रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“हम दुनिया में सबसे आखिर में आए हैं, लेकिन कल हश्र (यानी आखिरत में जब सब को जमा किया जाएगा) तो हम सबसे पहले जिन्दा किये जाएँगे।”
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- हजरत रुकय्या बिन्ते रसूलुल्लाह (र.अ) हज़रत रुकय्या (र.अ) हुजूर (ﷺ) की दूसरी साहबज़ादी (बेटी) थीं, वह पहले अबू लहब के बेटे उत्बा के निकाह में थीं, जब हुजूर (ﷺ) को नुबुव्वत मिली और लोगों को दावत देना शुरू किया, तो अबू लहब के हुक्म पर उत्बा ने हजरत रुकय्या (र.अ) को तलाक दे दी, फिर…
- गुस्ल करने का सुन्नत तरीका रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते, तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते, फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के लिये वुजू किया जाता है उसी तरह वुजू करते, फिर पानी लेकर अपनी उंगलियों के जरिये सर के बालों की…
- नींद न आने का इलाज हजरत जैद बिन साबित (र.अ) ने हुजूर (ﷺ) से नींद न आने की शिकायत की, तो आप (ﷺ) ने फ़र्माया: यह पढ़ा करो: तर्जमा : ऐ अल्लाह ! सितारे छुप गए और आँखें पुर सुकून हो गईं, तूह मेशा जिन्दा और कायम रहने वाला है, ऐ हमेशा जिन्दा और कायम…
- अरबों की अखलाक़ी हालत रसूलुल्लाह (ﷺ) से पहले अरबों की अखलाकी हालत बहुत ज़्यादा बिगड़ चुकी थी। जुल्म व सितम, चोरी व डाका जनी, ज़िनाकारी और बदकारी बिल्कुल आम थी। जुआ खेलने और शराब पीने का रिवाज बहुत ज़्यादा था। बेहयाई और बेशर्मी इस हद तक बढ़ गई थी के खुले आम बुराइयों करके…
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- मौत की आरज़ू कभी मत करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया - तकलीफ़ और बीमारी की वजह से मौत की आरज़ू मत करो अगर तुम यही चाहते हो तो इस तरह दुआ करो: ( اللهم أحيني ما كانت المميزة خيزاتی وتولي إذا كانت الوفاة خيراتي ) तर्जमा: ऐ अल्लाह! तू मुझे ज़िन्दा रख जब तक मेरा ज़िन्दा…
- असहाबे सुफ्फा जब मस्जिदे नबवी की तामीर हुई, तो उस के एक तरफ चबूतरा बनाया गया था, जिस को सुफ़्फ़ा कहा जाता है। यह जगह इस्लामी तालीम व तरबियत और तब्लीग व हिदायत का मरकज़ था, जो सहाबा (र.अ) यहाँ रहा करते थे, उन को "असहाबे सुफ्फा" कहा जाता है, इन लोगों…