7. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा हजरत अय्यूब (अ.स), कुदरत : परिन्दों का फिज़ा में उड़ना, एक फर्ज : अजाने जुमा के बाद दुनियावी काम छोड़ देना, सुन्नत : गुस्ल से पहले वुजू करना, मरीज़ के अयादत की फ़ज़ीलत ...
17 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा (1). हमराउल असद पर तीन रोज कयाम, (2). मेअदे का निज़ाम ( Digestive System ), (3). सुबह की नमाज अदा करने पर हिफाजात का जिम्मा, (4). मूंछों को तराशना, (5). खाना खिलाने की फ़ज़ीलत, (6). आपस में दुश्मनी रखने का…
सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज | Part 36 https://www.youtube.com/playlist?list=PLqFqfE_wU2p6o-yao7hgl8YH54J1qoKQz Seerat un Nabi (ﷺ) Series: Part 36 सैयदु शुहदा हज़रत अमीर हमजा की लाश जब मुसलमान दुश्मनों के घेरे में आ गये थे और कुफ्फार ने उन्हें हर तरफ़ से घेर लिया था, हर जगह निहायत खंरेज लड़ाई हो…
औलिया अल्लाह | Allah ke wali (Aulia Allah)… औलिया अल्लाह Aulia Allah (Allah ke Wali) ki Pehchan aur Sifat बिस्मिल्लाहि र्रहमानि र्रहीम शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और बहुत रहम वाला है। सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं। हम उसी का शुक्र अदा करते…
12. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत नूह (अ.स) की दावत, मुअजिजा : दरख्त का हुजूर (ﷺ) को इत्तेला देना, एक फ़र्ज़ : नमाजी पर जहन्नम की आग हराम है, अहेम अमल : नेअमत के मिलने पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना, अल्लाह के साथ शिर्क करने का…
5. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: पहली वही के बाद हुजूर (ﷺ) की हालत, हाथी में अल्लाह की क़ुदरत, कयामत के दिन सब से पहले नमाज़ का हिसाब, अमल : तीन आदमी अल्लाह की जमानत में है, जकात न देने का गुनाह, दुनिया को मक़सद…
29. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 29 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa 1. इस्लामी तारीख मस्जिदे कुबा की तामीर और पहला जुमा मदीना मुनव्वरा से तक़रीबन तीन मील के फासले पर एक छोटी सी बस्ती कुबा है, यहाँ अन्सार के बुहत से खानदान आबाद…
18. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: हजरत इब्राहीम (अ.स), मुअजिजा : अबू तालिब का सेहतयाब होना, एक फ़र्ज़ : जमात के साथ नमाज़ अदा करना, अहेम अमल : नुक्सान से हिफाज़त, फुजूल कामों में माल खर्च करने का गुनाह, माल व औलाद अल्लाह के क़ुर्ब…
11 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा तारीख: क़ौमे सबा, अल्लाह की कुदरत: जानदारों के जिस्म में जोड़, फर्ज: बाजमात इंशा और फज्र की नमाज़ पढ़ना, सुन्नत: खाने में ऐब न लगाना, अपने अज़ीज़ की वफात पर सब्र करना ...