रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :
“पाँच नमाजें अल्लाह तआला ने फर्ज की हैं, जिस ने उन के लिऐ अच्छी तरह वुजू किया और ठीक वक्त पर उन को पढ़ा और रुकू व सज्दह जैसे करना चाहिये वैस हो किया, तो ऐसे शख्स के लिये अल्लाह तआला का पक्का वादा है, के वह उसको बख्श देगा। और जिस ने ऐसा नहीं किया तो लिए अल्लाह तआला का कोई वादा नहीं, चाहेगा तो उसको बख्श देगा और चाहेगा तो सजा देगा।”
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