रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“मेरे सब उम्मती जन्नत में जाएंगे मगर जिसने इन्कार कर दिया (वह जन्नत में दाखिल न होगा। ) अर्ज़ किया गया : या रसूलल्लाह (ﷺ) इन्कार कौन करेगा? फ़रमाया : जिसने मेरी इताअत की जन्नत में दाखिल हो गया और जिसने मेरी फ़रमानी की तो उसने इन्कार किया।“