रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“दुनिया से बे-रग़बती और आखिरत की रगबत पैदा करने के लिये मौत को याद करना काफी है।”
📕 बैहेकी फी शोअबील ईमान: १०१५९
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रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :
“दुनिया से बे-रग़बती और आखिरत की रगबत पैदा करने के लिये मौत को याद करना काफी है।”
📕 बैहेकी फी शोअबील ईमान: १०१५९
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