क़ज़ा नमाजों की अदायगी

फर्ज अमल के बारे में | Ek Farz ke Baare mein

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जो कोई नमाज पढ़ना भूल गया या नमाज के वक्त सोता रह गया, तो (उसका कफ्फारा यह है के) जब याद आए उसी वक्त पढ़ ले।”

📕 तिर्मिज़ी: १७७

फायदा: अगर किसी शख्स की नमाज किसी उज्र की वजह से छूट जाए
या सोने की हालत में नमाज़ का वक़्त गुज़र जाए, तो बाद में उसको पढ़ना फर्ज है।


Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.




WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Comment

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *