रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:
“कयामत के दिन लोगों में से वह खुश नसीब मेरी शफाअत का मुस्तहिक होगा, जिसने सच्चे दिल से “कलिम-ए-तय्यिबा” “ला इलाहा इलल्लाहु” पढ़ा होगा।”
Discover more from उम्मते नबी ﷺ हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.