मेहमान की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है

Mehman ki Mehman Nawazi 3 din hai [Hadees: Bukhari 6135]

मेहमान की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“जो आदमी अल्लाह और यौमे आखिरत पर ईमान रखता हो, उसे अपने मेहमान का इकराम करना चाहिये, एक दिन व रात की खिदमत उस का जाइज हक़ है और उस की दावत व मेहमान नवाजी तीन दिन है, उस के बाद की मेजबानी उस के लिये सदक़ा है और मेहमान के लिये जियादा दिन ठहर कर मेजबान को तंगी में मुब्तला करना जाइज नहीं है।”

📕 बुखारी : ६१३५




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