परिन्दों की परवरिश

A parent bird feeding its young chicks

Highlights

परिंदों की परवरिश: अल्लाह तआला ने परिंदों को अपनी संतान की परवरिश करने के तरीके सिखाए हैं, जैसे अंडों को गरम रखना और उनकी देखभाल करना।
प्राकृतिक भोजन स्रोत: परिंदों के बच्चों के लिए कीड़े मकोड़े पैदा किए गए हैं, जो उनकी पोषण की आवश्यकता को पूरा करते हैं।
परों का विकास: जैसे ही बच्चे बड़े होते हैं, वे स्वाभाविक रूप से उड़ना सीख जाते हैं।
कुदरत का करिश्मा: परिंदों की संतान के जन्म, परवरिश और उड़ने की प्रक्रिया में अल्लाह की कुदरत।

परिन्दों की परवरिश

चमगादड़ के अलावा तमाम परिन्दे अंडे देते हैं, वह उन पर बैठकर हरारत व गर्मी पहुंचाते हैं।

फिर कुछ दिनों के बाद उन अंडों से बच्चे निकल आते हैं, उन चूजों की गिजा के लिये अल्लाह तआला ने बेशुमार कीड़े मकोड़े पैदा कर दिये जिनको पकड़ कर परिन्दे अपने बच्चों के मुंह में डाल देते हैं।

जब उन के जिस्म में पर निकलने लगते हैं तो परिन्दे बड़ी आसानी के साथ खुद बख़ुद उड़ना सीख जाते हैं

आखिर उन परिन्दों को अंडों से बच्चे निकालने, परवरिश करने और उड़ने का सलीका कौन सीखाता है?

बेशक अल्लाह तआला ही ने अपनी कुदरत से उनकी पैदाइश और तरबियत व परवरिश का इन्तेजाम फ़रमाया है।

📕 अल्लाह की कुदरत


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