ज़कात अदा करना

ज़कात अदा करना

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) इर्शाद फ़र्माते हैं के,

“हमें नमाज़ कायम करने का और जकात अदा करने का हुक्म है और जो शख्स जकात अदा न करे उसकी नमाज़ भी (क़बूल) नहीं।”

📕 तबरानी फिल कबीर : ९९५०

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