मौत की तमन्ना करना कैसा?

मौत की तमन्ना करना कैसा?

 रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:

“किसी तकलीफ़ में अगर कोई शख़्स मुबतला हो तो उसे मौत की तमन्ना नहीं करनी चाहीए
और अगर कोई मौत की तमन्ना करने ही लगे तो ये कहना चाहीए
“ए अल्लाह! जब तक ज़िंदगी मेरे लिए बेहतर है मुझे ज़िंदा रख

और जब मौत मेरे लिए बेहतर हो तो मुझ को उठा ले।”

📕 बुखारी; हदीस: 5671

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