्रर करें और एक फैसला करने वाला बीवी के खानदान में से चुने और वो दोनों जज मिल कर उनमे सुलह कराने की कोशिश करें, इससे उम्मीद है कि जिस झगड़े को पति पत्नी नहीं सुलझा सके वो खानदान के बुज़ुर्ग और दूसरे हमदर्द लोगों के बीच में आने से सुलझ जाए.”
♥ कुरआन ने इसे कुछ यूं बयान किया है –
“और अगर तुम्हे शोहर बीवी में फूट पड़ जाने का अंदेशा हो तो एक हकम (जज) मर्द के लोगों में से और एक औरत के लोगों में से मुक़र्रर कर दो, अगर शोहर बीवी दोनों सुलह चाहेंगे तो अल्लाह उनके बीच सुलह करा देगा, बेशक अल्लाह सब कुछ जानने वाला और सब की खबर रखने वाला है”[ सूरेह निसा ४:35 ]
इसके बावजूद भी अगर शोहर और बीवी दोनों या दोनों में से किसी एक ने तलाक का फैसला कर ही लिया है तो शोहर बीवी के खास दिनों (Menstruation) के आने का इन्तिज़ार करे, और खास दिनों के गुज़र जाने के बाद जब बीवी पाक़ हो जाए तो बिना हम बिस्तर हुए कम से कम दो जुम्मेदार लोगों को गवाह बना कर उनके सामने बीवी को एक तलाक दे, यानि शोहर बीवी से सिर्फ इतना कहे कि ”मैं तुम्हे तलाक देता हूँ”।
* तलाक हर हाल में एक ही दी जाएगी दो या तीन या सौ नहीं, जो लोग जिहालत की हदें पार करते हुए दो तीन या हज़ार तलाक बोल देते हैं यह इस्लाम के बिल्कुल खिलाफ अमल है और बहुत बड़ा गुनाह है अल्लाह के रसूल (सल्लाहू अलैहि वसल्लम) के फरमान के मुताबिक जो ऐसा बोलता है वो इस्लामी शर्यत और कुरआन का मज़ाक उड़ा रहा होता है.
इस एक तलाक के बाद बीवी 3 महीने यानि 3 तीन हैज़ (जिन्हें इद्दत कहा जाता है और अगर वो प्रेग्नेंट है तो बच्चा होने) तक शोहर ही के घर रहेगी और उसका खर्च भी शोहर ही के जुम्मे रहेगा लेकिन उनके बिस्तर अलग रहेंगे, कुरआन ने सूरेह तलाक में हुक्म फ़रमाया है कि इद्दत पूरी होने से पहले ना तो बीवी को ससुराल से निकाला जाए और ना ही वो खुद निकले, इसकी वजह कुरआन ने यह बतलाई है कि इससे उम्मीद है कि इद्दत के दौरान शोहर बीवी में सुलह हो जाए और वो तलाक का फैसला वापस लेने को तैयार हो जाएं।
* अक्ल की रौशनी से अगर इस हुक्म पर गोर किया जाए तो मालूम होगा कि इसमें बड़ी अच्छी हिकमत है। हर समाज में बीच में आज भड़काने वाले लोग मौजूद होते ही हैं, अगर बीवी तलाक मिलते ही अपनी माँ के घर चली जाए तो ऐसे लोगों को दोनों तरफ कान भरने का मौका मिल जाएगा, इसलिए यह ज़रूरी है कि बीवी इद्दत का वक़्त शोहर ही के घर गुज़ारे।
फिर अगर शोहर बीवी में इद्दत के दौरान सुलह हो जाए तो फिरसे वो दोनों बिना कुछ किये शोहर और बीवी की हेस्यत से रह सकते हैं इसके लिए उन्हें सिर्फ इतना करना होगा कि जिन गवाहों के सामने तलाक दी थी उनको खबर करदें कि हम ने अपना फैसला बदल लिया है, कानून में इसे ही ”रुजू” करना कहते हैं और यह ज़िन्दगी में दो बार किया जा सकता है इससे ज्यादा नहीं। (सूरेह बक्राह-229)
शोहर रुजू ना करे तो इद्दत के पूरा होने पर शोहर बीवी का रिश्ता ख़त्म हो जाएगा, लिहाज़ा कुरआन ने यह हिदायत फरमाई है कि इद्दत अगर पूरी होने वाली है तो शोहर को यह फैसला कर लेना चाहिए कि उसे बीवी को रोकना है या रुखसत करना है, दोनों ही सूरतों में अल्लाह का हुक्म है कि मामला भले तरीके से किया जाए, सूरेह बक्राह में हिदायत फरमाई है कि अगर बीवी को रोकने का फैसला किया है तो यह रोकना वीबी को परेशान करने के लिए हरगिज़ नहीं होना चाहिए बल्कि सिर्फ भलाई के लिए ही रोका जाए।
♥ अल्लाह कुरआन में फरमाता है –
“और जब तुम औरतों को तलाक दो और वो अपनी इद्दत के खात्मे पर पहुँच जाएँ तो या तो उन्हें भले तरीक़े से रोक लो या भले तरीक़े से रुखसत कर दो, और उन्हें नुक्सान पहुँचाने के इरादे से ना रोको के उनपर ज़ुल्म करो, और याद रखो के जो कोई ऐसा करेगा वो दर हकीकत अपने ही ऊपर ज़ुल्म ढाएगा।
और अल्लाह की आयातों को मज़ाक ना बनाओ और अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों को याद रखो और उस कानून और हिकमत को याद रखो जो अल्लाह ने उतारी है जिसकी वो तुम्हे नसीहत करता है, और अल्लाह से डरते रहो और ध्यान रहे के अल्लाह हर चीज़ से वाकिफ है”
लेकिन अगर उन्होंने इद्दत के दौरान रुजू नहीं किया और इद्दत का वक़्त ख़त्म हो गया तो अब उनका रिश्ता ख़त्म हो जाएगा, अब उन्हें जुदा होना है.
इस मौके पर कुरआन ने कम से कम दो जगह (सूरेह बक्राह आयत 229 और सूरेह निसा आयत 20 में) इस बात पर बहुत ज़ोर दिया है कि मर्द ने जो कुछ बीवी को पहले गहने, कीमती सामान, रूपये या कोई जाएदाद तोहफे के तौर पर दे रखी थी उसका वापस लेना शोहर के लिए बिल्कुल जायज़ नहीं है वो सब माल जो बीवी को तलाक से पहले दिया था वो अब भी बीवी का ही रहेगा और वो उस माल को अपने साथ लेकर ही घर से जाएगी, शोहर के लिए वो माल वापस मांगना या लेना या बीवी पर माल वापस करने के लिए किसी तरह का दबाव बनाना बिल्कुल जायज़ नहीं है.
(नोट– अगर बीवी ने खुद तलाक मांगी थी जबकि शोहर उसके सारे हक सही से अदा कर रहा था या बीवी खुली बदकारी पर उतर आई थी जिसके बाद उसको बीवी बनाए रखना मुमकिन नहीं रहा था तो महर के अलावा उसको दिए हुए माल में से कुछ को वापस मांगना या लेना शोहर के लिए जायज़ है.)
अब इसके बाद बीवी आज़ाद है वो चाहे जहाँ जाए और जिससे चाहे शादी करे, अब पहले शोहर का उस पर कोई हक बाकि नहीं रहा.
इसके बाद तलाक देने वाला मर्द और औरत जब कभी ज़िन्दगी में दोबारा शादी करना चाहें तो वो कर सकते हैं इसके लिए उन्हें आम निकाह की तरह ही फिरसे निकाह करना होगा और शोहर को महर देने होंगे और बीवी को महर लेने होंगे.
# अब फ़र्ज़ करें कि दूसरी बार निकाह करने के बाद कुछ समय के बाद उनमे फिरसे झगड़ा हो जाए और उनमे फिरसे तलाक हो जाए तो फिर से वही पूरा प्रोसेस दोहराना होगा जो मैंने ऊपर लिखा है,
# अब फ़र्ज़ करें कि दूसरी बार भी तलाक के बाद वो दोनों आपस में शादी करना चाहें तो शरयत में तीसरी बार भी उन्हें निकाह करने की इजाज़त है. लेकिन अब अगर उनको तलाक हुई तो यह तीसरी तलाक होगी जिस के बाद ना तो रुजू कर सकते हैं और ना ही आपस में निकाह किया जा सकता है.
# अब चौथी बार उनकी आपस में निकाह करने की कोई गुंजाइश नहीं लेकिन सिर्फ ऐसे कि अपनी आज़ाद मर्ज़ी से वो औरत किसी दुसरे मर्द से शादी करे और इत्तिफाक़ से उनका भी निभा ना हो सके और वो दूसरा शोहर भी उसे तलाक देदे या मर जाए तो ही वो औरत पहले मर्द से निकाह कर सकती है, इसी को कानून में ”हलाला” कहते हैं.
लेकिन याद रहे यह इत्तिफ़ाक से हो तो जायज़ है जान बूझ कर या प्लान बना कर किसी और मर्द से शादी करना और फिर उससे सिर्फ इस लिए तलाक लेना ताकि पहले शोहर से निकाह जायज़ हो सके यह साजिश सरासर नाजायज़ है और अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने ऐसी साजिश करने वालों पर लानत फरमाई है.
अगर सिर्फ बीवी तलाक चाहे तो उसे शोहर से तलाक मांगना होगी, अगर शोहर नेक इंसान होगा तो ज़ाहिर है वो बीवी को समझाने की कोशिश करेगा और फिर उसे एक तलाक दे देगा, लेकिन अगर शोहर मांगने के बावजूद भी तलाक नहीं देता तो बीवी के लिए इस्लाम में यह आसानी रखी गई है कि वो शहर काज़ी (जज) के पास जाए और उससे शोहर से तलाक दिलवाने के लिए कहे, इस्लाम ने काज़ी को यह हक़ दे रखा है कि वो उनका रिश्ता ख़त्म करने का ऐलान कर दे, जिससे उनकी तलाक हो जाएगी, कानून में इसे ”खुला” कहा जाता है.
यही तलाक का सही तरीका है लेकिन अफ़सोस की बात है कि हमारे यहाँ इस तरीके की खिलाफ वर्जी भी होती है और कुछ लोग बिना सोचे समझे इस्लाम के खिलाफ तरीके से तलाक देते हैं जिससे खुद भी परेशानी उठाते हैं और इस्लाम की भी बदनामी होती है.
– (मुशर्रफ अहमद)
Talaaq, Khula, Halala, Halala kya hai ? , Talaq Ki Hakikat, Talaq Kaise De ? , Halala Ki Hakikat, Halala, Halala In Islam, Halala ka matlab , Halala ka tarika in urdu , halala kab hota hai , Halala Ki Hakikat , Halala ki Haqeekat , halala kise kehte hai , How to give divorce , islamic talaq rules in hindi , Khula , Masail , Shohar , Talaaq , talak ka tarika , talaq dene ka sahi tarika , Talaq Dene Ka Sahih Tariqa , talaq in islam in urdu , talaq ka sharai tareeqa , talaq ka sharai tariqa , talaq ka tarika , talaq kab jaiz hai , Talaq Kaise De ? , talaq kaise hoti he , Talaq Ki Hakikat , talaq ki sharai tariqa , Teen talaq aur halala , triple talaq in islam , what is halala , Halala in Hindi, what is halala in hindi, halala kya hai in hindi, halala meaning in hindi, talaq dene ka tarika in hindi, halala means in hindi
तलाक लेने के तरीके, तलाक हलाला खुला की हकीकत, हलाला क्या है, खुला तलाक, तलाक masla, तलाक़ इन क़ुरान, तलाक़ इन हिंदी, तलाक और खुला, तलाक का मसला इन क़ुरान, तलाक मे हलाल किसे कहते है, ३ तलाक़, ३ तलाक़ इन इस्लाम, इस्लाम में तलाक, ईस्लाम मे औरतो को तलाक का हक क्यो नही दिया गया?, क़ुरान में तीन तलाक का ज़िक्र है, खुला तलाक के कानून, तलाक़ इन इस्लाम इन हिंदी, तलाक़ ओर हलाला, तलाक़ और खुला, तलाक और हलाला, तलाक किसे कहते है, तलाक की हकिकत और इस्लाम, तलाक लेने के तरीके, तलाक हलाला, तीन तलाक और हलाला, तीन तलाक का मसला इन हिंदी, तीन तलाक क्या है, तीन तलाक हलाला, ३ तलाक का मसला, इस्लाम और तलाक, इस्लाम तलाक और खुला।
Iddat kise kehte hai ? Iddat us zamane (waqt) ko kehte hai jis me Aurat ke liye dusra Nikah kerna …
Read MoreIddat meaning in Hindi: Bewah Aurat Ke Liye Iddat ke Ehkam
*Allah Rabbul Izzat Quraan Me Shohar Aur Biwi Ke Rishtey Ki Misaal Bayan Karte Hue Farmata Hai – ♥ Al-Quraan: …
Miya biwi ke liye behtareen Misaal kya hai iske bare me tafseeli jankari ke liye aayiye is Bayan ka mutala karte hai, baraye meharbani isey jyada se jyada share karne me humara tawoon kare,. jazakAllahu khairan kaseera.
Video Dekhe:
۞ Mafhum-e-Hadees: Abdullah Ibne Masud (RaziAllahu Anhu) ka ibtedayi dour tha, Aapki Biwi RasoolAllah (ﷺ) ke paas aayi aur kehne …
Abu Hurairah (Razi Allah anhu) kehte hain ke RasoolAllah (Sallallahu Alaihay Wasallam) ne farmaya : ❝ Shohar ki Moujudgi me …
Read MoreShohar ki Moujudgi me is ki ijazat ke bagair koi Aurat Roza na rakhe siwaye ramadaan ke
♥ Mafhoom-e-Hadees: Hazrate Zainab Bint Hajash (RaziAllahu Anha) Ke Bhai Ka Inteqal Ho Gaya. Teen Din Ke Baad Unhone Khushboo …
Read MoreMayyat Ka Shog(Gham) : Matam Karne Se Mana Farmaya ….
♥ Mafhoom-e-Hadees: Abu Hurairah (RaziAllahu Anhu) Se Riwayat Hai Ki, Rasool’Allah (Sallallahu Alaihay Wasallam) Ne Farmaya – “Jo Shakhs Kisi …
♥ Mafhoom-e-Hadees: Abdullah-Ibne-Umar (RaziAllahu Anhu) Se Mairvi Hai Ke, Huzur-e-Kareem (Sallallahu Alaihay Wasallam) Ne Farmaya – “Tum Sab Nigran (Responsible) …
Read MoreHer Ek Se Uske Jimmedariyo Ke Baare Me Pucha Jayega ….
♥ Al-Quraan: Bismillah-Hirrahman-Nirrahim !!! “Aur Unsey (Biwi Se) Aacha Bartav Karo Fhir Agar Woh Tumhe Pasand Na Aaye Tou Kareeb …
!!! Bismillah-Hirrahman-Nirrahim !!! » (1). Mehar Ki Adaygi Me Khush Dili Ka Muzaihra Kare ! ♥ Al-Quraan: “Aur Aurto Ko …