“अगर जन्नत की कोई औरत ज़मीन वालों की तरफ झाँक ले तो ज़मीन व आसमान के दर्मियान की तमाम चीज़ों को रौशन कर दे और उस को खुश्बू से भर दे और उसकी ओढ़नी दुनिया और तमाम चीज़ो से बेहतर है।”
रुकू व सज्दा अच्छी तरह न करने पर वईद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "बदतरीन चोरी करने वाला शख्स वह है जो नमाज़ में से भी चोरी कर ले, सहाबा ने अर्ज किया : या रसूलल्लाह (ﷺ) ! नमाज़ में से कोई किस तरह चोरी करेगा ? फर्माया : वह रुकू और सज्दा अच्छी तरह से नहीं करता है।" 📕 इब्ने खुजैमा : ६४३
लोगों की जरूरतें पूरी करने वालो की फ़ज़ीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला ने कुछ बन्दों को लोगों की जरूरत पूरी करने के लिये पैदा किया है, लोग उन के पास अपनी ज़रूरत ले कर जाते हैं, लोगों की जरूरत पूरी करने वाले यह लोग अल्लाह के अज़ाब से महफूज रहेंगे।” 📕 तबरानी कबीर : १३१५३
मुसलमान को कपड़ा पहनाने की फ़ज़ीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "जिसने किसी मुसलमान को कपड़ा पहनाया, जब तक उस के बदन में एक धागा भी रहेगा, वह उस वक्त तक अल्लाह की हिफाजत रहेगा।" 📕 मुस्तदरक हाकिम : ७४२२
कोसे कज़ह (Rainbow) में अल्लाह की कुदरत Highlights • बारिश और धूप का मिलाज: हल्की धूप और बारिश से आसमान पर सात रंगों वाली क़ौसे कज़ह (कमान) का दृश्य बनता है।• आसमान की खूबसूरती: यह रंगीन कमान आसमान की सुंदरता में इज़ाफ़ा करती है, जो मानव को चमत्कृत कर देती है।• प्राकृतिक चमत्कार: यह शानदार दृश्य बिना किसी पेंटिंग के चंद मिनटों में तैयार होता है।• अल्लाह की कुदरत: यह अल्लाह की अद्भुत कुदरत का परिणाम है, जो अपनी मर्ज़ी से प्रकृति का यह अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करती है।• आध्यात्मिक सोच: यह प्राकृतिक दृश्य इंसान को सोचने पर मजबूर करता है कि ऐसी खूबसूरती का निर्माण किसने…
दीनदार औरत से निकाह करो हुस्न, खानदान और मालदारी की वजह से निकाह न करो एक और रिवायत में रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम औरतों से (सिर्फ) उन के हुस्न व जमाल की वजह से शादी न करो क्योकि हुस्न व जमाल खत्म होने वाला है और न उनकी मालदारी की वजह से शादी करो, मुमकिन है यह मालदारी उनको नाफ़रमानी में मुब्तला कर दे, अलबत्ता उनसे दीनदारी की बूनियाद पर निकाह करो।” 📕 इब्ने माजा: १८५९ दीनदारी की वजह से औरत से निकाह करो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "औरत से चार चीजों की वजह से निकाह किया जाता है। उसके माल, हसब नसब,…
हज़रत साबित (र.अ) के लिये पेशीनगोई हुजूर (ﷺ) का मुअजिजा आप (ﷺ) ने हज़रत साबित बिन कैस (र.अ) से फरमाया था: "क्या तुम इस पर राजी नहीं के एक अच्छी जिन्दगी बसर करो और शहीद की मौत मरोऔर फिर जन्नत में दाखिल हो जाओ? तो हजरत साबित ने फरमाया : या रसूलल्लाह (ﷺ) हाँ क्यों नहीं। चुनान्चे हज़रत साबित (र.अ) ने अच्छी जिन्दगी बसर कीऔर फिर अल्लाह की राह में शहीद हो गए।" 📕 मुअजमे कबीर लित तबरानी : १२९६
खाना खाते वक्त टेक न लगाना रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "मैं टेक लगा कर नहीं खाता हूँ।” 📕 बुखारी: ५३९८ फायदा: बिला उज्र टेक लगा कर खाना सुन्नत के खिलाफ है।
अस्तगफार कि दुआ (जिसने ये दुआ की उसके सारे गुनाह मुआफ कर दिए गए) ۞ हदीस: ज़ैद (र.अ) से रिवायत है के, रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: जिसने ये कहा तो उसके गुनाह मुआफ कर दिए जायेंगे चाहे वो मैदाने जंग से ही क्यों न भाग गया हो: "अस्तग्फिरुल्लाह अल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल कय्यूम व अतुबू इलैह " तर्जुमा : (मैं अल्लाह से अपने गुनाहों की मुआफी मांगता हु जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, जो जिंदा और हमेशा रहने वाला है और मैं उसी की तरफ तौबा करता हु) 📕 सुनन अबू दावुद, 1517-सहीह
किसी इज्जत की हिफाज़त करने का सवाब रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जिस ने पीठ पीछे अपने भाई की इज्जत की हिफाजत की। अल्लाह तआला अपनी जिम्मेदारी से उस को (जहन्नम की) आग से आज़ाद कर देगा।" 📕 तबरानी कबीर : १९९१६
गुनाह से न रोकने का वबाल रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जो आदमी ऐसे लोगों के दर्मियान रह कर गुनाह के काम करता हो के वह उस को रोकने पर कादिर हों, मगर फिर भी न रोकें तो अल्लाह तआला मरने से पहले उन को भी उस गुनाह के अज़ाब में मुब्तला कर देगा।" 📕 अबू दाऊद: ४३३९-हसन
अच्छे और बुरे अख़्लाक़ की मिसाल हदीस: रसूलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "अच्छे अख्लाक बुराइयों को इस तरह खत्म कर देते हैं जिस तरह पानी बरफ को पिघला देता है और बुरे अख्लाक अच्छे कामों को इस तरह खत्म कर देते हैं जिस तरह सरका शहद को खराब कर देता है।" 📕 तबरानी कबीर: १०६२६
आप (ﷺ) की आखरी वसिय्यत रसूलल्लाह (ﷺ) ने आखरी वसिय्यत यह इरशाद फ़रमाई : "नमाजों और अपने ग़ुलामों के बारे में अल्लाह तआला से डरो।" ( यानी नमाज को पाबन्दी से पढ़ते रहा करो और गुलामों (नौकरों) के हुकूक अदा करो।) 📕 अबू दाऊद: ५१५६
खुश्बू को रद्द नहीं करना चाहिये रसूलल्लाह (ﷺ) को जब खुशबु का हदिया दिया जाता, तो आप (ﷺ) उस को रद्द नहीं फ़रमाते थे। 📕 तिर्मिजी : २७८९
शराब, मुरदार और खिन्ज़ीर हराम है रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "अल्लाह तआला ने शराब और उस की कीमत, मुरदार और उसकी कीमत, खिन्जीर और उसकी क़ीमत को हराम कर दिया है।" 📕 अबू दाऊद: ३४८५
MD. Salim Shaikh
Assalamu Alaikum – I am Mohammad Salim Shaikh, founder of Ummat-e-Nabi.com, sharing authentic Islamic knowledge since 2010. My mission is to present the beauty of Islam in a simple and clear way through Qur’an and Hadith. Alhamdulillah, our Facebook page fb.com/UENofficial
with 900,000+ followers continues to spread Islamic teachings, building a strong global community of learning and faith.