जियादा देर धूप में बैठने के नुक्सानात रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "धूप में बैठने से बचो, क्योंकि उस से कपड़े खराब होते हैं (बदन से) बदबू फूटने लगती है और दबी हुई बीमारियाँ उभर आती हैं।" 📕 मुस्तदरक: ४२६४, अन इब्ने अब्बास (र.अ)
शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia in Hindi मेराज की घटना नबी (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का एक महान चमत्कार है, और इस में आप (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने विभिन्न निशानियों का जो अनुभव कराया यह भी अति महत्वपूर्ण है। मेराज के दो भाग हैं, प्रथम भाग को इसरा और दूसरे को मेराज कहा जाता है, लेकिन सार्वजनिक प्रयोग में दोनों ही को मेराज के नाम से याद कर लिया जाता है। इसरा क्या है ? इसरा कहते हैं रात के एक भाग में चलना, अभिप्राय यह है कि मुहम्मद (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का रात…
आखिरत - इस्लाम की तीसरी अनिर्वाय आस्था आखिरत का अर्थ होता है – परलोकवाद (अंतिम प्रलय या मृत्यु के पच्छात जीवन पर विश्वास): *जैसे के: हम इस जीवन से पहले मृत्य थे, इश्वर(अल्लाह) ने हमे पृथ्वी पर भेजा (जीवन दिया).. तो एक मृत्यु और उसके बाद ये जीवन एक हुआ ,. इस जीवन के बाद फिर एक मृत्यु है और उस मृत्यु के बाद फिर एक जीवन है यानी फिर दोबारा हम उठाये जाने वाले है ,.. – और उठने के बाद मुझे और आपको हिसाब (अकाउन्ट्स) देना है,.. क्या कर्म कर के आये है? सुकर्म , कुकर्म और उसके हिसाब से हमे जन्नत(स्वर्ग) और जहन्नुम(नर्क) मिलने…
अपनी जानों पर जुल्म ना करो: कुरआन अपनी जानों पर ज़ुल्म न करो: अल्लाह ताला ज़ुल्म से बचने के बारे में इरशाद फरमाता है: और अपने आप को क़त्ल न करो। और जो शख्स जोरो ज़ुल्म से नाहक़ ऐसा करेगा (ख़ुदकुशी करेगा) तो (याद रहे कि) हम बहुत जल्द उसको जहन्नुम की आग में झोंक देंगे यह ख़ुदा के लिये आसान है। सूरह निसा 4:29-30 और अल्लाह की राह में ख़र्च करो और अपने हाथ जान हलाकत मे न डालो और नेकी करो बेशक अल्लाह नेकी करने वालों को दोस्त रखता है। सूरह बकराह 2:195 अल्लाह ने ज़ुल्म को हराम कर दिया: (ऐ रसूल) तुम साफ कह…
देवर तो मौत है | शौहर के भाइयों से परदे का हुक्म रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "ना महरम) औरतों के पास आने जाने से बचो! एक अन्सारी सहाबी ने अर्ज किया : देवर के बारे में आप क्या फ़र्माते हैं ? तो आप (ﷺ) ने फर्माया: देवर तो मौत है।" 📕 बुखारी : ५२३२ वजाहत: शौहर के भाई वगैरह से परदा करना इन्तेहाई जरूरी है और उस से इस तरह बचना चाहिये। जिस तरह मौत से बचा जाता है।
तुम खुले और छिपे गुनाहों से भी बचो ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ आज का सबक "तुम खुले गुनाहों से भी बचो और छिपे गुनाहों से भी, जो लोग गुनाह कमाते हैं वे अपनी इस कमाई का बदला पाकर रहेंगे।" 📕 क़ुरआन 6:120
हजरत सअद बिन अबी वक्फास (र.अ) की करामत हजरत उमर फारुक (र.अ) ने अपने जमान-ए-खिलाफत में किसरा को फतह करने के लिए हज़रत सअद बिन अबी वक्कास (र.अ) की इमारत में एक बड़ा लशकर ईरान की तरफ रवाना फर्माया। रास्ते है उन्हें दर्याए दज्ला मिला उस को पार करने के लिए उनके पास न कोई कश्ती थी और न ही कोई दूसरा रास्ता और दर्या का पानी भी काफी चढ़ा हुआ था। हजरत सअद (र.अ) ने लोगों को दर्या पार करने की दावत दी। इस पर एक जमात तय्यार हो गई और उस ने अपने घोड़े दर्या में डाल दिए। फिर हज़रत सअद ने तमाम लोगों को दर्या…
हमेशा सच बोलो क्योंकि सच नेकी का रास्ता बताता है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "हमेशा सच बोलो क्योंकि सच नेकी का रास्ता बताता है और सच और नेकी जन्नत में दाखिल करने वाले हैं। तुम झूट से बचो क्योंकि वह गुनाह का रास्ता बताता है और झूट और गुनाह जहन्नम में दाखिल करने वाले हैं।" 📕 तबरानी कबीर :१६२५१, अन मुआविया बिन अबी सुफियान (र.अ)
कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश ! जानिए जानिए ~ कुरआन में मानवता के लिए 99 सीधे आदेश। ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞ 1. बदज़ुबानी से बचो। (सूरह 3:159) 2. गुस्से को पी जाओ। (सूरह 3:134) 3. दूसरों के साथ भलाई करो। (सूरह 4:36) 4. घमंड से बचो। (सूरह 7:13) 5. दूसरों की गलतियां माफ करो। (सूरह 7:199) 6. लोगों से नरमी से बात करो। (सूरह 20:44) 7. अपनी आवाज़ नीची रखों। (सूरह 31:19) 8. दूसरों का मज़ाक न उड़ाओ। (सूरह 49:11) 9. वालदैन की इज़्ज़त और उनकी फरमाबरदारी करो। (सूरह 17:23) 10. वालदैन की बेअदबी से बचो और उनके सामने उफ़ तक न कहो। (सूरह 17:23) 11. इजाज़त के…
कुरान में Orbits, Nebula aur Big Bang theory का ज़िक्र ❝ सूर्य चन्द्रमा को अपनी ओर खींच नहीं सकता और ना दिन, रात से आगे निकल सकता है. ये सब एक कक्षा (Orbit) में अपनी गति के साथ चल रहे है.❞ [अल-कुरान 36:40] • दिन के रात से आगे निकलने के शब्द देखिये, पृथ्वी से ऊंचाई पर जाकर देखा जाये तो इस दृश्य का इन्ही शब्दों में उल्लेख किया जा सकता है की दोनों एक दुसरे का पीछा कर रहे है. इसके अतरिक्त आयत में "यसबाहून" शब्द है जिसका अर्थ है की वो अपनी गति के साथ चल रहे हैं अर्थात आयत में बता दिया गया है की सूर्ये चन्द्रमा और…
Shab-e-Barat : शबे बराअत की हकीकत | सुन्नी इस्लाम शबे बराअत / 15 शाबान की इबादतें ? क़ब्रिस्तान में चिरागाह ? रात की नमांजे ? हलवा पकाना ? रूहों की वापसी ? १५ Shaban | Shab e Barat ki hakikat Quran aur sunnat ki roshni mein ۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान बहुत रहमवाला है। अल्लाह के नाम से जो सब तअरीफे अल्लाह तअला के लिए हैं हम उसी की तअरीफ करते है और उसी से मदद चाहते हैं। अल्लाह की बेशुमार रहमतें, बरकतें और सलामती नाज़िल हो मुहम्मद सल्लललाहु अलैहि वसल्लम पर और आप की आल व औलाद व असहाब रज़ि. पर। अम्मा बअद! आज…
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