“जो शख्स (अपने आमाल के बदले में) सिर्फ दुनिया के इनाम की ख्वाहिश रखता है (तो यह उस की नादानी है के उसे मालूम नहीं) के अल्लाह तआला के यहाँ दुनिया और आखिरत दोनों का इनाम मौजूद है (लिहाजा अल्लाह से दुनिया और आखिरत दोनों की नेअमतें मांगो) अल्लाह तुम्हारी दुआओं को सुनता और तुम्हारी निय्यतों को देखता है।”
कुरआन मार्गदर्शक है ... कुरआन मार्गदर्शक है “वास्तव में, ये कुरआन वह मार्ग दिखाता है, जो सबसे सीधी है…” 📕 कुरआन 17:9
कयामत का हौलनाक मंजर ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ क़यामत का मालूम हो जाये तो हसना कम और रोना बहुत बढ़ जाए रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।" 📕 बुखारी : ६४८६ कयामत के दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा? जिस दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा और सूरज व चाँद (दोनों बेनूर हो कर) एक…
अल्लाह से मुहब्बत रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "अल्लाह तआला से मुहब्बत रखो, इस वजह से के वह तूमको खाने के लिये अपनी नेअमतें देता है और मुझ से मुहब्बत रखो, इस वजह से के अल्लाह तआला को मुझ से मुहब्बत है।" 📕 तिर्मिज़ी: ३७८९
अहले जन्नत की नेअमतें: परहेज़गारों के लिये अच्छा ठिकाना है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : "परहेज़गारों के लिये (आखिरत में) अच्छा ठिकाना है, हमेशा रहने वाले बागात हैं, जिन के दरवाजे उन के लिये खुले हुए होंगे, वह उन बागों में तकिये लगाए बैठे होंगे, वह वहाँ (जन्नत के खादिमों से) बहुत से मेवे और पीने की चीजें मंगाएँगे और उन लोगों के पास नीची नजरों वाली हम उम्र हुरे होंगी।" 📕 सूरह साद: ४९ ता ५२
दुनिया से ज्यादा आखिरत अहेम कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “तुम तो दुनिया का माल व असबाब चाहते हो और अल्लाह तआला तुमसे आखिरत को चाहता हैं।” 📕 सूर-ए-अन्फाल: ६५ वजाहत: इन्सान हर वक्त दुनियावी फायदे में मुन्हमिक रहता है और इसी को हासिल करने की फिक्र करता रहता है; हालांके अल्लाह तआला चाहता हैं के दुनिया के मुकाबले में आखिरत की फिक्र जियादा की जाए; क्योंकि आखिरत की फ़िक्र करना ज्यादा अहेम है।
सिर्फ दुनिया मांगने वाले को आख़िरत में कुछ नहीं मिलेगा क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है: "लोगों में से बाज़ ऐसे भी हैं जो कहते हैं, के ऐ हमारे परवरदिगार ! हम को (जो कुछ देना हो) दुनिया में ही दे दीजिये (तो उन को जो कुछ मिलना होगा वह दुनिया ही में मिल जाएगा) और ऐसे शख़्स को आख़िरत में कुछ न मिलेगा।" 📕 सूरह बकरह: 200
दुनिया को मक़सद बनाने का अंजाम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जो शख्स अल्लाह का हो जाता है, तो अल्लाह तआला उस की जरूरियात का कफील बन जाता है और उस को ऐसी जगह से रोज़ी पहुंचाता है जहाँ से उस का वहम व गुमान भी नहीं होता। और जो शख्स मुकम्मल तौर पर दुनिया की तरफ झुक जाता है, तो अल्लाह तआला उसे दुनिया के हवाले कर देता है।" 📕 बैहकी शोअबुल ईमान: १०९०
कयामत किन लोगों पर आएगी रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "कयामत सिर्फ बदतरीन लोगों पर ही आएगी।" 📕 मुस्लिम : ७४०२ फायदा: जब तक इस दुनिया में एक शख्स भी अल्लाह का नाम लेने वाला जिंदा रहेगा, उस वक्त तक दुनिया का निजाम चलता रहेगा, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेने वाला कोई न रहेगा और सिर्फ बदतरीन और बुरे लोग ही रह जाएँगे, तो उस वक़्त क़यामत कायम की जाएगी।
माल व औलाद दुनिया के लिए ज़ीनत कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “माल और औलाद यह सिर्फ दुनिया की जिंदगी की एक रौनक है और (जो) नेक आमाल हमेशा बाकी रहने वाले हैं, वह आप के रब के नज़दीक सवाब और बदले के एतेबार से भी बेहतर हैं और उम्मीद के एतेबार से भी बेहतर हैं।” 📕 सूरह कहफ: १८:४६ (लिहाज़ा नेक अमल करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए और उस पर मिलने वाले बदले की उम्मीद रखनी चाहिए।)
आदमी का दुनिया में कितना हक़ है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “इब्ने आदम को दुनिया में सिर्फ चार चीजों के अलावा और किसी की जरूरत नहीं : (१) घर : जिस में वह रेहता है, (२) कपड़ा : जिस से वह सतर छुपाता है। (३) खुश्क रोटी। (४) पानी।“ 📕 तिर्मिजी: २३४१
दुनिया आरजी और आखिरत मुस्तकिल है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "दुनिया की ज़िन्दगी महज चंद रोज़ा है और अस्ल ठहरने की जगह तो आखिरत ही है।" 📕 सूरह मोमिन; ३९
दुनिया में खुद को मशगूल न करो रसुलअल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “तुम में से कयामत के दिन मुझ से ज़ियादा करीब वह शख्स होगा, जो दुनिया से उसी तरह निकल आए, जिस तरह मैं छोड़ कर जा रहा हूँ; अल्लाह की कसम! मेरे सिवा तुम में से हर एक दुनिया की किसी न किसी चीज़ में फंसा हुआ है।” 📕 मुस्नदे अहमद ; हदीस २०९४७
तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो मैं तुम्हारी दुआ कबूल करूँगा, बिला शुबा जो लोग मेरी इबादत करने से एराज़ करते हैं, वह अन्ज़रीब ज़लील हो कर जहन्नम में दाखिल होंगे।" 📕 सूरह मोमिन ६०
दुनिया की चीजें खत्म होने वाली हैं दुनिया की चीजें खत्म होने वाली हैं कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जो कुछ तुम्हारे पास (दुनिया में) है वह (एक दिन) खत्म हो जाएगा और जो अल्लाह तआला के पास है वह हमेशा बाकी रहने वाली चीज़ है।” 📕 सूरह नहल: ९६
Sajde ki dua : सजदा-ए-तिलावत की दुआ Sajde ki dua : रसूलुल्लाह (ﷺ) कुआन मजीद की तिलावत करते हुए आयते सज्दा पर पहुँचते तो इस दुआ को सज्दा-ए-तिलावत में पढ़ा करते -
MD. Salim Shaikh
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