जिस तरह अल्लाह तआला ने हमारे लिये जमीन पर बेशुमार ग़िज़ाएँ पैदा फ़रमाई इसी तरह समन्दर में बेशुमार किस्म की मछलियों को हमारी गिजा बना दिया।
लोग हजारों साल से समुन्दरी मछलियों का शिकार कर के अपनी गिजा हासिल कर रहे हैं। लेकिन आज तक मछलियां खत्म नहीं हुई। और अजीब बात यह है के खारे और मीठे समुन्दर की मछलियों के जायके में कोई खास फर्क नहीं होता।
बेशक यह अल्लाह की कुदरत और बन्दों पर उसकी बड़ी इनायत है जिसने उनके लिये मछली जैसी अहम गिजा का इन्तज़ाम फर्माया।
इन्सान की पैदाइश तीन अंधेरों में Highlights • इंसान की तखलीक़: माँ के पेट में तीन अंधेरों में, बिना किसी रोशनी के, इंसान का निर्माण होता है।• अल्लाह की कुदरत: यह अद्भुत और जबरदस्त कुदरत का उदाहरण है, जहाँ अल्लाह तआला ने एक संकीर्ण और अंधेरी जगह में इंसान को पैदा किया।• कुदरत की बेमिसाल योजना: यह घटना यह साबित करती है कि अल्लाह की कुदरत के आगे किसी भी बड़ी मशीनी प्रक्रिया का कोई मुकाबला नहीं है। काइनात की सब से हसीन तरीन मख्लूख “इन्सान” जिस के लिये अल्लाह तआला ने इस कारखान ए आलम को वुजूद बख्शा है, उसकी तखलीख अल्लाह तआला जहाँ कर रहा हैं,…
फिरौन का इबरतनाक अंजाम कुरआन के बयान के मुताबिक खुदाई का दावा करने वाले फिरऔन की नाफरमानी जब हद से बढ़ गई, तो अल्लाह तआला ने समन्दर में डुबा कर हलाक कर दिया और साथ ही यह ऐलान किया के उस की लाश को आने वाले लोगों के लिए इबरत बनाऊँगा। चुनान्चे मुहकिकीन की राए के मुताबिक फिरऔन की लाश सन १८८१ में समन्दर से मिली, जो तकरीबन तीन हजार एक सौ सोला साल बाद समंदर से निकाली गई और इतनी लम्बी मुद्दत गुजरने के बाद भी लाश को गलने सड़ने से महफूज रखा, जो आज भी मिस्र के म्यूजियम में मौजूद है, आखिर…
परिन्दों की परवरिश Highlights • परिंदों की परवरिश: अल्लाह तआला ने परिंदों को अपनी संतान की परवरिश करने के तरीके सिखाए हैं, जैसे अंडों को गरम रखना और उनकी देखभाल करना।• प्राकृतिक भोजन स्रोत: परिंदों के बच्चों के लिए कीड़े मकोड़े पैदा किए गए हैं, जो उनकी पोषण की आवश्यकता को पूरा करते हैं।• परों का विकास: जैसे ही बच्चे बड़े होते हैं, वे स्वाभाविक रूप से उड़ना सीख जाते हैं।• कुदरत का करिश्मा: परिंदों की संतान के जन्म, परवरिश और उड़ने की प्रक्रिया में अल्लाह की कुदरत। चमगादड़ के अलावा तमाम परिन्दे अंडे देते हैं, वह उन पर बैठकर हरारत व गर्मी…
एक ही पानी से फल और फूल की पैदाइश Highlights • अल्लाह ने एक ही जमीन और पानी से विभिन्न प्रकार के पेड़, फल, और फूल पैदा किए। • हर फल और फूल का रंग, स्वाद, और खुशबू अलग है, जैसे मीठा, खट्टा, सुर्ख या सफेद। • यह अल्लाह की अजीम कुदरत का बेहतरीन नमूना है। अल्लाह तआला जबरदस्त कुदरत वाला है, उस ने एक ही जमीन और एक ही पानी से मुख्तलिफ किस्म के दरख्त, फल और फूल बनाए, हर एक का मज़ा और रंग अलग अलग है, कोई मीठा है तो कोई खट्टा है, कोई सुर्ख है, तो कोई सफेद है, हालांकि सब एक ही ज़मीन और…
नाक के बाल (अल्लाह की कुदरत) Highlights • नाक के बाल और म्यूकस का कार्य: ये हमारे शरीर की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हवा में मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया से बचाते हैं।• अल्लाह की कुदरत: अल्लाह की अद्भुत हिकमत से हमें मामूली सी चीजों के माध्यम से जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ रखा गया है।• बेहतर शारीरिक सुरक्षा: इस प्रणाली की मदद से इन्सान नाक और फेफड़ों की बीमारियों से बचा रहता है। अल्लाह तआला ने हर छोटी बड़ी चीज को हिकमत व मसलेहत के साथ पैदा फ़र्माया है, इन्सान ऑक्सीजन के बगैर जिन्दा नहीं रह सकता, इस लिये अल्लाह तआला ने साँस…
ज़बान दिल की तर्जमान है : अल्लाह की कुदरत Highlights • ज़बान की नेअमत: अल्लाह तआला ने इंसान को ज़बान जैसी महत्वपूर्ण नेअमत अता की, जिसके द्वारा न सिर्फ स्वाद का एहसास होता है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी व्यक्त किया जाता है।• दिल की तर्जमानी: दिल में उठने वाली भावनाओं को ज़बान शब्दों में बदल देती है, जो दिमाग और दिल की कड़ी मेहनत का परिणाम होती है।• कुदरत की कारीगरी: अल्लाह तआला ने दिल, दिमाग और ज़बान को इस तरह से जोड़ा है कि वे एक-दूसरे से समन्वित होकर कार्य करते हैं। अल्लाह तआला ने हम को ज़बान जैसी नेअमत अता फरमायी। उस के जरिये जहाँ…
गिजा और साँस की नालियाँ Highlights • अल्लाह ने खाने और साँस लेने के लिए अलग-अलग नालियाँ बनाई हैं।• खाने की नाली मेदे से जुड़ी है, जबकि साँस की नाली फेफड़ों से जुड़ी है।• कुदरत ने दोनों नालियों को अलग रखकर इंसान की हिफाजत का अद्भुत इंतजाम किया है। अल्लाह तआला ने हमारे साँस लेने और खाने पीने की दो मुख्तलिफ नालियाँ बनाई हैं। खाने की नाली का ताल्लुक मेदे से है और साँस की नाली का ताल्लुक फेफड़े से है। जब इन्सान खाता है या पीता है, तो कुदरती तौर पर साँस की नाली का मुँह ढक्कन की तरह परदे से बंद हो जाता…
इन्सान का सर कुदरत का शाहकार Highlights • इन्सान का सर: अल्लाह तआला ने इंसान का सिर बेहद सुंदर और गोल आकार में बनाया है।• हड्डियों की संरचना: सिर में पचपन हड्डियाँ जुड़ी हुई हैं, जिनकी अलग-अलग शक्लें हैं, जैसे छह हड्डियाँ खोपड़ी, चौबीस हड्डियाँ ऊपर के जबड़े में, दो हड्डियाँ नीचे के जबड़े में, और बाकी दाँतों में हैं।• कुदरत का शाहकार: इस संरचना को अत्यंत सुंदर और सुनियोजित तरीके से जोड़ा गया है। यह सब अल्लाह की अद्भुत कारीगरी को दर्शाता है।• अल्लाह की कारीगरी: यह सब अल्लाह की कुदरत और अदा की बेमिसाल कारीगरी है, जो बेशुमार हड्डियों को इस तरह से जोड़कर…
मच्छर में अल्लाह की क़ुदरत अल्लाह तआला ने छोटी बड़ी बेशुमार मखलूक पैदा फ़रमाई है कोई भी चीज़ कुदरत के कारखाने में निकम्मी और बेकार नहीं है। मच्छर ही पर गौर कीजिए तो उस की बनावट अल्लाह की कुदरत का करिश्मा मालूम होती है। वह जब इन्सान के जिस्म पर बैठता है तो अपनी सुंड जिल्द के मसामात में दाखिल कर देता है और पेट भर कर खून चुस लेता है और हैरत की बात के उस की सूंड इतनी बारीक होने के बावजूद नल्की (Pipe) की तरह होती है। आखिर उस की इतनी बारीक सूंड में सूराख किसने पैदा किया? बेशक यह अल्लाह ही…
तेल (Oil) में अल्लाह की क़ुदरत Highlights • तेल का स्रोत: अल्लाह ने नारियल, मूंगफली, सूरजमुखी, सरसों आदि जैसे पौधे बनाए, जो विभिन्न प्रकार के खुशबूदार तेल प्रदान करते हैं।• खुशबूदार तेल: ये तेल हमारी खाने, मालिश, और अन्य जरूरतों को पूरा करते हैं।• तेल बनाने की कुदरत: इन पौधों को तेल उत्पन्न करने की विशेष क्षमता अल्लाह तआला द्वारा दी गई है।• रंग और ज़ायक़ा: पौधों के बीजों और दानों से विभिन्न रंगों और ज़ायक़ेदार तेलों का संग्रह अल्लाह की कुदरत का एक और चमत्कार है।• अल्लाह का इन्तेज़ाम: यह पूरी व्यवस्था अल्लाह तआला की कुदरत और सटीक योजना का परिणाम है। अल्लाह तआला ने…
जम जम का पानी अल्लाह तआला ने दुनिया में समन्दर, झील, ओले, बारिश और चश्मों का पानी पैदा फर्माया है, लेकिन जम जम का पानी पैदा कर के अपनी कुदरत का जबरदस्त इज़हार फर्माया है। दीगर पानी की तरह इस में भी प्यास बुझाने की सलाहियत है लेकिन खास बात यह है के इस में भूक मिटाने और बीमारी से शिफा देने की भरपूर सलाहियत मौजूद है। दीगर पानी बहुत जल्दी सड़ कर नाकाबिले इस्तेमाल हो जाता है, लेकिन जम जम का पानी सड़ने और खराब होने से हमेशा महफूज रहता है। इस पानी में भूक, प्यास मिटाने और बीमारियों से शिफा देने की सलाहियत पैदा…
चुम्बक (Magnet) में अल्लाह की क़ुदरत अल्लाह तआला ने जमीन के अन्दर किस्म किस्म की धात रखी है, उस में से एक धात चुम्बक है, जो लोहे की एक किस्म है, यह लोहे को अपनी तरफ़ खींचता है और लोहे से चिपक जाता है और लोहे के अलावा किसी दूसरी चीज़ से नहीं चिपकता, अगर उस के सामने लकडी पत्थर वगैरा रखे जाएं, तो उससे नहीं चिपकता। जरा गौर कीजिए, के जमीन से निकली हुई मामूली सी धात में ऐसी ताकत किस ने रखी है यकीनन यह अल्लाह तआला की कुदरत है, जिस चीज में जैसा चाहता है वैसी खासियत रखता है। 📕 अल्लाह की कुदरत
च्यूँटी अल्लाह की कुदरत का नमूना है च्यूटी भी अल्लाह की अजीब मखलूक है। इतने छोटे से जान्वर में अल्लाह तआला ने आँख नाक कान दिल व दिमाग हाथ पैर कितनी कारीगरी से बनाए। फिर इन को सोचने, समझने और सूंघने की बेपनाह सलाहियतों से नवाज़ा। वह एक मील की दूरी से मीठी चीज़ों का सूंघ कर पता लगा लेती है। च्यंटियों की सरदार को जब कोई चीज़ मिलती है, तो वह अपने मातहत तमाम च्यंटियो को बुलाती है।।और वह उस चीज़ को उठा कर अपने बिलों में ले जाती हैं। अगर किसी दाने के जमने का खतरा महसूस करती हैं, तो उस के टुकड़े कर देती हैं…
सूरज, अल्लाह की निशानी अल्लाह तआला ने सूरज बनाया, जिसे हम आग का एक दहेकता हुआ गोला समझते हैं, जिस से हमें रोशनी और गर्मी हासिल होती है यह हज़ारों साल से इसी तरह दहेक रहा है, रोज़ाना पूरब से निकलता और पच्छिम में जा कर छुप जाता है। अब हम गौर करें के इस दहेकते हुए सुरज को ईंधन कौन देता है? कौन है जो इस के लिए पेट्रोल या गैस या लकड़ी का इंतेज़ाम करता है? जिस से वह हज़ारों साल से इसी तरह दहेक रहा है, और फिर इतना ज़्यादा इंधन कहां से आ रहा है, जिस के जलने से सारी दुनिया को…
नाक - कुदरते इलाही की निशानी Highlights • चेहरे की रौनक: नाक के द्वारा चेहरे की सुंदरता और खुशनुमा रूप में वृद्धि होती है।• महसूस करने की ताकत: नथनों में सूंघने की शक्ति होती है, जिससे हम खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता का तुरंत पता लगा सकते हैं।• ताजा हवा की अहमियत: नाक ताजा हवा को सूंघकर दिल की गिजा और शरीर के अंदरूनी तापमान को बनाए रखती है।• कुदरत का करिश्मा: यह अद्भुत व्यवस्था केवल अल्लाह की कुदरत से संभव है।• आध्यात्मिक सोच: यह सोचने पर मजबूर करता है कि इस नायाब तंत्र को बनाने वाला वही है, जो हर छोटे से छोटे तत्व का…
MD. Salim Shaikh
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