“मांगने वाले को, नर्मी से जवाब दे देना और उस को माफ़ कर देना उस सदका व खैरात से बेहतर है जिस के बाद तकलीफ़ पहुंचाई जाए।अल्लाह तआला बड़ा बेनियाज़ और गैरतमंद है।”
माँगने वाले को नरमी से जवाब देना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "माँगने वाले को नरमी से जवाब देना और उस को माफ कर देना उस सदके और ख़ैरात से बेहतर है, जिस के बाद तकलीफ पहुँचाई जाए, (याद रहे) अल्लाह तआला बड़ा बे नियाज और ग़ैरतमन्द है।" 📕 सूरह बकरा : २६३
सिर्फ दुनिया मांगने वाले को आख़िरत में कुछ… क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है: "लोगों में से बाज़ ऐसे भी हैं जो कहते हैं, के ऐ हमारे परवरदिगार ! हम को (जो कुछ देना हो) दुनिया में ही दे दीजिये (तो उन को जो कुछ मिलना होगा वह दुनिया ही में मिल जाएगा) और ऐसे शख़्स को आख़िरत…
कुरआन की तिलावत करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत के दिन अपने साथी (यानी पढ़ने वाले) की शफ़ाअत करेगा।” 📕 मुस्लिम: १८७४
हर मामले में इंसाफ करो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : " ऐ ईमान वालो ! अल्लाह तआला के लिये सच्चाई पर कायम रहने वाले और इन्साफ के साथ शहादत (गवाही) देने वाले बन जाओ और किसी कौम की दुश्मनी तुम्हें इस बात पर आमादा न कर दे, के तुम इन्साफ न करो (बल्कि…
असहाबे सुफ्फा जब मस्जिदे नबवी की तामीर हुई, तो उस के एक तरफ चबूतरा बनाया गया था, जिस को सुफ़्फ़ा कहा जाता है। यह जगह इस्लामी तालीम व तरबियत और तब्लीग व हिदायत का मरकज़ था, जो सहाबा (र.अ) यहाँ रहा करते थे, उन को "असहाबे सुफ्फा" कहा जाता है, इन लोगों…
माल व औलाद दुनिया के लिए ज़ीनत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “माल और औलाद यह सिर्फ दुनिया की जिंदगी की एक रौनक है और (जो) नेक आमाल हमेशा बाकी रहने वाले हैं, वह आप के रब के नज़दीक सवाब और बदले के एतेबार से भी बेहतर हैं और उम्मीद के एतेबार से भी बेहतर…
कुरआन को गौर से सुनना कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: “जब कुरआन पढ़ा जाए, तो इसको पूरी तवज्जोह और गोर से सूना करो और खामोश रहा करो; ताकि तूम पर रहम किया जाए।” 📕 सूरह अराफः २०४