“जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कमतर को देख कर अल्लाह तआला की अता करदा फजीलत पर उस की तारीफ करे, तो अल्लाह तआला उस को (इन दो आदतों की वजह से) सब्र करने वाला और शुक्र करने वाला लिख देता हैं।
और जो शख्स दीनी मामले में अपने से कमतर को देखे और दूनीयावी मामले में अपने से ऊपर वाले को देख कर अफसोस करे, तो अल्लाह तआला उसको साबिर व शाकिर नहीं लिखता।”
दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो शख्स आखिरत की खेती का तालिब हो, हम उसकी खेती में तरक्की देंगे और जो दुनिया की खेती का तालिब हो, (के सारी कोशिश उसी पर खर्च कर दे)। तो हम उस को दुनिया में से कुछ दे देंगे और ऐसे शख्स का आख़िरत में कोई हिस्सा नहीं।" 📕 सूरह शूरा : २०
कोई शख्स दूसरे के सामने फक्र न करे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तवाजो इख्तियार करो, कोई शख्स दूसरे के सामने फक्र न करे और एक दूसरे पर ज़ियादती करे।" 📕 मुस्लिम: ७२१०
आफत व बला दूर होने की दुआ रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जो शख्स (माशाअल्लाह ला हौल वाला क़ूवता इल्लाह बिल्लाह ) पढ़ लिया करे, तो सिवाए मौत के अपने अहल व अयाल और माल में कोई आफत नहीं देखेगा।” 📕 तबरानी औसत: ४४१२
दीनी भाई की जियारत की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिस ने किसी मरीज़ की इयादत की, या किसी दीनी भाई की जियारत की, तो एक पुकारने वाला (फरिश्ता) कहता है। तुम (दुनिया में) अच्छे रहो, तुम्हारा (अच्छे कामों की तरफ) चलना मुबारक हो और तुम ने (अपने इस अमल के जरिये) जन्नत का बुलंद दर्जा हासिल कर लिया है।" 📕 तिर्मिज़ी: २००८
रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला मिल जायेगा क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है : "जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।" 📕 सूरह क़सस: 84
गुनहगारों को नेअमत देने का मक्सद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जब तू यह देखे के अल्लाह तआला किसी गुनहगार को उस के गुनाहों के बावजूद दुनिया की चीजें दे रहा है तो यह अल्लाह तआला की तरफ से ढील है।” 📕 मुस्नदे अहमद : १६८६०
खाने के बाद उंगलियां चाटने का फ़ायदा रसूलुल्लाह (ﷺ) जब खाना खा लेते तो अपनी तीनों उंगलियों को चाटते। फायदा : अल्लामा इब्ने कय्यिम कहते हैं के खाना खाने के बाद उंगलियां चाटना हाज़मे के लिए इन्तेहाई मुफीद है। तफ्सील में जानकारी के लिए यह भी देखे» उंगलियों के पोरों पर कीटनाशक प्रोटीन 📕 मुस्लिम : ५२९६
दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरूरियात का कफील बन जाता है और उस को ऐसी जगह से रोज़ी पहुंचाता है जहाँ से उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। और जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ झुक जाता है, तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान: १०९०
मियाँ बीवी अपना राज़ बयान न करें रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “कयामत के रोज़ अल्लाह की नज़र में लोगों में सब से बदतरीन वह शख्स होगा, जो अपनी बीवी के पास जाए और उसकी बीवी उसके पास आए; फिर उनमें से एक अपने साथी का राज किसी दूसरे को बताए।” 📕 मुस्लिम: ३५४२, अबी सईद खुदरी (र.अ)
किसी मुसलमान को हंसता देखे तो यह दुआ पढ़े रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : जब किसी मुसलमान को हँसता हुआ देखे तो यह दुआ पढ़े: तर्जमा: "अल्लाह आप को मुस्कुराता रखे।” 📕 बुखारी : ३२९४
जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा तो... ۞ हदीस: अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की, रसूलअल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: "जो शख्स किसी मां को उसके बच्चे से जुदा करेगा अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन उसको उसके महबूब लोगो से जुदा कर देगा।" 📕 जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 1, 1291-हसन
मरीज़ के अयादत की फ़ज़ीलत हज़रत अली (रज़ीअल्लाहु अन्हु) कहते है के ; “जो शख्स किसी बीमार की दिन के आखिर हिस्से (शाम) में अयादत करता है तो इसके साथ सत्तर हज़ार फ़रिश्ते निकलते है और फज़र तक इस के लये मगफिरत की दुआ करते है, और इस के लिए जन्नत में एक बाग़ होता है, और जो शख्स दिन के इब्तेदाई (सुबह) में अयादत के लिए निकलता है इसके लिए सत्तर हज़ार फ़रिश्ते निकलते और शाम तक इस के लिए दुआ-ऐ-मग़फ़िरत करते है और इसके लिए जन्नत में एक बाग़ है।” 📕 सुनन अबू दावूद 3098
कयामत का हौलनाक मंजर ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ क़यामत का मालूम हो जाये तो हसना कम और रोना बहुत बढ़ जाए रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।" 📕 बुखारी : ६४८६ कयामत के दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा? जिस दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा और सूरज व चाँद (दोनों बेनूर हो कर) एक…
मज़दूर की मज़दूरी पसीना सुखने से पहले दिया करो मज़दूर को पसीना सुखने से पहले मज़दूरी दो ۞ हदीस: अब्दुल्ला इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है की,रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मज़दूर को उसकी मज़दूरी उसका पसीना सुखने से पहले दे दो।" 📕सुनन इब्न माजाह, हदीस:600 मज़दूर को पूरी मजदूरी देना ۞ हदीस: रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "मैं क़यामत के दिन तीन लोगों का मुक़ाबिल बन कर उन से झगडूंगा, (उन तीन में से एक) वह शख्स है जिसने किसी को मज़दूरी पर रखा और उससे पूरा-पूरा काम लिया मगर उसको पूरी मज़दूरी नहीं दी।" 📕 इब्ने माजाह : २४४२ खुलासा: मज़दूर को मुकम्मल मज़दूरी देना वाजिब है।
MD. Salim Shaikh
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