हज़रत ज़करिया (अ.स)

1 Islami Traikh Islamic History in hindi

हज़रत ज़करिया (अ.स) अल्लाह तआला के मुन्तखब करदा नबी और बनी इस्राईल के रहनुमा थे। उन्होंने हज़रत ईसा (अ.स) का ज़माना पाया था। तमाम अम्बियाए किराम का दस्तूर था वह अपने हाथ की कमाई से गुज़र बसर किया करते थे। 

हज़रत ज़करिया (अ.स) ने भी अपने गुज़ारे के लिए नज्जारी (सुतारी.बढ़ई) का पेशा इख़्तियार कर रखा था। उन्होंने ही हज़रत ईसा (अ.स) की वालिद-ए. मोहतरमा हज़रत मरयम की कफालत व तरबियत फ़रमाई थी। हज़रत ज़करिया (अ.स) बूढ़े हो गए थे, लेकिन उन्हें कोई औलाद नहीं थी और उन के खान्दान में कोई शख्स उन के बाद बनी इस्राईल की रूश्दव हिदायत की ख़िदमत अन्जाम देने वाला नहीं था, इस लिये उन्हें हमेशा यह फिक्र रहती थी के मेरे बाद यह काम कौन करेगा, एक मर्तबा हज़रत मरयम के पास बेमौसम के फल देख कर पूछा के मरयम ! यह कहाँ से आए? तो उन्होंने कहा के यह अल्लाह तआला की तरफ से है।

हज़रत ज़करिया (अ.स) ने कहा के जो खुदा बेमौसम के फल देने पर क़ादिर है, तो वह बुढ़ापे में औलाद भी दे सकता है।

चुनान्चे उन्होंने अल्लाह तआला से एक नेक सालेह औलाद माँगी, अल्लाह तआला ने उन की दुआ क़ुबूल फ़रमाई और बड़ी उम्र में हज़रत याह्या (अ.स) जैसा बेटा अता फ़रमाया।

📕 इस्लामी तारीख

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