“जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।”
दुनिया में खाना पीना चंद रोज़ा है क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है - "तुम (दुनिया में) थोड़े दिन खा लो और (उससे) फायदा उठालो, बेशक तुम मुजरिम हो (यानी यह दुनियवी ज़िंदगी चंद रोज़ की है, अगर उसके पीछे पड़ कर अपनी आखिरत की ज़िंदगी को भुला दोगे, तो क़यामत के दिन तुम मुजरिम बन कर उठोगे)।" 📕 सूरह मुरसलात: ४६
अल्लाह की चाहत दुनिया नहीं कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "तुम तो दुनिया का माल व असबाब चाहते हो और अल्लाह तआला तुमसे आखिरत को चाहता हैं।" 📕 सूरह अन्फाल: ६७ फायदा: इंसान हर वक़्त दुनियावी फायदे में मुन्हमिक रहता है और उसी को हासिल करने की फिक्र में लगा रहता है, हालांकि अल्लाह तआला चाहते हैं के दुनिया के मुकाबले में आखिरत की फिक्र ज्यादा की जाए, क्योंकि आखिरत में हमेशा रहना है।
अहले ईमान का बदला कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "उन (अहले ईमान और नेक अमल करने वालों) का बदला उन के रब के पास ऐसे हमेशा रहने वाले बाग़ होंगे, जिन के नीचे नहरें बह रही होंगी। यह लोग उन में हमेशा रहेंगे। अल्लाह तआला उन से राज़ी, और वह अल्लाह से खुश होंगे। और यह बदला हर उस शख्स के लिये है जो अपने रब से डरता है।" 📕 सूरह अल-बय्यिना 98:8
नेक अमल करने वालों का इनाम कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो लोग ईमान लाए और नेक अमल करते रहे, वह जन्नत के बागों में दाखिल होंगे, वह जिस चीज़ को चाहेंगे उनके रब के पास उन को मिलेगी। (उनकी) हर ख्वाहिश का पूरा होना भी बड़ा फज़ल व इनाम है।" 📕 सूरह शूरा : २२
जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये दुनिया और आखिरत में भलाई है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जो लोग परहेजगार हैं, जब उनसे पूछा जाता है के तुम्हारे रब ने क्या चीज़ नाजिल की है? तो जवाब में कहते हैं : बड़ी खैर व बरकत की चीज नाजिल फ़रमाई है। जिन लोगों ने नेक आमाल किये, उनके लिये इस दुनिया में भी भलाई है और बिला शुबा आखिरत का घर तो दुनिया के मुकाबले में बहुत ही बेहतर है और वाक़ई वह परहेजगार लोगों का बहुत ही अच्छा घर है।” 📕 सूरह नहल: ३०
परहेज़गारों की नेअमत कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "(क़यामत के दिन) परहेज़गार लोग (जन्नत) के सायों में और चशमों में और पसन्दीदा मेवों में होंगे (उन से कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के बदले में खूब मजे से खाओ पियो, हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं। (और) उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी ख़राबी होगी।" 📕 सूरह मुरसलात: ४१ ता ४५
दुनिया चाहने वालों के लिये नुकसान कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "जो शख्स आखिरत की खेती का तालिब हो, हम उसकी खेती में तरक्की देंगे और जो दुनिया की खेती का तालिब हो, (के सारी कोशिश उसी पर खर्च कर दे)। तो हम उस को दुनिया में से कुछ दे देंगे और ऐसे शख्स का आख़िरत में कोई हिस्सा नहीं।" 📕 सूरह शूरा : २०
जन्नतियों का लिबास कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "उन जन्नतियों के बदन पर बारीक और मोटे रेशम के कपड़े होंगे और उनको चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे और उनका रब उनको पाकीज़ा शराब पिलाएगा।(अहले जन्नत से कहा जाएगा के) यह सब नेअमतें तुम्हारे आमाल का बदला हैं और तुम्हारी दुनियावी कोशिश कबूल हो गई।" 📕 सूरह दहर : २१ ता २२
मेहमान की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है मेहमान की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो आदमी अल्लाह और यौमे आखिरत पर ईमान रखता हो, उसे अपने मेहमान का इकराम करना चाहिये, एक दिन व रात की खिदमत उस का जाइज हक़ है और उस की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है, उस के बाद की मेजबानी उस के लिये सदक़ा है और मेहमान के लिये जियादा दिन ठहर कर मेजबान को तंगी में मुब्तला करना जाइज नहीं है।" 📕 बुखारी : ६१३५
आखिरत दुनिया से बेहतर है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम दुनियावी जिंदगी को मुकद्दम रखते हो, हालांके ! आखिरत दुनिया से बेहतर है और बाकी रहने वाली है (इसलिए आखिरत ही की तय्यारी करो)।” 📕 सूरह आला : १६ ता १७
माल व औलाद क़ुर्बे खुदावन्दी का जरिया नहीं कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद ऐसी चीज़ नहीं जो तुम को दर्जे में हमारा मुकर्रब बना दे, मगर हाँ! जो ईमान लाए और नेक अमल करता रहे, तो ऐसे लोगों को उनके आमाल का दूगना बदला मिलेगा और वह जन्नत के बाला खानों में आराम से रहेंगे।" 📕 सूरह सबा : ३७
रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे | Roze ki Halat me bhi Jhoot aur Dagabazi se bachey Hadees of the Day रोज़े की हालत में भी झूठ और दगाबाज़ी से बचे ۞ हदीस: अबू हुरैरा (र.अ.) से रिवायत है की,रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया - "अगर कोई शक्श (रोजा रख कर भी) झूठ बोलना और दगाबाजी करना ना छोड़े तो अल्लाह सुभानहु ताला को उसकी कोई जरूरत नहीं कि वो अपना खाना पीना छोड़ दे।" 📕 सहिह बुखारी, खंड 3, हदीस 1903
दुनिया से बेहतर आख़िरत का घर है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "दुनिया की जिन्दगी सिवाए खेल कूद के कुछ भी नहीं और आखिरत का घर मुत्तकियों (यानी अल्लाह तआला से डरने वालों) के लिये बेहतर है।" 📕 सूरह अन्आम : ३२
MD. Salim Shaikh
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