अल्लाह तआला ने इन्सान को बेशुमार नेअमतों से नवाजा है, उन्हीं में से एक अजीम नेअमत नींद है, जब आदमी सो जाता है तो उस का एहसास व शुऊर खत्म हो जाता है और आदमी अपने गिर्द व पेश बल्के अपने जिस्म के अहवाल से भी बेखबर हो जाता है।
गोया उस वक्त यह क़ुव्वते उस से लेली जाती है मगर मौत की तरह नींद देकर फिर जीती जागती ज़िन्दगी कौन अता करता है?
यकीनन यह अल्लाह तआला ही अता करता है।
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